A. P. J. Abdul Kalam आश्चर्यजनक ! मृत्यु के पांच वर्ष बाद भी ‘जिंदा’ है उनकी ऑफिसियल वेबसाइट
उनकी वेबसाइट की अधिकांश सामग्री अंग्रेजी में है। उनके बारे में समग्र जानकारी लेने में उन्हें थोड़ी दिक्त आ सकती है जिनकी अंग्रेजी कमजोर है
ब्यूरो रिपोर्ट।
राष्ट्रपति, मिसाइल मैन, वैज्ञानिक, प्रोफेसर…आप एपीजे अब्दुल कलाम(A. P. J. Abdul Kalam) कोे जैसे चाहे याद करें, वह आसानी से भूलने वाली शख्सियत नहीं। बावजूद इसके उनकी यादें कुछ धुँधली पड़ रही हैं या उनकी कई बातें जानने से रह गए तो आपके लिए एक अच्छी खबर है। आज भी उनकी ऑफिसियल वेबसाइट बदस्तूर चल रही है। उसे खोलते ही आपके सामने कलाम साहब से संबंधित ज्ञान का पूरा भंडार सामने आ जाएगा। इस वेबसाइट की देख-भाल की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं उनके अंतिम दिनों के सलाहकार वी पॉनराज।
http://www.abdulkalam.com/kalam/theme/jsp/guest/index.jsp खोलते ही आपको एक ईमानदार इंसान और सच्चे देशभक्त की झलक मिलेगी। वेबसाइट के हेडर पर कलाम साहब का चर्चित कथन नजर आएगा-‘‘क्रीएटिविटी लीड्स टू थिंकिंग, थिंकिंग प्रोवाइड्स नॉलेज, नॉलेज मेक्स यू ग्रेट।’’ कलाम की आधिकारिक वेबसाइट का ‘एबाउट’ पेज खोलने पर ‘मदर’ शीर्षक से उनका अपनी मां के बारे में एक लेख पढ़ सकते हैं। उन्होंने अपने जीवन काल में कितनी किताबें लिखीं, उनके क्या नाम हैं, पुस्तक परिचय आदि, वेबसाइट मौजूद है। उन्होंने कुल 34 किताबें लिखी थीं। वेबसाइट पर फोटो गैलरी भी है। कलाम साहब से संबंधित तमाम तस्वीरें नेता, बच्चे, छात्र व व्यक्तिगत अलग-अलग वर्गों में सहेज कर रखी गई हैं। उनके चुनिंदा भाषण और वक्तव्य भी इस वेबसाइट पर पढ़ सकते हैं।#APJAbdulKalam कलाम साहब की एक विशेषता थी। वह जिस कार्यक्रम में शरीक होते थे वहां मौजूद लोगों से राष्ट्र व चरित्र निर्माण तथा देश भक्ति की कस्में अवश्य लेते थे। छात्रों, शिक्षकों, सैनिकांे, डॉक्टर्स, प्रशासनिक अधिकारियों, प्रोफेशनल लीडर्स को विभिन्न कार्यक्रम में उनके द्वारा दिलाई गई ‘ओथ’ का संग्रह भी वेबसाइट पर मिलेगा। इसके अलावा आप उनके तमाम चर्चित कोट्स यानी उद्धरण भी पढ़ सकते हैं। ‘कोट्स’ खोलते ही पहला उद्धरण दिखेगा-‘‘टू सक्सीड इन लाइफ एंड एक्टिव रिजल्ट, यू मस्ट अंडर स्टैंड एंड मास्टर थ्री माइटी फोर्स-डिजायर, बिलिफ एंड एक्सपेक्टेशन।’’ चूंकि एपीजी अब्दुल कलाम को हिंदी नहीं आती थी। इसलिए उनकी वेबसाइट की अधिकांश सामग्री अंग्रेजी में है। उनके बारे में समग्र जानकारी लेने में उन्हें थोड़ी दिक्त आ सकती है जिनकी अंग्रेजी कमजोर है। उनके अनुयायी सभी तबके के लोग थे, इसलिए ऐसा कहना कोई अतिश्योक्ति नहीं । muslimnow.net ने फोन पर वेबसाइट के संबंध में वी पॉनराज जी के सहयोगी से बात की। उन्होंने इस सबंध में कई जानकारियां देने के अलावा बताया कि पॉनराज आम लोगों से अधिक घुलते-मिलते नहीं।
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संपादक