इजरायली सेना हमास को काबू में करने के नाम पर फैला रही झूठ, मोहम्मद जुबैर ने खोली पोल
मुस्लिम नाउ ब्यूरो,गाजा
क्या इजरायली सेना हमास को काबू करने के नाम पर झूठ फैला रही है ? दरअसल, यह सवाल इस लिए पूछे जा रहे हैं कि इजरायल की ओर से कुछ ऐसी तस्वीरें और वीडियो जारी किए गए हैं, जिनके बारे में दावा किया जा रहा है कि यह केवल इजरायली प्रोपगंडा है. वास्तविकता से कोई नाता नहीं. दरअसल, झूठ फैलाकर इजरायली सेना हमास के लड़ाकों और उनके समर्थकों का मनोबल तोड़ना चाहती है. इजरायली सेना की ऐसी ही कुछ तस्वीरें और वीडियो का ‘असली सच’ उजागर किया है भारत के चर्चित फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर और उनकी ‘अल्ट न्यूज’ ने.
Israeli defense forces identified seven terrorists. Names: 🤣🤣🤣🤣
— The Muslim (@TheMuslim786) November 14, 2023
1. Monday
2. Tuesday
3. Wednesday
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5. Friday
6. Saturday
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मोहम्मद जुबैर की मानें तो इजरायली सेना दुनिया को भ्रमाने के लिए महीने और दिन के नाम को हमास का कमांडर और इजरायली बंधक बता रही है. इसी तरह कभी बंकर के नाम पर झूठ फैलाया जा रहा है तो कभी फिलिस्तीन की एक बुजुर्ग महिला के नाम पर.अल्ट न्यूज और मोहम्मद जुबैर के परोसे जा रहे ‘तथ्यों’ पर यकीन करें तो बंकर वाली तस्वीरें 2011 से लेकर 2018 के बीच की हैं. मौजूद समय में इनकी क्या स्थिति है, यह केवल हमास के लड़ाकों को ही पता है.
Breaking.
— Mohammed Zubair (@zoo_bear) November 14, 2023
C'C: @MarioNawfal https://t.co/uUJUDPv7w2 pic.twitter.com/6QVgRDLqz6
अल्ट न्यूज ने अपने एक पोस्ट में फिलिस्तीनी महिला को लेकर इजरायल द्वारा फैलाई जा रही झूठ का खुलासा किया है. पोस्ट मंे लिखा है-एक फिलिस्तीनी महिला का वीडियो इस झूठे कैप्शन के साथ वायरल है कि उसने कहा कि वह हमास की कैदी थी और वह यहूदियों को पसंद करती थी. दरअसल, वह बता रही हैं कि कैसे वह अपने बेटे का क्षत-विक्षत शव गाजा की सड़कों से लेकर आईं.
Pic 1 : 2014
— Mohammed Zubair (@zoo_bear) November 14, 2023
Pic 2 : 2011
Pic 3 : 2014
Pic 4 : 2015
Pic 5 : 2018
Pic 6: 2014 pic.twitter.com/7BLCyppyIY
अल्ट न्यूज के एक अन्य पोस्ट में कहा गया है-फिलिस्तीनियों का मजाक उड़ाने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे पैलीवुड लेबल का एक और उदाहरण. गाजा के एक घायल व्यक्ति का अस्पताल में अपनी मां से मिलने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर झूठे दावों के साथ साझा किया जा रहा है.
In yet another instance of the 'Pallywood' label being used to mock Palestinians, a video of an injured man from Gaza meeting his mother in a hospital is being shared on social media with false claims. Read #AltNewsFactCheck | @Oishanib_https://t.co/BWQBWfQT88
— Alt News (@AltNews) November 14, 2023
जब से इजरायली सेना हमास के लड़ाकों पर हावी होने की कोशिश में है, मोहम्मद जुबैर और उनकी अल्ट न्यूज वेबसाइट इसकी पोल-पट्टी खोलने में लगी है. बताया जा रहा है कि अरब दुनिया से बाहर के लोगों में दुविधा फैलाने के लिए इजरायली सेना झूठ फैलाने को अरबी भाषा का सहारा ले रही है.
