कोलकाता में होली और जुमे की नमाज का सौहार्दपूर्ण संगम, यूपी में तैनात रही पुलिस
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, कोलकाता
जब देश के कई हिस्सों में होली और रमजान के जुमे की नमाज को लेकर तनाव की स्थिति बनी हुई थी, वहीं पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से सौहार्द और सांप्रदायिक एकता की मिसाल पेश करने वाली तस्वीरें सामने आईं।
कोलकाता, जिसे देश की सांस्कृतिक नगरी भी कहा जाता है, ने एक बार फिर अपनी गंगा-जमुनी तहजीब को साबित किया। शुक्रवार को यहां मस्जिदों में जुमे की नमाज और सड़कों पर रंगों की होली, दोनों का खूबसूरत समन्वय देखने को मिला। कहीं से किसी तरह की खलल या विवाद की खबर नहीं आई। न तो मस्जिदों को तिरपाल से ढका गया और न ही होली खेलने वालों ने मस्जिदों के सामने कोई नारेबाजी या असभ्य व्यवहार किया।
एक तरफ जुमे कि नमाज़, दूसरी तरफ़ होली खेलने वाले लोग। किसी को कोई दिक्कत नहीं। ये पश्चिम बंगाल का कोलकाता है। शायद इस लिए ही ममता बनर्जी एक मज़बूत मुख्यमंत्री के तौर पर वर्षों से एक राज्य का नेतृत्व कर रही हैं।
— Ashraf Hussain (@AshrafFem) March 14, 2025
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कोलकाता की सांप्रदायिक सौहार्द्र की मिसाल

सोशल मीडिया पत्रकार अशरफ हुसैन ने एक वीडियो साझा किया, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि किस तरह मस्जिद भरने के बाद कुछ लोग सड़कों पर जुमे की नमाज अदा कर रहे हैं, और उनके पास से होली खेलने वाले लोग बिना किसी रुकावट के गुजर रहे हैं।
वीडियो को साझा करते हुए पत्रकार ने लिखा— “एक तरफ जुमे की नमाज, दूसरी तरफ होली खेलने वाले लोग। किसी को कोई दिक्कत नहीं। यह पश्चिम बंगाल का कोलकाता है। शायद इसीलिए ममता बनर्जी वर्षों से एक मजबूत मुख्यमंत्री के तौर पर राज्य का नेतृत्व कर रही हैं।”
#WATCH | Sambhal, UP | CO Anuj Chaudhary says, "All have celebrated Holi with love. Now, people are going to offer Namaz, and it will also be done peacefully. The Holi procession was huge, with almost 3000 people taking part, but everything has happened peacefully." pic.twitter.com/ikNi2j73Ey
— ANI (@ANI) March 14, 2025
यूपी के शहरों में तनावपूर्ण माहौल
जहां कोलकाता में सौहार्दपूर्ण वातावरण दिखा, वहीं उत्तर प्रदेश के संभल और अलीगढ़ जैसे शहरों से कुछ डराने वाली तस्वीरें सामने आईं।
इन शहरों में प्रशासन ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए मस्जिदों के बाहर तिरपाल लगाने और ड्रोन से निगरानी रखने जैसे कदम उठाए। कई जगहों पर पुलिसबल भी भारी संख्या में तैनात किया गया।
संभल के एसपी अनुज चौधरी ने कहा— “सभी ने बहुत प्यार से होली मनाई है। कहीं से किसी प्रकार की कोई शिकायत नहीं आई है। अब नमाज का समय है और नमाज भी आराम से अदा की जाएगी।”
अलीगढ़ के पत्रकार सचिन गुप्ता ने भी एक वीडियो साझा किया, जिसमें तिरपाल से ढकी मस्जिद के सामने कुछ लोग होली खेलते नजर आ रहे हैं। वीडियो के साथ लिखा गया— “अलीगढ़ में मस्जिद के सामने धूमधाम से होली खेली जा रही है।” इस वीडियो में एक गाना भी बज रहा था— “अयोध्या भी सजा दी है, काशी भी सजा दी है, हिंदू हैं हिंदू हम, मथुरा भी सजाएंगे।”
अलीगढ़ में मस्जिद के सामने धूमधाम से होली खेली जा रही है। DJ पर होली गीत बज रहा है– "अयोध्या भी सजा दी है, काशी भी सजा दी है, हिंदू हैं हिंदू हम, मथुरा भी सजाएंगे" pic.twitter.com/fF2x9JRsze
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) March 14, 2025

मीडिया की भूमिका पर सवाल
संवेदनशील मुद्दों पर जिम्मेदारी से रिपोर्टिंग करना मीडिया का दायित्व होता है। अलीगढ़ में सामने आए वीडियो को देखकर सवाल उठता है कि क्या पत्रकारों को ऐसी रिपोर्टिंग करनी चाहिए, जो धार्मिक भावनाओं को भड़काने का काम करे?
कोलकाता ने यह दिखा दिया कि धार्मिक विविधता को किस तरह सम्मान के साथ निभाया जा सकता है। वहीं, यूपी के कुछ इलाकों में तनाव पैदा होने के बावजूद प्रशासन की सतर्कता से स्थिति को नियंत्रण में रखा गया।
इस घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि देश को कोलकाता जैसे सौहार्द्रपूर्ण उदाहरणों की जरूरत है, जहां होली और नमाज, दोनों का सम्मान किया जाता है और धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा दिया जाता है।