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कितने इजरायली सैनिक गाजा में मारे गए, बड़ी संख्या में हमास के हाथों इजरायल के जवानों की मौत की खबर कितनी सही  ?

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

इजरायली सेना के हमले से जहां गाजा पट्टी खंडहर में तब्दील हो गई और करीब 14 हजार लोगांे को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है. वहीं हमास के हमले से इजरायली सेना को भी भारी नुकसान होने का दावा किया गया है.इस क्रम में यहां तक कहा गया है कि इजरायल ने गाजा पर युद्ध विराम का ऐलान अंतरराष्ट्रीय दबाव में आकर नहीं किया है, बल्कि भारी नुकसान से उबरने के लिए ऐसा किया है. बताते हैं कि नेतन्याहू ने जब अपने कैबिनेट में बंदियांे को छोड़ने के एवज में आंशिक युद्धविराम का प्रस्ताव लाया तो, इजरायल के कट्टरवादी सांसद इसलिए बिफर गए कि इजरायली सैनिकांे के भारी नुक्सान के बाद वह युद्ध को अंजाम तक पहुंचाने के बाद ही रूकने के पक्ष में थे. मगर जब उन्हें सेना को भारी नुकसान के बारे में बताया गया तो वे आंशिक युद्ध विराम को राजी हो गए. नेतन्याहू ने भी कहा है कि युद्धविराम के दौरान नए सिरे से हमास से लड़ने की तैयारी की जाएगी.

रही बात इजरायली सेना के भारी नुकसान की तो सोशल मीडिया पर एक ट्विटर हैंडल ने जो तस्वीर साझा की है, वह चिंताजनक है.मिस्टर कूल नामक एक एक्स हैंडल से इजरायली सेना के भारी नुकसान की सूचना दी गई है. इस सूचना का स्रोत क्या है ? इसमें कहीं इसका जिक्र नहीं है. यह मिस्टर कूल खुद को एक्टिविस्ट बताते हैं और एक्स पर इनके 143.6 हजार फाॅलोवर्स हैं.

मिस्टर कूल ट्विटर हैंडल से कहा गया है,‘‘ कई इजरायली पत्रकार लिखते हैं कि गाजा के युद्ध में 2,985 इजरायली सैनिक मारे गए.’’इसमें कहा गया है कि मृत इजरायली सैनिकों की संख्या 2,985 से कम नहीं है. घायलों में 11,600 सैनिक हैं.’’

इसमें आगे लिखा गया है,’’हमास के प्रवक्ता ने भी कहा कि सच्चाई जल्द ही इजरायली जनता तक पहुंच जाएगी.’’
इसी ट्वीट में कहा गया है,’’नेतन्याहू की सरकार गाजा में नुकसान की वास्तविक संख्या को छिपाने के लिए हर कीमत पर कोशिश कर रही है. इजराइल में आबादी पहले से ही उबल रही है. लगातार बड़े विरोध प्रदर्शन कर रही है. इनमें से कई परिवारों को अभी तक गाजा पर हमला करने वाले अपने रिश्तेदारों के भाग्य की खबर नहीं मिली है.

ट्विट में कहा गया है, हमास ने इजरायली सैन्य उपकरणों के विनाश के वीडियो जिस तरह जारी किए हैं, उसको देखते हुए ये संख्याएं वास्तविक मानी जाती हैं.गाजा में आक्रमण फिलहाल रुका हुआ है. इसराइली सेना कई दिनों से आगे नहीं बढ़ पा रही है.उत्तर में कुछ जगहों पर तो उसने पीछे हटना भी शुरू कर दिया है.हां, ये बात अलग है कि अस्पतालों और रिहाइश के इलाके में बमबारी जारी है और हर जगह को हमास का अड्डा बताया जा रहा है.’’

मिस्टर कूल ने लिखा है-‘‘देश के उत्तर में, संघर्ष की शुरुआत में पहले 3 हफ्तों में, हिज्बुल्लाह में 60 लोग शहीद हुए. तब हिजबुल्लाह ने बड़े पैमाने पर हमले बढ़ाए और सैन्य रडार साइटों पर हमला किया. तब से, हिज्बुल्लाह का नुकसान लगभग 0 तक कम हो गया है. दूसरी ओर, इजराइल लगातार अपने सैनिकों को खो रहा है.

आगे कहा गया है,’’जैसा कि मैंने पहले ही इस संघर्ष के बारे में लिखा है, इसके 3 मुख्य चरणों में विभाजित किया जाएगा. पहला चरण हमास के हाथ में है, ताकि दूसरे चरण, हिजबुल्लाह आक्रमण की शुरुआत से पहले इजरायली सेना को जितना संभव हो उतना नुकसान पहुंचाया जा सके और गाजा के साथ इजराइल के उत्तर के इलाको में भी उसको फसाया जा सके.

यह संघर्ष कई वर्षों तक चलेगा, क्योंकि इसका लक्ष्य धीरे-धीरे इजरायल को खत्म करना है.इधर, रूसी न्यूज एजेंसी स्पुतनिक ने इजरायली सेनाआईडीएफ के गाजा संघर्ष की शुरुआत के बाद से 378 इजरायली सैनिक के मारे जाने की खबर दी है.

इसमें कहा गया है कि इजराइल रक्षा बल (आईडीएफ) के प्रवक्ता आरडीएमएल डेनियल हगारी ने कहा कि 7 अक्टूबर से फिलिस्तीनी आंदोलन हमास के साथ बढ़े संघर्ष में मारे गए इजरायली सैनिकों की संख्या 378 तक पहुंच गई है.हागारी ने एक ब्रीफिंग में कहा, आज तक, हमने 378 शहीद आईडीएफ सैनिकों के परिवारों को सूचित किया है जो इजरायल की रक्षा करते हुए शहीद हो गए. हम इन कठिन समय के दौरान परिवारों के साथ हैं.

अगर हमास के साथ युद्ध में तीन हजार के करीब इजरायली सैनिकों के मारे जाने की बात सही है तो अब से पहले इतना बड़ा नुकसान इजरायल ने नहीं झेला था. वह इसलिए भी बौखलाया हुआ है कि 7 अक्टूबर के हमास हमले और युद्ध में भारी नुकसान के बाद उसका खौफ और मुसाद का टेरर खत्म हो जाएगा.

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