क्या दरगाह हजरत निजामुद्दीन प्रबंधन आरएसएस के प्रभाव में है ?
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मुस्लिम नाउ ब्यूरो,नई दिल्ली
क्या दरगाह हजरत निजामुद्दीन प्रबंधन आरएसएस के प्रभाव में है ? दरअसल, यह सवाल इस लिए जोर पकड़ने लगा है कि आरएसएस के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार दिवाली से दो दिन पहले धनतेरस के दिन दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन पहुंचे जहां उन्होंने जयारत की. इस दौरान दरगाह प्रबंधन की ओर से उनका जोरदार स्वागत किया गया और पगड़ी-माला पहनाकर सम्मान किया गया. यह कोई पहला मौका नहीं. सालभर इंद्रेश कुमार और उनके द्वारा गठित मुस्लिम मंच की ओर से रगाह पर कोई न कोई गतिविधि अवश्य चलती रही है. आरएसएस की इतनी सक्रियता देश की अन्य चर्चित दरगाहों पर नहीं देखी जाती है. धनतेरस का दरगाह से कोई नेता नहीं है. इसके बावजूद उनका इस आना सवाल खड़े करता है. दरगाह में उन्होंने कई ऐसी बातें कहीं जिससे मुसलमान सुनना पसंद नहीं करते.
धनतेरस के मौके पर हजरत निजामुद्दीन औलिया की दरगाह से संघ के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने जहां देश और दुनिया से सामाजिक बुराइयां, कुरीतियां, दूरियां, मनमुटाव, छुआछूत, धोखा, नफरत और आतंकवाद के खात्मे के बारे में अलख जगाया, वहीं इमाम ए हिंद, अयोध्या में रामलला को लेकर एक नया विवाद छेड़ दिया. उन्होंने ऐलान किया कि इंसानियत के मालिक और रचनाकार रामलला 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में अपने मंदिर में विराजमान हो जाएंगे. इसे सभी धर्मों के लोगों को बड़े त्योहार के रूप में मना कर दुनिया को इंसानियत, अमन और शांति का पैगाम देना चाहिए.
इमाम ए हिंद राम
उन्हांेने कहा कि राम जनजन में हैं, कण कण में हैं. हर जन कण राम से है. इंद्रेश कुमार ने कहा कि अरब के लोग तो यह भी मानते हैं कि राम इमाम ए हिंद हैं, जिनके सुबह दीदार करने से जन्नत नसीब होती है और जिनके संदेशों को आदर्श मान कर जिंदगी जीने वाला इंसान जन्नती होता है.
उन्होंने कहा कि वो अपील करते हैं कि लोग किसी भी जात, धर्म, मजहब, दल या किसी भी मुल्क के हों अपने अपने स्थानों पर चिराग रोशन कर 22 जनवरी 2024 को यह पैगाम दें की हिन्दुस्तान अब अमन और सकून के रास्ते पर चलेगा. उन्होंने कहा कि स्वयं अंतिम रसूल हजरत मोहम्मद ने फरमाया है कि हिंद नाम की सरजमीं ऐसी सरजमीं है जहां से मुझे भी सकून की ठंडी हवा आती है. इंद्रेश कुमार ने कहा कि वक्त आगया है कि अब इस पैगाम को अमली जामा पहनाते हुए 22 जनवरी 2024 के त्योहार को धूम धाम से मनाएं.
जय सिया राम
उन्होंने कहा कि राम बिना सीता और सीता बिना राम न था न है और न हो सकता है. अतः अयोध्या की मंदिर में तो राम लाल, सीता, हनुमान, जटायु सभी होंगे ही लेकिन साथ ही साथ बिहार के सीतामढ़ी जो माता सीता की जन्मस्थली है वहां श्रद्धालु सीता माता की 251 फीट लंबी मूर्ति स्थापित करना चाहते हैं और इसे जल्द पूरा करने का प्रयास चल रहा है.
मुहब्बत से चलेगी दुनिया
उन्होंने ऐलान किया कि दुनिया जंग के बजाए मुहब्बत से चले. इंद्रेश कुमार ने आह्वान किया कि समाज में जाति, मजहब, भाषा और दलों का अंधकार खत्म हो, सब में प्रकाश आए, लोगों के दिलों दिमाग रोशन हों और एकजुटता बनी रहे. उन्होंने कहा कि सभी लोग अपने अपने धर्म पर चलें और दूसरे धर्मों का सम्मान करें, निंदा न करें और साथ ही एक दूसरे के त्योहारों में शिरकत भी करें तो समाज में कटुता नहीं रहेगी. इंद्रेश कुमार ने कहा कि हर वर्ष मुस्लिम राष्ट्रीय मंच द्वारा इस तरह के कार्यक्रम के कारण देश में अमन सकून चाहने वाली ताकतें बढ़ रहीं हैं और नफरत फैलाने वाली ताकतें कम होती जा रही हैं.
मंच की मुहिम
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच अनेक वर्षों से धनतेरस पर देश की दरगाहों, मजारों, मस्जिदों, मदरसों और कब्रिस्तानों को रोशन करता है, जिसे हम जश्न ए चिरागं के रूप में जानते हैं. इस अवसर पर मुस्लिम राष्ट्रीय मंच गरीबों और जरूरतमंदों के बीच कपड़े, दवाइयां, राशन और जरूरत की चीजें भी बांटा करता है. दूसरी तरफ दरगाह निजामुद्दीन की ओर से कहा गया है कि यहां दरगाह पर कोई भी आ सकता है. यहां आने पर कोई रोक-टोक नहीं है.