पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के न्यायिक हिरासत के 100 दिन पूरे, जानिए जेल में क्या करते हैं ?
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अदीब यूसुफजई , लाहौर
‘‘ इमरान खान पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की कोर कमेटी के प्रमुख हैं. सभी समितियों को दिशा-निर्देश देते हैं और पार्टी के सभी मामलों पर कड़ी नजर रखते हैं. वह एक गतिशील व्यक्तित्व हैं, जिन्होंने शूटिंग के कुछ दिनों बाद पार्टी मामलों को अपने हाथ में ले लिया था. हम सभी इमरान खान को बहुत मिस कर रहे हैं.’’ ये शब्द हैं पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के मुख्य प्रवक्ता शोएब शाहीन.
उन्हांेने बातचीत में इमरान खान के साथ बिताए दिनों को याद किया, जब वह जेल से बाहर थे. उन्होंने कहा, इमरान खान की गैरमौजूदगी में पार्टी का कामकाज अभी भी इमरान खान के भरोसे ही चल रहा है, लेकिन उनकी बहुत याद आ रही है.
पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई चेयरमैन इमरान खान को गिरफ्तार हुए 100 दिन हो गए.इस साल 5 अगस्त को अदालत ने तोशा खाना उपहार बेचने के अपराध में उनकी गिरफ्तारी का आदेश दिया. उन्हें जमान पार्क लाहौर से उस समय गिरफ्तार किया गया जब पार्टी कार्यकर्ताओं की उपस्थिति नगण्य थी.
कैद के 100 दिन और दो जेल
कोर्ट के फैसले के मुताबिक इमरान खान को तीन साल जेल की सजा सुनाई गई है. इस सजा के परिणामस्वरूप, उन्हें पहले अटक जेल में रखा गया. बाद में रावलपिंडी की अडियाला जेल में स्थानांतरित कर दिया गया. इन 100 दिनों के दौरान उनके वकील और पार्टी नेता उनसे जेल में मुलाकात करते रहे हैं.
जून 2022 में इमरान खान के दोबारा पार्टी अध्यक्ष चुने जाने के बाद उन्हें लगातार मुश्किलों का सामना करना पड़ा. उनके कारावास के बाद, उनके सहयोगियों ने उनका साथ छोड़ दिया. पार्टी के कई वरिष्ठ नेता अन्य राजनीतिक दलों में शामिल हो गए या नए दल बना लिए. सवाल उठता है कि इमरान खान की गैरमौजूदगी में पार्टी के लिए ये 100 दिन कैसे रहे?
तहरीक ए इंसाफ ने क्या खोया क्या पाया ?
पार्टी के मामले कैसे संचालित हुए और इन 100 दिनों में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने क्या खोया और क्या हासिल किया ? पीटीआई के मुख्य प्रवक्ता एडवोकेट शोएब शाहीन ने इन सवालों का जवाब देते हुए हाल के दिनों में इमरान खान के गतिशील जीवन को याद किया. कहा कि सभी कार्यकर्ता और नेता इमरान खान की उपस्थिति से प्रेरित थे. उनकी अनुपस्थिति में हमने सब कुछ खो दिया है.
पीटीआई नेता और सीनेटर मुहम्मद हुमायूं मोहम्मद को हाल में पार्टी की पॉलिटिकल इंगेजमेंट कमेटी में शामिल किया गया है, जिसका उद्देश्य अन्य राजनीतिक दलों के साथ पार्टी के संबंधों को बेहतर बनाना. पार्टी की स्थिति को मजबूत करना है.वे इमरान खान की अनुपस्थिति को घर के किसी बुजुर्ग के अस्पताल में होने जैसा बताते हैं.
उन्होंने कहा कि घर का अभिभावक सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति होता है. क्या आप सोचते हैं कि जब ऐसा व्यक्ति घर के बजाय अस्पताल में होगा तो घर का माहौल कैसा होगा? उनकी अनुपस्थिति में पार्टी का हाल भी कुछ ऐसा ही है.
1992 के विश्व कप तरह विजयी हांेगे इमरान खान
मोहम्मद हुमायूं मोहम्मद ने 1992 में खेले गए विश्व कप का उदाहरण देते हुए कहा कि उस समय पूरी दुनिया पाकिस्तान की हार के बारे में बात कर रही थी. सब कह रहे थे कि पाकिस्तान हारेगा, लेकिन इमरान खान ने कहा कि हम जीतेंगे और वो जीत गए.
