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शाकिब अल हसन क्यों प्रसिद्ध हैं ? सियासत में कदम रखते ही बांग्लादेश में मची खलबली

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, ढाका

बांग्लादेश की सियासत में इस समय खलबली मची हुई है. बांग्लादेश क्रिकेट टीम के ऑलराउंडर शाकिब अल हसन ने राजनीति में आने का ऐलान किया है. उनके इस ऐलान से कई लोगों को लगता है कि बांग्लोदश की सियासत करवट लेगी. उनके सियासी मैदान में उतरने से इस देश के पढ़े-लिखे नौजवान में सियासत को लेकर सकारात्मक सोंच पैदा होगी.

शाकिब उल हसन लड़ेंगे चुनाव

विदेशी मीडिया के मुताबिक, शाकिब-उल-हसन 7 जनवरी को बांग्लादेश की सत्ताधारी पार्टी अवामी लीग से चुनाव लड़ सकते हैं.अवामी लीग के संयुक्त महासचिव बहाउद्दीन नसीम ने विदेशी मीडिया से बात करते हुए कहा कि शाकिब-उल-हसन ने शनिवार को पार्टी से नामांकन फॉर्म लिया है.उन्होंने शाकिब-उल-हसन का स्वागत करते हुए कहा कि वह एक मशहूर शख्सियत हैं और देश के युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हैं.रिपोर्ट्स के मुताबिक शाकिब-उल-हसन 3 सीटों से चुनाव लड़ सकते हैं.

शाकिब यूनिसेफ के रहे हैं राजदूत

बता दें कि बांग्लादेशी क्रिकेट स्टार शाकिब अल हसन विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त प्रतिभा हैं, जो वर्तमान में एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में नंबर 1 ऑलराउंडर हैं. शाकिब को एक बांग्लादेश में राष्ट्रीय रोल मॉडल के रूप में देखा जाता है. वह अपने शानदार करियर के दौरान कमजोर बच्चों की मदद के लिए धर्मार्थ प्रयासों में शामिल रहे हैं. 2013 में शाकिब को यूनिसेफ का राष्ट्रीय राजदूत नियुक्त किया गया था. वह यूनिसेफ के कई प्रमुख कार्यक्रमों और अभियानों में शामिल भी हुए थे, जिनमें मीना मीडिया अवार्ड्स, बच्चों के अधिकार, हर जीवित बच्चे, ऑनलाइन सुरक्षा और विश्व टीकाकरण के कन्वेंशन की 25 वीं वर्षगांठ आदि शामिल है. उन्होंने रोहिंग्या बच्चों की दुर्दशा के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए कॉक्स बाजार में शरणार्थी शिविरों का भी दौरा किया था.

शाकिब अल हसन क्यों प्रसिद्ध हैं ?

जहां तक रही बात शाकिब अल हसन की प्रसिद्धी की बात कि शाकिब अल हसन क्यों प्रसिद्ध हैं, तो बता दें कि वह निस्संदेह बांग्लादेश क्रिकेट जगत से उभरा सबसे बड़ा नाम हैं. एक वास्तविक ऑलराउंडर होने के नाते, शाकिब बांग्लादेश की लाइन-अप में एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं. वह पिछले कई वर्षों से अपने देश के लिए लगातार अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी रहे हैं.

शाकिब पहली बार तब सुर्खियों में आए जब उन्होंने अपने गृहनगर मगुरा के पास कई गांवों के लिए क्रिकेट खेला. उन्होंने सरकार द्वारा संचालित खेल सुविधा में अपने कौशल को निखारने में समय बिताया और उन्हें इंग्लैंड और श्रीलंका की त्रिकोणीय श्रृंखला के लिए अंडर -19 टीम के लिए चुना गया. उन्होंने 86 गेंदों में शतक बनाया और फाइनल में तीन विकेट लेकर टीम को श्रीलंका को हराने में मदद की. इससे उन्हें जिम्बाब्वे के खिलाफ श्रृंखला के लिए चयन मिला.

आईसीसी के नंबर एक खिलाड़ी रहे हैं शाकिब उल हसन

उन्होंने अपना पहला वनडे शतक 2007 विश्व कप से ठीक पहले वेस्ट इंडीज में खेली गई त्रिकोणीय श्रृंखला में कनाडा के खिलाफ लगाया था. उन्होंने संयमित अर्धशतक बनाया. बिना किसी विकेट के 44 रन देकर 10 कड़े ओवर फेंके, जिससे बांग्लादेश ने भारत पर बड़ी जीत हासिल की.

उनके लगातार अच्छे प्रदर्शन ने उनकी प्रतिष्ठा को बढ़ाया. साल के अंत में उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ शतक बनाया.टेस्ट क्षेत्र में, शाकिब ने उसी लय को जारी रखा जैसा उन्होंने वनडे में किया था. उन्हें बड़ी सफलता 2008 में चटगांव में न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट में मिली. उन्होंने 36 रन देकर 7 विकेट लिए, जो अब तक किसी बांग्लादेशी गेंदबाज का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. शाकिब ने दूसरी पारी में भी अर्धशतक बनाकर न्यूजीलैंड को 317 रनों का चुनौतीपूर्ण लक्ष्य दिया. हालांकि, उन्हें अन्य गेंदबाजों से कोई समर्थन नहीं मिला. न्यूजीलैंड ने मैच जीत लिया.

शाकिब को नंबर 1 दिया गया. उनकी निरंतरता के कारण आईसीसी द्वारा उन्हें हरफनमौला खिलाड़ियों में प्रथम स्थान मिला. उन्होंने मोहम्मद अशरफुल से कप्तानी ली और आगे बढ़कर नेतृत्व किया. उन्होंने वेस्ट इंडीज की कमजोर टीम के खिलाफ ग्रेनाडा में दूसरे टेस्ट में पांच विकेट लिए. नाबाद 96 रन बनाए.अंततः बांग्लादेश ने टेस्ट श्रृंखला 3-0 से जीत ली.

