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Rafale fighter jets हिलाल अहमद…स्वागत नहीं करोगे हमारा

राफेल की कांग्रेस सरकार में डील लगभग फाइनल हो गई थी, पर भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी के आपत्ति के कारण तब खरीद टल गई थी

दो दशकों के लंबे इंतजार के बाद बहुचर्चित युद्धक विमान राफेल आखिर भारतीय वायु सेना में शामिल हो गया। पांच लड़ाकू विमान की पहली खेप बुधवार दोपहर बाद हरियाणा के अंबाला एयरबेस पर ‘सेफ लैंडिंग’ कर गई। फ्रांस से पहली खेप लेकर पहुंचे पायलटों की टोली में एयर कमोडोर हिलाल अहमद राथर के शामिल होने से जम्मू कश्मीर ख़ुशियों से झूम रहा है। हमेशा आतंकवादी गतिविधियों के कारण सुर्खियों में रहने वाले कश्मीर से देश का गौरव बढ़ाने वाली शख्सियत के उभरने से देश भी हैरान है।
 हिलाल को लेकर सोशल मीडिया पर एक दिन पहले से हैशटैग अनंतनाग  #Anantnag.  ट्रेंड कर रहा है। कश्मीरी हिलाल अहमद की उपब्धियों से खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। फातिमा डार ट्वीट करती हैं कि यह उनके लिए गौरव का क्षण है। राजेश रैना ने कहा कि हम अनंतनाग वाले उनपर गर्व करते हैं। राखी डोगरा सोशल मीडिया पर लिखती हैं कि पाकिस्तान ने कश्मीर को आतंकवाद दिया, पर इस क्षेत्र ने हमेशा देश को अच्छे डॉक्टर, इंजीनियर दिए हैं। अब एयर कमोडोर हिलाल अहमद राथर। इस समय हिलाल की गिनती दुनिया के सर्वोत्तम लड़ाकू पायलटों में होती है। उनका 3000 घंटे का मिराज 2000 एवं मिग 21 जैसे युद्धक विमान उड़ाने का अनुभव बेदाग एवं दुर्घटना रहित रहा है। वह अभी फ्रांस में भारत की तरफ से एयर अटैच हैं। हिलाल के लंबे अनुभव और बेदाग छवि को देखते हुए ही उन्हें पांच राफेल विमान फ्रांस से भारत लाने वाली टीम में शामिल किया गया। मंगलवार की सुबह हिलाल के बारे देशवासियों को सूचना मिली, एकबारगी विश्वास ही नहीं हुआ।

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दुश्मन को मिलेगा जवाब

पांच राफेल विमानों के आने से उम्मीद की जा रही है कि  चीन एवं पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देना भारत के लिए अब और आसान होगा। पिछले दो दशक से वायु सेना ऐसे किसी युद्धक विमान की मांग कर रही थी। कांग्रेस सरकार में यह डील लगभग फाइनल हो गई थी, पर भाजपा सांसद सुब्र्रमण्यम स्वामी के आपत्ति के कारण तब खरीद टल गई थी।

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, who is Air Commodore Hilal Ahmad

एक नजर में हिलाल अहमद राथर
-दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग के मध्य परिवार में जन्म
-तीन बहनों के इकलौते भाई
-पिता मोहम्मद अब्दुल राथर जम्मू कश्मीर पुलिस के डीएसपी पद से सेवानिवृत
-स्कूली पढ़ाई जम्मू के नगरोश सैनिक स्कूल से
-डिफेंस सर्विस स्टॉफ कॉलेज से स्नातक
-एयर वार कॉलेज अमेरिका से डिस्टिंग्शन के साथ डिग्री
-17 दिसंबर 1988 को भारतीय वायु सेना में बतौर लड़ाकू विमान चालक नियुक्ति
-1993 में फ्लाइट लेफ्टिनेंट , 2004 में विंग कमांडर, 2016 में ग्रुप कैप्टन और 2019 में एयर कमोडोर
-स्वॉर्ड ऑफ ऑनर, वायु सेना मेडल और विशिष्ट मेडल से सम्मानित


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संपादक

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