EducationMuslim World

बिहार के सहरसा में मुस्लिम छात्रा से सम्राट विश्वास करता था बलात्कार, टीचर देती थी पहरा, बच्ची डिप्रेशन में

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, पटना

बिहार के सहरसा से छात्रा-शिक्षक के रिश्ते को कलंकित करने वाली एक खबर सामने आई है. सोशल मीडिया पर चल रही खबर एवं वीडियो को सही माना जाए तो एक निजी स्कूल के निदेश का बेटा एक मुस्लिम छात्रा से स्कूल में ही निरंतर बलात्कार करता रहा. इस दौरान स्कूल की एक महिला शिक्षिका पहरा दिया करती थी. यह सिलसिला पूरे दो साल तक चलता रहा.

सोशल मीडिया पर इसे ‘द मुस्लिम‘ नामक हैंडिल से साझा किया गया है. वीडियो तीन सितंबर का है और खबर लिखने तक इसे करीब 35 हजार लोग देख चुके हैं. इस मामले में अब तक बिहार पुलिस ने क्या कार्रवाई की है, इस बारे में किसी ने कोई सूचना साझा नहीं की है.मुस्लिम छात्रा को लेकर द मुस्लिम ने एक्स पर जो टिप्पणी और विवरण साझा किया है, उसे यहां हू बहू प्रकाशित किया जा रहा है.

“लोकेशनःहरसा,बिहार

मुस्लिम बच्ची से 2 साल तक हिंदू लड़के ने किया रेप.

बच्ची थी कई साल से डिप्रेशन मैं. मनोचिकित्सा
के पास ले जाने से खुला राज.

अजीत विश्वास (हिन्दू) द्वारा संचालित स्कूल (शांति शिक्षण संस्थान) में स्कूल के डायरेक्टर अजीत विश्वास का बेटा सम्राट विश्वास (हिन्दू) एक मुस्लिम नाबालिग बच्ची का स्कूल में करता रहा बलात्कार…
स्कूल की हिन्दू टीचर (अनीता) भी बलात्कारी (सम्राट विश्वास) का साथ देती रही, छात्रा हुई डिप्रेशन का शिकार, मनोचिकित्सक के पास ले जाने पर सच आया सामने.

अंदर सम्राट करता रहा बलात्कार, कमरे के बाहर निगरानी करती थी अनीता मैडम.

पीड़िता मुस्लिम लड़की ने अपने बयान में कहा है कि उस कमरे में पहले से स्कूल डायरेक्टर का बेटा सम्राट मौजूद था. अनीता मैम ने बाहर से कमरा बंद कर दिया. फिर बाहर खड़ा होकर पहरा देने लगी. सम्राट विश्वास ने मेरे साथ गंदा काम किया. मेरे बाल खींचे…मुझे बदन को नोंचा. रेप किया. जबरदस्ती के कारण कई जगह से खून निकलने लगा. इसका उसने वीडियो भी बना लिया. फिर बाहर खड़ी मैडम से पूछा कोई आसपास है तो नहीं. फिर मुझे उसी हालत में छोड़ चला.

अनीता मैम ने डरा धमका कर चुप करा दिया. किसी को बताने से मना किया. कहा अगर किसी को बताया तो वीडियो वायरल कर देंगे. इसी डर से मैं चुप हो गई.”

इस वीडियो में क्या सच्चाई है या तो पुलिस जांच का विषय है. यदि सच है तो आरोपियों के खिलाफ न केवल सख्त कार्रवाई बनती है. टीचर, छात्रा और अभिभावक का विश्वास भी इससे टूटा है.