उनके मुताबिक, मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में हालात 92 विश्व कप के समान हैं. सभी ने इमरान खान की हार पर दांव लगाया है.शोएब शाहीन के मुताबिक, इमरान खान के जेल जाने से पार्टी पर सकारात्मक असर पड़ा है. लोग अब पीटीआई के साथ खड़े हैं. जब इमरान खान जेल से बाहर थे तो पार्टी की स्थिति कुछ हद तक बेहतर थी. उनके जेल जाने की वजह से पार्टी में दरारें पड़ गईं. लोग अलग-अलग तरह से अलग हो गए. पार्टी के मामले आज भी वही संभालते हैं. हमें इमरान खान पर भरोसा है.या फिर पार्टी की कोर कमेटी फैसले लेती है. हर दो दिन में कोर कमेटी की बैठक होती है.
मारन खान के ये 100 दिन अटक और अदियाला जेल में बीते. जब वह अटक जेल में थे, तब उनकी पत्नी बुशरा बीबी ने अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि पाकिस्तान जेल नियमों के नियम संख्या 243 और 248 के तहत, इमरान खान को जेल में बी श्रेणी दी जानी चाहिए.
एक पत्र में बुशरा बीबी ने पंजाब के अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह से अनुरोध किया कि अटक जेल में बी श्रेणी की कोई सुविधा नहीं है. इमरान खान को अदियाला जेल में स्थानांतरित किया जाना चाहिए. इसके बाद सितंबर में उन्हें अदियाला जेल में स्थानांतरित कर दिया गया.
संघोर्षों के बाद बच्चों से फोन पर बातचीत की सुविधा
जेल में बिताए इन 100 दिनों के दौरान इमरान खान के लिए अपने बच्चों से फोन पर बात करना और अपने परिवार से मिलना एक कठिन दौर था.उन्होंने बार-बार ब्रिटेन में अपने बेटों से बात करने का अनुरोध किया. अक्टूबर महीने में उनकी अपने बेटों से दो बार टेलीफोन पर बातचीत हुई, जो 30 मिनट तक चली. पीटीआई के चेयरमैन अपने बेटे सुलेमान और कासिम से बात करते हुए भावुक हो गए.
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने उनके बेटों को सांत्वना दी. धैर्य रखने की सलाह दी. हालांकि, इन बच्चों के साथ उनका संपर्क अभी भी अदालत के आदेश के अधीन है. अदालत ने हाल ही में इमरान खान और उनके बेटों के बीच फोन कॉल की व्यवस्था करने में विफल रहने के लिए अदियाला जेल के अधीक्षक को नोटिस जारी किया था.
कोर्ट के आदेश के मुताबिक, जेल अधिकारियों को हर हफ्ते इमरान खान और उनके बेटों के बीच संपर्क कराने के लिए बाध्य किया गया है. इसमें लापरवाही बरतने पर कोर्ट ने जेल अधिकारियों को नोटिस भेजा है.
पीटीआई के चेयरमैन की बहन उज्मा खान ने भी अपने भाई से मुलाकात न होने के खिलाफ जेल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. इमरान खान अपनी पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों से मुलाकात कर रहे हैं. अदियाला जेल के कॉन्फ्रेंस रूम में दोनों बहनें उज्मा खान, अलीमा खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी की मुलाकात होती रही है.
इमरान खान के परिवार की बैठक में उनके खिलाफ लंबित मामलों और उनके स्वास्थ्य से जुड़े मामलों पर चर्चा हुई. जेल एसओपी के अनुसार, मंगलवार और गुरुवार कैदियों को उनके परिवारों से मिलने के लिए आरक्षित हैं. उनके परिवार ने उन दिनों इमरान खान से मुलाकात की.
इस संबंध में सीनेटर हुमायूं मोहम्मद ने कहा कि इमरान खान को उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं और परिवार के सदस्यों से मिलने की अनुमति दी जानी चाहिए. इस मामले में हमारे साथ भेदभाव किया जा रहा है. आप किसी भी तरह से किसी राजनीतिक दल को राष्ट्रीय धारा से अलग नहीं कर सकते.
