Culture

प्रोफेसर ख्वाजा मुहम्मद इकरामुद्दीन: उर्दू भाषा साहित्य के अनुसंधान और आलोचना के लिए पुरस्कार

अबू शाहमा अंसारी, बारा बांकी / दिल्ली

प्रोफेसर ख्वाजा मुहम्मद इकरामुद्दीन उर्दू साहित्य का एक जाना-माना नाम है. उनकी बहुमूल्य साहित्यिक सेवाओं के लिए उर्दू अकादमी, दिल्ली नेे उन्हें अनुसंधान एवं आलोचना पुरस्कार से सम्मानित किया है. इसपर उन्हें देश-विदेश से बधाई एवं शुभकामनाएं मिल रही हैं.

साहित्यिक यात्रा

ख्वाजा मुहम्मद इकरामुद्दीन का जन्म 25 दिसंबर 1964 को झारखंड के गिरिडी में हुआ. उनकी प्राथमिक शिक्षा विद्यालय एवं मदरसे में हुई. बाद में मॉडर्न हाई स्कूल पटना से मैट्रिक और पटना कॉलेज से इंटरमीडिएट किया. वह उर्दू ऑनर्स विशेष अंकों के साथ उत्तीर्ण हुए. 1988 में उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालयए नई दिल्ली से स्नातक की उपाधि प्राप्त की. उर्दू में एमफिल और पीएचडी की डिग्रियां हासिल कीं. 1994 में उन्हें दिल्ली विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग में रिसर्च एसोसिएट के रूप में नौकरी मिली. फिर उन्हें भारतीय भाषा केंद्र, भाषा साहित्य और संस्कृति अध्ययन स्कूल जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालयए में सहायक प्रोफेसर के रूप में नियुक्त किया गया. वर्तमान में वह उसी केंद्र में उर्दू के प्रोफेसर हैं.

शिक्षक के रूप में इकरामुद्दीन

वह उर्दू भाषा साहित्य सेवाओं के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध हैं. उन्हांेने 28 पुस्तकें लिखी हैं. उनकी कई पुस्तकों के कई संस्करण प्रकाशित हो चुके हैं. अधिकांश पुस्तकें भारत और विदेशों के विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम चलती हैं. शैक्षणिक और साहित्यिक कार्यों के लिए उन्हें कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मान और पुरस्कार मिल चुके हैं. तीन साल तक वह राष्ट्रीय उर्दू भाषा संवर्धन परिषद, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार में निदेशक के पद पर रहे.

प्रो इकरामुद्दीन और आधुनिक तकनीक

वह उर्दू की नई संभावनाओं की खोज में लगातार सक्रिय रहते हैं. उन्होंने कुछ साल पहले दुनिया भर के उर्दू सीखने वालों के लिए एक ऑनलाइन उर्दू सीखने का कार्यक्रम शुरू किया था. जिसने दुनिया भर में लोकप्रियता मिली थी. उर्दू एसोसिएशनए एक गैर.सरकारी स्वतंत्र संगठन के अध्यक्ष है. इस संस्था का उद्देश्य उर्दू लेखकों की पुस्तकें प्रकाशित करना और लेखकों पर आधारित विश्वकोश तैयार करना है.

लेखक के रूप में इकरामुद्दीन

वह विश्व उर्दू अनुसंधान और प्रकाशन केंद्र के तत्वावधान में एक ऑनलाइन उर्दू प्रकाशन मंच चलाते हैं. उन्हांेने ऑनलाइन उर्दू पत्रिका भी लॉन्च की है. इस पत्रिका के वह प्रधान संपादक है. उनकी कुछ लोकप्रिय पुस्तकों में शुमार हैं, रशीद अहमद सिद्दीकी की शैली का आलोचनात्मक अध्ययन, उर्दू काव्य शैली, वसीम बरेलवी की कविता के बौद्धिक और कलात्मक पहलू, उर्दू का वैश्विक परिप्रेक्ष्य. फारसी संग्रह में उदू-हिन्दी साहित्य की दिशा और गति, 21वीं सदी का महिला साहित्य आदि शामिल है. उर्दू अकादमी, दिल्ली के कुलपति ख्वाजा मुहम्मद इकरामुद्दीन ने उनके शोध और आलोचनात्मक सेवाओं के सम्मान में अनुसंधान और आलोचना पुरस्कार 22.2021 प्रदान किया है. प्रोफेसर ख्वाजा मुहम्मद इकरामुद्दीन को लेकर सोशल मीडिया पर खुशी की लहर है.