A video of a Palestinian woman is viral with captions FALSELY suggesting she said she was a 'prisoner of Hamas' & she 'preferred the Jews'. In reality, she is narrating how she fetched her son's decomposed body from the streets of Gaza | @Shinjineemjmdrhttps://t.co/Xhv0NRfCFl
— Alt News (@AltNews) November 14, 2023
इसी बीच इजराइल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने घोषणा की है कि 7वीं बख्तरबंद ब्रिगेड और गोलानी इन्फैंट्री ब्रिगेड के सैनिकों ने शेख इज्लिन और रिमल के गाजा शहर के पड़ोस में हमास की कई इमारतों पर कब्जा कर लिया है.टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के अनुसार, सैनिकों द्वारा कब्जे में ली गई जगहों में हमास की संसद, उसका सरकारी परिसर और पुलिस मुख्यालय शामिल हैं.
इसमें कहा गया है कि सैनिकों ने गाजा में तथाकथित गवर्नर हाउस पर कब्जा कर लिया, जिसमें हमास के सैन्य विंग और पुलिस के कार्यालय, हमास के खुफिया विभाग के कार्यालय और अन्य साइटें थीं, जिनका उपयोग 7 अक्टूबर के हमले की तैयारी के लिए किया गया था.
आईडीएफ ने कहा कि उसने गजा विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग संकाय भवन पर भी कब्जा कर लिया, जो हथियारों के उत्पादन और विकास के लिए एक संस्थान के रूप में कार्य करता था. एक ट्रेनिंग बेस, कमांड सेंटर, पूछताछ कक्ष और हिरासत कक्षों के साथ एक और हमास परिसर पर उसका कब्जा हो गया है.
पहले सोशल मीडिया पर लीक हुई तस्वीरों में गोलानी सैनिकों को गाजा संसद भवन और सैन्य पुलिस मुख्यालय के अंदर दिखाया गया था.इस बीच, इजरायल के सबसे दक्षिणी शहर इलियट में आने वाले रॉकेट सायरन बजने की खबरें हैं. आईडीएफ ने कहा कि अलार्म के कारण की जांच की जा रही है.
हमास ने हाल के हफ्तों में इलियट पर लंबी दूरी के रॉकेट दागने का प्रयास किया है, जबकि यमन में ईरान समर्थित हौथिस ने शहर पर बैलिस्टिक मिसाइल और ड्रोन दागे हैं.टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के अनुसार, सीरिया में ईरान समर्थित एक समूह ने भी पिछले हफ्ते इलियट में ड्रोन लॉन्च किया, जिसने एक स्कूल को निशाना बनाया.
टाइम्स आॅफ इजरायल की ओर से ही सर्वाधिक ऐसी खबरें दी जार ही हैं. अब देखना होगा कि अल्ट न्यूज और मोहम्मद जुबैर इन खबरों का कैसे पोस्टमार्टम करते हैं.
इजरायल समर्थक वेबसाइट की जुबैर पर गंभीर आरोप
इस बीच खबर है कि इजरायली राजनयिक ने ऑल्टन्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर से इजरायल के बारे में फर्जी खबरें और नफरत फैलाना बंद करने को कहा है.इजराइली राजनयिक कोबी शोशानी ने जुबैर से कहा कि अगर वह सच में फैक्ट-चेकिंग करना चाहते हैं तो उन्हें इजराइल जाना चाहिए.इजरायली राजनयिक कोबी शोशानी ने एक्स, पूर्व में ट्विटर पर अल्टन्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर से इजरायल के खिलाफ फर्जी खबरें और नफरत फैलाना बंद करने का आग्रह किया.
Mr. @zoo_bear
— Kobbi Shoshani 🇮🇱 (@KobbiShoshani) October 16, 2023
Stop spreading fake news & hatred about Israel.
