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कश्मीरी व्यापारियों ने क्यों कहा, इन्हें कश्मीर चाहिए, कश्मीरी नहीं ?

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, लखनऊ

‘‘इन्हें कश्मीर चाहिए, कश्मीरी नहीं ?‘‘ यह शब्द उन कश्मीरी व्यापारियों के हैं जो इन दिनों लखनऊ के गोमती नगर इलाके में गर्म कपड़े और सूखे मेवे का व्यापार करने आए हुए हैं. इनका आरोप है कि लखनऊ नगर निगम के लोग पिछले दो-तीन वर्षों से उन्हें विशेष तौर से निशाना बना रहे हैं.

कश्मीरी व्यापरी पिछले दस-बारह सालों से गोमती नगर में जाड़े के दिनों मंे गर्म कपड़े और सूबे मेवे बेचने कश्मीर के विभिन्न हिस्सों से आते हैं. गोमती नगर के फुटपाथ पर दुकानें लगाते हैं. उनका आरोप है कि पिछले दो सालों से केवल उन्हें ही परेशान किया जा रहा है. नगर निगम वाले केवल उनके सामान जब्त करते हैं. चालान भरने पर आधे वापस करते हैं और आगे गायब कर देते हैं. बाकी दुकान लगाने वालों को कुछ नहीं कहते.

सोशल मीडिया पर शेयर किए गए वीडियो के अनुसार, 25 नवंबर को ऐसा एक घटना घटी है. इस घटना से फुटपाथ पर दुकान लगाने वाले कश्मीरी इतने गुस्से में हैं कि उनका सीधा आरोप है,‘‘इन्हें कश्मीर चाहिए, कश्मीरी नहीं.’’

मनोविज्ञान के अनुसार,‘जुबान पर अंजाने में वही बातें आती हैं, जो अंतः मन में दबी होती हैं.’ कश्मीरी व्यापारियों की बातों से लगता है कि कश्मीर में बदलाव के ना पर जो कुछ हो रहा है, उन्हें कतई पसंद नहीं. चूंकि इस घटना पर चिंता जताने या खंडन मंडन करने वाला अब तक कथित किसी कश्मीरी हितैषी का बयान नहीं आया है, ऐसे में कश्मीरियों के मन की कुंठा और मजबूत ही सकती है. यहां याद दिलाना जरूरी है कि जम्मू कश्मीर के वर्तमान उप-राज्यपाल सिन्हा लखनऊ से कुछ सौ किलोमीटर दूर के मूल बाशिंदा हैं.

बहरहाल, अभी लखनऊ की घटना को कुछ खास सोशल मीडिया हैंडल से साझा किया जा रहा है, ताकि आम कश्मीरियों तक यह बात पहुंच सके कि कश्मीर के बाहर उनके लोगों के साथ क्या सलूक किया जा रहा है. फोटो जर्नलिस्ट मोहम्मद इमरान ने इस घटना से संबंधित तस्वीर और वीडियो एक्स पर साझा किए हैं. वह लिखते हैं,‘‘लखनऊ गोमती नगर लोहिया पद पर हर साल की तरह इस साल भी कश्मीरी युवक मेवा, खजूर, आराम से फुटपाथ पर बैठकर बेचते है. लेकिन नगर निगम की टीम पहुंच गई सामान भी छीन लिया और कश्मीरीयों को गाड़ी में भरकर पकड़ ले गई.

इस घटना का वीडियो मुस्लिम स्पेस ने भी साझा किया है. साथ ही टिप्पणी की है,‘‘उत्तर प्रदेशः कश्मीरी मुस्लिम व्यापारियों की अतिक्रमण कार्रवाई!’’आगे लिखा है-‘‘लखनऊ में समता मुलक चैराहे के पास सड़क किनारे अपने सूखे मेवे और अन्य उपज बेचने वाले कश्मीरी व्यापारियों को उनके माल के साथ नगर निगम की वैन में लाद दिया गया!’’

इसी घटना को एक अन्य ने टिप्पणी के साथ ट्विट किया है,‘‘कश्मीर चाहते हैं, लेकिन कश्मीरी लोग नहीं!’’आगे कहा गया है,‘‘एक कश्मीरी मुस्लिम व्यापारी ने लखनऊ नगर निगम की कार्रवाई के बाद अपनी पीड़ा व्यक्त की, जहां कश्मीरी विक्रेताओं और उनके माल और उत्पादों को, जबरन एक वैन में भरकर प्रशासन द्वारा ले जाया गया!.’’

इस वीडियो में एक कश्मीरी व्यापारी यह कहते सुनाई दे रहा है कि बेकारी बहुत अधिक होने की वजह से वे कश्मीर से व्यापार करने उत्तर प्रदेश आते हैं. जबकि उत्तर प्रदेश के लोग भी मेहनत-मजदूरी करने कश्मीर जाते हैं. उन्हें बाहरी समझकर कोई उनसे बदसलूकी नहीं करता. यदि कभी ऐसी घटना होती है तो स्थानीय कश्मीरी उनके बचाव में आ जाते हैं. कश्मीरी व्यापारियों को शिकायत है कि उनका पक्ष लेने कोई गैर कश्मीरी आगे नहीं आया.