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आमिर खान ने नए ऑफस में किया हवन-पूजन, फिर हज करने का क्या मतलब !

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

हज करने वाला हिंदू रीति-रिवाज से हवन कर सकता है ? उलेमा और मुसलमानों के लिए अहम सवाल है. इस सवाल का अधिकांश मुसलमानों का एक ही जवाब होगा-नहीं. सिनेमा और नाटक-नौटंकी में तो यह संभव है, पर हकीकत जिंदगी मंे इस्लाम में इसकी इजाजत नहीं है. मगर बॉलीवुड के मिस्टर प्रफेक्शनिस्ट यहां मार खा गए. उन्हांेने शुक्रवार को पूरे हिंदू रिजी-रिवाज के साथ ‘आमिर खान प्रोडक्शन’ के नए ऑफिस के उद्घाटन के असवर पर हवन-पूजन किया. कलश स्थापित किया और माथे पर लाल टीका लगाकर पूरे विधि-विधान से पूजा अर्चना की.यह वही आमिर खान हैं जिन्हांेने अपनी मां के साथ 2012 में हज किया था.

आमिर खान के हवन-पूजन की यह खबर बॉलीवुड के बादशाह शाहरूख खान के हज उमरा करने के चार दिन बाद सामने आई है. आमिर खान के प्रोडक्शन ऑफिस के पूजा-हवन की तस्वीरें सोशल साइट इस्टाग्राम पर साझा की गई हैं, तब से वायरल हो रही हैं.

ऐसा नहीं है कि आमिर खान के हवन-पूजन की तस्वीरों को देखकर हिंदू समुदाय के लोग खुश हो रहे हैं, बल्कि इसको लेकर उनका जमकर मजाक उड़ाया जा रहा है. इसके विपरीत मुसलमान इसे गैर मजहबी बता रहे हैं. एक स्कूल की मुस्लिम टीचर जी. जहीन के अनुसार, आमिर यदि फिल्म में यह कह रहे होते तो शायद चल जाता, पर एक मुसलमान के नाते इस्लामिक नजरिए से यह गैरवाजिब है. हज करने के बाद तो एक तरह से यह इस्लामी बंधन और मजबूत हो जाता है.आमिर यह समझ नहीं पाए या किरण राव से तलाक लेने वाला यह कोई पब्लिसिटी स्टंट है.

pics social media

आमिर के नए ऑफिस में हवन-पूजन की जो तस्वीरें वायरल हो रही हैं,उसमें उनके साथ उनकी पूर्व पत्नी किरण राव भी खड़ी नजर आ रही हैं. इससे कुछ दिनांें पहले दोनों की कतर से फिफा वर्ल्ड कप के दौरान मौज मस्ती करते हुए तस्वीरें वायरल हुई थीं. सवाल यह है कि क्या कोई व्यक्ति पत्नी को तलाक देने के बाद इस तरह स्वछंद घूम-फिर, मौज, मस्ती कर सकता है ? मजहबी नजरिए से यह तो गलत है ही, सामाजिक दृष्टिकोण से भी इसकी कोई स्वीकारता नहीं है. ऐसे मंे एक और सवाल आमिर से तो बनता ही है कि क्या उनकी यह हरकत समाज में एक नई कुपरंपरा की शुरूआत नहीं है कि तलाक देकर भी साथ रह सकते हैं ?