आहार और व्यायाम में कठिनाई
इमरान खान एथलीट हैं. रोजाना व्यायाम करना उनकी दिनचर्या है. ये 100 दिन उनके खान-पान और व्यायाम के लिहाज से कठिन रहे.जब इमरान खान प्रधानमंत्री थे तो वह समय-समय पर लोगों को किताब पढ़ने की सलाह देते रहते थे. उन्हें पढ़ाई का भी शौक है. उनके अनुरोध पर कई किताबें अध्ययन के लिए दी गई हैं. इसके अलावा, उन्हें अंग्रेजी अनुवाद के साथ 4 कुरान पांडुलिपियां और इस्लामी इतिहास की 25 किताबें प्रदान की गई हैं.
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री को जेल में ये सभी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए कोर्ट में सुनवाई भी हुई. आखिरकार उन्हें जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई गईं.अक्टूबर में, इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने अदियाला जेल में इमरान खान को परिवार, वकीलों और निजी चिकित्सक से मुलाकात की सुविधाएं मुहैया कराने के संबंध में इंट्रा-कोर्ट अपील पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
बाद में अटॉर्नी जनरल की ओर से सुप्रीम कोर्ट को 14 पेज की रिपोर्ट सौंपी गई.सुप्रीम कोर्ट में अटॉर्नी जनरल द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया कि पीटीआई चेयरमैन इमरान खान को खाने में स्थानीय चिकन और बकरी का मांस दिया जाता है. उनके लिए पंखा और रूम कूलर भी उपलब्ध है, जबकि परिवार के सदस्यों और वकीलों के साथ कई बैठकें हो चुकी हैं.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इमरान खान को सबसे सुरक्षित हाई ऑब्जर्वेशन ब्लॉक में रखा गया है. 11 फीट लंबे और 9 फीट चैड़े सेल में पंखे और रूम कूलर की सुविधा है. बाथरूम में भी सुधार किया गया है.सुप्रीम कोर्ट को सौंपी गई रिपोर्ट के मुताबिक, जेल में एक बिस्तर, गद्दा, चार तकिए, एक कुर्सी, एक मेज और प्रार्थना के लिए जगह मुहैया कराई गई है. जेल में 21 इंच का एलईडी टीवी भी है, जबकि समाचार पत्र भी उपलब्ध कराए जाते हैं.
चेयरमैन पीटीआई को व्यायाम के लिए 13 गुणा 44 फीट की वॉक इन जगह उपलब्ध कराई गई है. इस बीच इमरान खान ने जेल में व्यायाम के लिए एक साइकिल का भी ऑर्डर दिया, जो उन्हें मुहैया करा दी गई. उनके निर्देश पर साइकिल को निर्धारित स्थान पर लगा दिया गया है.
पीटीआई को नुक्कड़ सभा की भी इजाजत नहीं
इन 100 दिनों के दौरान पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के खिलाफ राजनीतिक मोर्चे पर कई पार्टियां सक्रिय हैं, लेकिन पीटीआई को नुक्कड़ सभाएं या रैलियां करने की इजाजत नहीं.सीनेटर हुमायूं मोहम्मद का कहना है कि पार्टी पर कार्रवाई के बाद हमने एक कमेटी बनाई है जिसमें 10, 12 लोग हैं.उनकी वफादारी नहीं बदली जा सकती. हम अन्य राजनीतिक दलों से बात कर रहे हैं.
चुनाव की तैयारी भी चल रही है.वहीं पीटीआई के मुख्य प्रवक्ता एडवोकेट शोएब शाहीन का दावा है कि इमरान खान न केवल सोशल मीडिया पर लोकप्रिय हैं, बल्कि वह इस समय पाकिस्तान ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में लोकप्रिय हैं. सोशल मीडिया के जरिए ये लोकप्रियता सिर्फ जाहिर होती है. मुख्यधारा मीडिया ने कुछ दिखाया ही नहीं.
बता दें कि पीटीआई के चेयरमैन को तीन साल कैद और 500 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है. उनकी सजा 9 अगस्त को निलंबित कर दी गई थी, लेकिन इमरान खान जेल में ही रहे. वह सिफर मामले में न्यायिक रिमांड पर हैं.