भाजपा के ‘पसमांदा स्नेह संवाद यात्रा’ के जवाब में जदयू का ‘भाईचारा यात्रा’, दोनों की नजर मुसलमानों पर
मुस्लिम नाउ ब्यूरो,पटना
चूंकि लोकसभा चुनाव में अब ज्यादा दिन नहीं बचे हैं, इसलिए वोट समीकरण के हिसाब से सभी दलों ने अपनी-अपनी तैयारी शुरू कर दी है. इसी क्रम में पसमांदा मुसलमानों को पटाने के लिए बीजेपी ने ‘स्नेह संवाद यात्रा’ शुरू की है, जिसका जवाब देने के लिए बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन के प्रमुख घटक दल जनता दल यूनाइटेड के नेता इन दिनों भाईचारा यात्रा पर हैं.
शिया समुदाय की तरह भारतीय जनता पार्टी को यह मुगालता है कि उसके बहकावे में आकर पिछड़ी जाति के मुसलमान उसके पाले में आ जाएंगे. उसके इस प्रयास को हवा देने में लगे कुछ तथाकथित पसमांदा मुस्लिम लीडर्स का दावा है कि मुसलमानों की अगड़ी जाति के अनुपात में उनकी संख्या देश के कुल मुसलमनों की जनसंख्या का अस्सी प्रतिशत है. भाजपा को यह भी मुगालता हो गया कि वे सारे मुसलमान आमागी लोकसभा में उसके पक्ष मंे वोट देंगे और तीसरी बार कंेद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बन जाएगी. मगर कर्टनाक चुनाव में बीजेपी का यह पैंतरा बुरी तरह विफल रहा. वजह यह कि बीजेपी जिस तरह मुसलमनों की अगड़ी और पिछड़ी जाति मंे फूट डालने की कोशिश कर रही है, उसका पता उन्हें हो चुका है. मुसलमान अब तक भाजपा के पक्ष में वोट करने से बचता रहा है.
इस हकीकत के बावजूद भाजपा की ‘पसमांदा स्नेह संवाद यात्रा’ चालू है. इसके जवाब में जदयू ने भी अपनी यात्रा शुरू कर दी है.इस यात्रा का मकसद भले ही भाईचारा का संदेश देने की हो, लेकिन कहा यह जा रहा है कि जदयू इसके जरिए अल्पसंख्यक मतदाताओं की नब्ज टटोल रही है.
यात्रा की शुरुआत 1 अगस्त को पश्चिम चंपारण के नरकटियागंज से हुई. लगभग एक महीने तक चलने वाली यह यात्रा बिहार के 38 जिलों में से 27 जिलों में पहुंचेगी, जहां बड़ी संख्या में मुस्लिम आबादी है.यात्रा का नेतृत्व एमएलसी खालिद अनवर कर रहे हैं, जिसमें समय-समय पर बिहार के कुछ प्रमुख मंत्री शामिल होंगे, जिनमें अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान भी हैं.
हाल में बिहार शरीफ और सासाराम सहित कई इलाकों में हुए तनाव को लेकर भाजपा नीतीश कुमार पर निशाना साध रही है. भाजपा नेता सरकार पर तुष्टिकरण के आरोप भी लगा रहे हैं.जदयू को आशंका है कि भाजपा चुनाव के दौरान इसे मुद्दा भी बना सकती है. ऐसे में जदयू इस मुद्दे को समाप्त करना चाहती है.
खालिद अनवर कहते हैं कि भाजपा पूरे राज्य में भाईचारा समाप्त करना चाहती है. अपने भाइयों को ही आपस में लड़ाना चाहती है.इधर, कहा जा रहा है कि बिहार में मुस्लिम मतदाता राजद के बोटबैंक माने जाते रहे हैं. ऐसे में जदयू की कोशिश है कि अल्पसंख्यक मतदाता जो जदयू से छिटक गए हैं, उसे फिर से जोड़ा जा सके.
भाजपा की प्रमुख सहयोगी रही जदयू पिछले साल अगस्त में एनडीए से बाहर हो गई थी, जिसके बाद नीतीश ने अपनी सरकार बनाने के लिए राजद और अन्य महागठबंधन सहयोगियों से हाथ मिलाया.
इस बीच भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा ने पूर्व राष्ट्रपति कलाम की पुण्य तिथि से पसमांदा आउटरीच यात्रा शुरू की है.पिछड़े मुसलमानों तक अपनी पहुंच तेज करते हुए भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा ने पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्य तिथि 27 जुलाई से पसमांदा स्नेह संवाद यात्रा शुरू की है.
यहां देश भर से पार्टी के पसमांदाश् (पिछड़े) मुस्लिम नेताओं की एक बैठक के बाद, मोर्चा अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने बताया कि यात्रा समुदाय के मुद्दों और कलाम, स्वतंत्रता सेनानी अशफाकुल्ला जैसे समुदाय के वास्तविक नायकों को उजागर करेगी. यह यात्रा उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड समेत कई राज्यों से गुजरने के बाद 15 अक्टूबर को कलाम की जयंती पर समाप्त होगी.