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जामिया के तीन पूर्व छात्र मिशन चंद्रयान-3 का हिस्सा बने

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

दिल्ली की केंद्रीय यूनिवर्सिटी जामिया मिल्लिया इस्लामिया के लिए यह गौरवपूर्ण क्षण है. इसके तीन पूर्व छात्र अमित कुमार भारद्वाज, मो. काशिफ और अरीब अहमद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के ऐतिहासिक मिशन चंद्रयान-3 का हिस्सा बने.इसके साथ ही भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरने वाला पहला देश बन गया.

ये तीनों जामिया के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संकाय के छात्र रहे हैं. उन्होंने वर्ष 2019 में अपनी बी-टेक की पढ़ाई पूरी की थी. उन्होंने वैज्ञानिक -इंजीनियर के पद के लिए इसरो की केंद्रीकृत भर्ती बोर्ड-2019 परीक्षा उत्तीर्ण की थी. सितंबर, 2021 में परीक्षा का इसरो ने परिणाम घोषित किया था.

मो. काशिफ ने परीक्षा में पहला स्थान हासिल किया था. तीनों को वैज्ञानिक-इंजीनियर एससी-मैकेनिकल (पोस्ट नंबर 002) के पद के लिए चुने गए थे.

इस घटनाक्रम से उत्साहित जामिया की कुलपति प्रो. नजमा अख्तर (पद्मश्री) ने कहा, “मैं इस अवसर पर सबसे पहले मिशन की सफलता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई देती हूं. यह राष्ट्रीय उत्सव का अवसर है. हमें यह जानकर विशेष रूप से खुशी हुई कि हमारे छात्र भी इस ऐतिहासिक मिशन का हिस्सा रहे. मैं उन्हें सफलता के लिए बधाई और उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं देती हूं. जामिया बिरादरी को उन पर गर्व है. प्रो. अख्तर ने यह भी कहा कि वे विश्वविद्यालय के वर्तमान छात्रों के लिए रोल मॉडल बन गए हैं. इससे वर्तमान छात्रों को देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए कड़ी मेहनत करने की प्रेरणा मिलेगी.

विश्वविद्यालय ने चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग का सीधा प्रसारण देखने के लिए परिसर में कई स्थानों पर विशेष व्यवस्था की थी. जैसे ही चंद्रयान-3 चंद्रमा पर उतरा, फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग ऑडिटोरियम और विश्वविद्यालय के अन्य स्थानों पर मौजूद लोगों ने तालियां बजाईं और खुशी से झूम उठे.

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