कर्नाटक सरकार ने पाठ्यक्रम से हेडगवार को निकाला, केंद्र ने मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी से नेहरू का नाम हटाया
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली
सरकारों के निर्णय बता रहे हैं कि जनहित से ज्यादा ‘इगो सैटिसफैक्शन’ के लिए काम किए जा रहे हैं. इसकी ताजा मिसाल है यह ताजी घटना जिसमंे कर्नाटक की कांग्रेस सरकार द्वारा स्कूल की पाठ्यपुस्तकांे से आरएसएस के संस्थापक का नाम निकालते ही केंद्र की बीजेपी सरकार ने नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी का नाम बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय सोसाइटी कर दिया.
नई दिल्ली के तीन मूर्ति भवन परिसर में स्थित नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी का नाम सरकार ने प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय सोसायटी के रूप में बदल दिया है, जिस पर कांग्रेस की तीखी प्रतिक्रिया हुई. इसने इसे ‘तुच्छ कृत्य’ करार दिया है.
तीन मूर्ति भवन के परिसर में प्रधानमंत्री संग्रहालय के उद्घाटन के लगभग एक साल बाद सोसाइटी का नाम बदलने का कदम उठाया गया, जो पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के आधिकारिक निवास के रूप में कार्य करता था.
संस्कृति मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी (एनएमएमएल) की एक विशेष बैठक में इसका नाम बदलने का फैसला किया गया.बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की. वह सोसायटी के उपाध्यक्ष हैं.
बैठक में अपने संबोधन में, सिंह ने नाम में बदलाव के प्रस्ताव का स्वागत किया. कहा कि अपने नए रूप में संस्थान जवाहरलाल नेहरू से लेकर नरेंद्र मोदी तक सभी प्रधानमंत्रियों के योगदान और उनके सामने आने वाली विभिन्न चुनौतियों के प्रति उनकी प्रतिक्रियाओं को प्रदर्शित करता है.
प्रधानमंत्रियों को एक संस्था के रूप में वर्णित करते हुए और विभिन्न प्रधानमंत्रियों की यात्रा की इंद्रधनुष के विभिन्न रंगों से तुलना करते हुए, सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि इंद्रधनुष को सुंदर बनाने के लिए उसके सभी रंगों का आनुपातिक रूप से प्रतिनिधित्व किया जाना चाहिए.
इसमें कहा गया, इस तरह प्रस्ताव को एक नया नाम दिया गया है. हमारे सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों का सम्मान किया गया है और यह लोकतांत्रिक है.
क्षुद्रता और प्रतिशोध
कांग्रेस ने इसे प्रतिशोध की कार्रवाई करार दिया और कहा कि इमारतों का नाम बदलने से विरासत नहीं मिटती.कांग्रेस महासचिव संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा, “क्षुद्रता और प्रतिशोध, आपका नाम मोदी है. 59 से अधिक वर्षों के लिए नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय (एनएमएमएल) एक वैश्विक बौद्धिक मील का पत्थर और किताबों और अभिलेखागार का खजाना घर रहा है. अब से इसे प्रधानमंत्री संग्रहालय और सोसायटी कहा जाएगा.
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