काउंटी क्रिकेट में शाकिब का बेहतर प्रदर्शन

वॉर्सेस्टरशायर के साथ शाकिब के कार्यकाल ने उन्हें और भी बेहतर बनाया. उन्होंने एक सीजन में 35 विकेट लिए, जिसमें मिडलसेक्स के खिलाफ 7-32 के उनके सर्वश्रेष्ठ आंकड़े भी शामिल थे, जिससे काउंटी को चैंपियनशिप के डिवीजन 1 में पदोन्नत होने में मदद मिली. जब बांग्लादेश ने 2010 में न्यूजीलैंड पर वाइटवॉश हासिल किया तो वह अग्रणी विकेट लेने वाले और रन बनाने वाले खिलाड़ी थे.

2011 विश्व कप में बांग्लादेश को इंग्लैंड, आयरलैंड और नीदरलैंड के खिलाफ जीत दिलाने के बावजूद टीम हार गई और कई लोगों ने शाकिब को दोषी ठहराया. उन्होंने सभी आलोचनाओं को दरकिनार करते हुए 2011 के आईपीएल में कोलकाता के लिए अच्छा प्रदर्शन किया.शाकिब को 2011 में वेस्टइंडीज दौरे से पहले कप्तानी से बर्खास्त कर दिया गया. हालांकि, उन्होंने एक बार फिर अपनी योग्यता साबित की. वह वेस्टइंडीज में वनडे और टेस्ट श्रृंखला दोनों में बांग्लादेश के अग्रणी विकेट लेने वाले गेंदबाज थे. उनकी गेंदबाजी को दो टेस्ट मैचों में बनाए गए 168 रनों का समर्थन मिला. उन्होंने वनडे में दो पारियों में 79 रन बनाए.

बांग्लादेश दोनों सीरीज हार गया. बाद में वर्ष में, शाकिब दिसंबर 2011 में पाकिस्तान के खिलाफ घरेलू टेस्ट श्रृंखला में बांग्लादेश के शीर्ष रन-स्कोरर और विकेट लेने वाले गेंदबाज थे. श्रृंखला के दूसरे टेस्ट में, वह शतक बनाने और पांच विकेट लेने वाले बांग्लादेश के पहले खिलाड़ी बन गए. श्रृंखला के बाद, उन्हें नंबर 1 स्थान दिया गया. आईसीसी की टेस्ट ऑलराउंडरों की रैंकिंग में नंबर 1 रहे.

बांग्लादेश प्रीमियर लीग में शाकिब का बेजोड़ प्रदर्शन

बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड ने 2012 में बांग्लादेश प्रीमियर लीग लॉन्च किया, जो उस वर्ष फरवरी में आयोजित होने वाला एक ट्वेंटी 20 टूर्नामेंट था. बीसीबी ने शाकिब को खुलना रॉयल बेंगल्स के लिए आइकन प्लेयर बनाया. उनकी कप्तानी में शाकिब की टीम प्रतियोगिता के सेमीफाइनल में पहुंची, जहां उन्हें ढाका ग्लेडियेटर्स ने हराया. 10 मैचों में, उन्होंने 280 रन बनाए और 15 विकेट लिए. वह अपनी टीम के अग्रणी विकेट लेने वाले गेंदबाज थे. बाद में उन्हें मैन ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया.

2012 एशिया कप में शाकिब ने 237 रन बनाए, जिसमें तीन अर्धशतक शामिल थे और छह विकेट भी लिए. बांग्लादेश पहली बार टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचा, जहां वह पाकिस्तान से दो रन से हार गया. शाकिब के प्रदर्शन ने उन्हें प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का पुरस्कार दिलाया. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के शेन वॉटसन से नंबर 1 वनडे ऑलराउंडर स्थान हासिल किया. उस वर्ष बाद में आईपीएल के 2012 संस्करण में, शाकिब ने कोलकाता के 18 मैचों में से आठ में खेला और दो मैन ऑफ द मैच पुरस्कार जीते. टीम ने पहली बार आईपीएल जीता.

2012 में वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू श्रृंखला के दौरान, शाकिब 100 टेस्ट विकेट लेने वाले दूसरे बांग्लादेशी खिलाड़ी बन गए, जिससे वह बांग्लादेश के लिए टेस्ट में अग्रणी विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए. उन्होंने सबसे तेज 100 विकेट लेने और 1,000 रन बनाने वाले ऑलराउंडर बनने की उपलब्धि भी हासिल की. उन्होंने महज 28 मैचों में यह उपलब्धि हासिल की. हालांकि पिंडली की चोट के कारण वह वनडे और टी20 सीरीज से बाहर हो गए थे.

2013 बीपीएल खिलाड़ी नीलामी में, शाकिब को ढाका ग्लेडियेटर्स द्वारा 365,000 अमेरिकी डॉलर की भारी राशि पर खरीदा गया, जिससे वह टूर्नामेंट का सबसे महंगा खिलाड़ी बन गए. उन्होंने 12 मैचों में 329 रन और 15 विकेट लेकर अपनी टीम को जीत दिलाई और बीपीएल में लगातार दूसरी बार मैन ऑफ द टूर्नामेंट बने. शाकिब ने टी20 मैचों के लिए दूसरे विदेशी खिलाड़ी के रूप में लीसेस्टरशायर काउंटी क्रिकेट क्लब के साथ अनुबंध किया. कैरेबियन प्रीमियर लीग 2013 में शाकिब ने बारबाडोस ट्राइडेंट्स के लिए एक ऑलराउंडर के रूप में खेला.