If you REALLY consider yourself a fact-checker go to Israel.#HamasisISIS #Israel_under_attack #HamasTerrorist pic.twitter.com/pQliAIZRWn
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि यदि वह वास्तव में खुद को तथ्य-जांचकर्ता मानते हैं तो उन्हें इसके बजाय इजराइल जाना चाहिए. शोशानी का यह ट्वीट इस्लामिक समूह द्वारा इजराइल पर आतंकी हमले के बाद मोहम्मद जुबैर द्वारा हमास समर्थक प्रचार के कई दिनों के बाद आया है.
शोशानी मध्यपश्चिम भारत में इजराइल के महावाणिज्य दूत हैं और मुंबई में स्थित हैं.इसके साथ ही इजरायल समर्थक एक न्यूज वेबसाइट ने भी जुबैर के बारे में कई बातें कही हैं. इसकी रिपोर्ट में कहा गया है कि अल्टन्यूज उन चुनिंदा पुराने वीडियो की तथ्य-जांच कर रही है, जिन्हें इजराइल में मौजूदा युद्ध जैसी स्थिति के बीच साझा किया जा रहा है.
दरअसल, जब हमास द्वारा 40 बच्चों के सिर काटने की खबर सामने आई तो जुबैर ने यह दावा कर इसे रफा-दफा करने की कोशिश की कि कैसे बच्चों के सिर काटने की खबर फर्जी है. इजरायली समर्थक वेबसाइट में यह भी दावा करती है कि हमास के भयावह हमले को कम करने के लिए इसके इर्द-गिर्द कहानी गढ़ी जाने लगी. आखिरकार, इजराइल अधिकारियों को वास्तव में जले हुए बच्चों की तस्वीरें जारी करनी पड़ीं, जिन्हें पहचानना भी मुश्किल था. यह इस बात का सबूत है कि हमास ने उन बच्चों के साथ क्या किया, जो अपनी जान बचाने के लिए भाग भी नहीं सकते थे. 2023 में बच्चों के मारे जाने का सबूत चित्र साक्ष्य के रूप में देना पड़ा, क्योंकि जुबैर और उसके कट्टरपंथियों ने यह कहानी फैला दी कि हमास के आतंकियों ने ऐसी कोई बर्बरता नहीं की.
ALERT: To my followers in India…
— Amy Mek (@AmyMek) October 16, 2023
There seems to be a Jihadi named Mohammad Zubair who operates a left-wing disinformation site called Alt News. He is attempting to smear me and other conservatives for exposing Hamas' propaganda.
Is this the same antisemitic/hinduphobic…
इससे पहले दिन में, अमेरिकी पत्रकार एमी मेक ने एक्स पर सभी को यह बताने के लिए कहा कि जुबैर ने उनकी पीठ पर एक निशाना बनाया है.मेक ने अपने ट्वीट में कहा, ऐसा लगता है कि मोहम्मद जुबैर नाम का कोई जिहादी है जो ऑल्ट न्यूज नामक वामपंथी दुष्प्रचार साइट चलाता है. वह हमास के प्रचार को उजागर करने के लिए मुझे और अन्य रूढ़िवादियों को बदनाम करने का प्रयास कर रहा है. क्या यह वही यहूदी-विरोधी,हिंदू-विरोधी व्यक्ति है जिसने नूपुर शर्मा को निशाना बनाया और उनकी जान को खतरे में डाला?
उन्होंने आगे कहा, मैंने यह भी सुना है कि उसे भारत में गिरफ्तार किया गया था. वह एक खतरनाक व्यक्ति लगता है जो अपने अनुयायियों को लोगों को परेशान करने के लिए प्रोत्साहित करता है. क्या यह सच है कि उन्हें जॉर्ज सोरोस की ओपन सोसाइटी फाउंडेशन (ओएसएफ) से पैसा मिला है, जो भारत के भीतर सक्रिय भारत विरोधी तत्वों का समर्थन करता है? क्या यह सच है कि उसने लोगों को भी धोखा दिया है? क्या आप उसके बारे में अधिक जानकारी साझा कर सकते हैं – आपकी मदद के लिए धन्यवाद!