सऊदी अरब मध्य एशियाई देशों के साथ अधिक सहयोग चाहता हैः निवेश मंत्री खालिद अल-फलीह
मुस्लिम नाउ ब्यूरो,रियाद
सऊदी अरब ने मध्य एशियाई देशों के साथ गहरे संबंध बना रखे हैं. भविष्य में उन्हें और मजबूत करने की उम्मीद है.सऊदी प्रेस एजेंसी के अनुसार, निवेश मंत्री खालिद अल-फलीह ने कहा कि किंगडम ने जेद्दा में खाड़ी सहयोग परिषद और पांच मध्य एशियाई देशों के पहले शिखर सम्मेलन या जीसीसी-सी5 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने का कारण अपनी स्थिति की पुष्टि करना था.
इस आयोजन में भाग लेने वाले पांच मध्य एशियाई देशों में उज्बेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और किर्गिस्तान शामिल हैं.मंत्री ने जोर देकर कहा कि किंग सलमान और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के नेतृत्व में क्षेत्रीय, महाद्वीपीय और वैश्विक स्तर पर देश की स्थिति अच्छी हुई है.
उन्होंने इस शिखर सम्मेलन के अपेक्षित परिणामों के बारे में आशा व्यक्त किया. विशेष रूप से भाग लेने वाले देशों के बीच आर्थिक और निवेश संबंधों के विकास और विस्तार के संबंध में उन्होंने उम्मीद जाहिर की है.मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि इस तरह के सहयोग से इन देशों के बीच व्यापार संबंध विकसित करने के अवसर बढ़ेंगे.
उन्होंने रेखांकित किया कि मध्य एशियाई देशों के साथ राज्य के संबंध उस धार्मिक बंधन के कारण गहरे रहे हैं जिसने इस क्षेत्र के मुसलमानों को पिछली 14 शताब्दियों से बांध रखा है.अल-फलीह ने मध्य एशियाई देशों द्वारा निर्धारित रणनीतिक विकास योजनाओं, जैसे किर्गिस्तान की राष्ट्रीय विकास रणनीति 2018-2040 और कजाकिस्तान की रणनीति 2050 का भी स्वागत किया.
वे जीसीसी के विजन स्टेटमेंट के साथ अच्छी तरह से जुड़े हुए हैं, जिसमें सबसे आगे किंगडम के 2030 ब्लूप्रिंट का नेतृत्व किया गया है. उसके बाद ओमान के विजन 2040 और बहरीन के आर्थिक विजन 2030 का अनुसरण किया गया.निवेश मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि दृष्टिकोण और रणनीतियां, भले ही उनके विवरण में समान न हों, उनके मुख्य लक्ष्य समान हैं. विशेष रूप से आर्थिक और निवेश क्षेत्रों में. उन्होंने कहा कि किंगडम और मध्य एशियाई देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार पहले ही शुरू हो चुका है.
मंत्री ने कुछ मध्य एशियाई देशों में किंगडम द्वारा किए गए विभिन्न निवेशों का हवाला दिया. जैसे सऊदी उपयोगिता प्रमुख एसीडब्ल्यूए पावर द्वारा किए गए निवेश. यह इस क्षेत्र की एक प्रमुख कंपनी है.
उन्होंने कहा कि किंगडम ने उज्बेकिस्तान, अजरबैजान और कजाकिस्तान में प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में भी निवेश किया है. उदाहरण के लिए, डॉ. सुलेमान अल-हबीब मेडिकल ग्रुप ने उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं.
अल-फलीह ने यह भी उल्लेख किया कि फवाज अल-होकैर समूह ने कजाकिस्तान के पर्यटन क्षेत्र में निवेश के लिए इसी तरह के समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं.क्षेत्रों के बीच हवाई संपर्क भी बढ़ गया है. फ्लाईनास जैसी सऊदी एयरलाइंस देश को कुछ मध्य एशियाई देशों से जोड़ रही हैं. अल राजी इंटरनेशनल ग्रुप की उज्बेकिस्तान के कृषि क्षेत्र में निवेश की योजना है.
बहध्रुवीय विश्व की तैयारी
इस बीच, गल्फ रिसर्च सेंटर में सांस्कृतिक कार्यक्रम के प्रमुख जैद बिन अली अल-फुदैल ने अल-एखबरिया टीवी को बताया कि जीसीसी देशों का मध्य एशिया की ओर रणनीतिक कदम खुलेपन के युग और वैश्विक सामूहिक भागीदारी का अनुभव है. इसे दुनिया अनुभव कर रही है.
उन्होंने कहा कि दुनिया पर हावी हो चुके पश्चिम के एजेंडे को थोपने की एकध्रुवीय अवधारणा को रोका जाना चाहिए.अल-फुदहेल ने आगे कहा कि जलवायु से संबंधित विचार एक पश्चिमी अवधारणा है, जिसका उपयोग दूसरों पर अपने हितों के लिए दबाव डालने के लिए किया जाता है.
उनका दावा है कि आने वाले दो दशकों में तेल का अस्तित्व ही नहीं रहेगा. इस मामले में हम अकेले हारे हुए है. उनके पास कई तेल भंडार और यहां तक कि कोयला भी है. इसके बावजूद, वे क्षेत्र को अस्थिर करना चाहते है.अल-फुदैल ने कहा कि जीसीसी और मध्य एशियाई देशों को पश्चिम की योजनाओं को जानना चाहिए. इन प्रयासों का सामना करना चाहिए.
उन्होंने कहा, सऊदी अरब और जापान, तुर्की, ईरान, चीन और रूस के बीच किए गए सहयोग और साझेदारियों ने हमारे लिए मध्य एशिया तक पहुंच का मार्ग प्रशस्त किया है. उन्होंने कहा कि जीसीसी-सी5 समूह को अपने प्रयास बंद नहीं करने चाहिए. इन पड़ोसियों के साथ अधिक सहयोग करने की जरूरत है.
योजना मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ के अधिकारियों से की मुलाकात
सऊदी के अर्थव्यवस्था और योजना मंत्री फैसल अल-इब्राहिम ने न्यूयॉर्क में उच्च स्तरीय राजनीतिक फोरम 2023 के मौके पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से मुलाकात की. इस दौरान दोनों ने सतत विकास के क्षेत्र में आम मुद्दों और अधिक तरीकों पर चर्चा की. देश और संगठन के बीच सहयोग बढ़ाने पर भी बात की गई.
इस कार्यक्रम में सऊदी मंत्री ने ऑस्ट्रियाई यूरोपीय संघ मामलों की मंत्री कैरोलिन एडस्टैडलर से भी मुलाकात की.अल-इब्राहिम और एडस्टैडलर ने देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की. नवीनतम विकास की समीक्षा भी की.