सुशांत के बाद बिहार के इफ्तेखार रहमानी बने चांद पर ज़मीन के मालिक
सेराज अनवर/पटना
चांद पर बसने की ख़्वाहिश किसे नहीं होती है.अभिनेता शाहरुख़ खान,क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी,दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत आदि ने चांद पर बसने के लिए ज़मीन ले रखी है.सुशांत सिंह राजपूत के बाद एक और नाम बिहार से ही जुड़ गया है,जिसे एक कंपनी ने चांद पर एक एकड़ ज़मीन गिफ्ट कर दी है.उस ख़ुशक़िस्मत शख़्स का नाम है इफ़्तेखार रहमानी. दरभंगा निवासी रहमानी को अमेरिकन कंपनी लूनार सोसायटी इंटरनेशनल ने यह प्लॉट उपहार में दिया है. इफ्तेखार रहमानी पेशे से सॉफ्टवेयर डेवलपर हैं और Arstudioz नामक कंपनी के मलिक भी हैं, जो नोएडा में स्थित है. ग़ौरतलब है कि लूनर सोसायटी इंटरनेशनल से ही फिल्म स्टार शाहरुख खान, सुशांत सिंह राजपूत, क्रिकेटर महेन्द्र सिंह धोनी समेत अन्य लोगों नें चांद पर जमीन खरीद रखा है.इस कड़ी मे दरभंगा के लाल का भी नाम जुड़ जाने से दरभंगा सहित पुरा बिहार गौरवान्वित महसूस कर रहा है. चांद पर ज़मीन का मालिक बनने वाले इफ्तेखार के घर की माली हालत बहुत अच्छी नहीं है.उनकी मां, बहन-भाई आज भी पुराने खपरैल के घर में रहते हैं.इफ्तेखार के छोटे भाई एजाज आलम के मुताबिक़ इफ़्तेखार बचपन से ही पढ़ाई-लिखाई में बहुत तेज थे. इंजीनियर बनना उनका बचपन का सपना था.
इफ्तेखार चांद पर रिसर्च करने वाली और वहां के प्लॉट का हिसाब-किताब रखने वाली अमेरिकन कंपनी लूनार सोसायटी इंटरनेशनल के लिए सॉफ्टवेयर डेवलप कर रहे हैं.अच्छे काम के लिए कंपनी ने उन्हें यह जमीन गिफ्ट में दी गई. इफ्तेखार नोएडा में AR स्टूडियोज नामक सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कंपनी भी चलाते हैं.उन्होंने इस कंपनी की शुरुआत एक स्टार्टअप के रूप में 2019 में की थी.यह कंपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर खास तौर पर काम कर रही है. इफ्तेखार की मां नाजरा बेगम कहती हैं कि मुझे इस बात का गर्व है कि मेरा बेटा कामयाबी की बुलंदियों को छू रहा है. यह खबर मिलने से मेरे परिवार के लोग काफी खुश हैं. मेरे पुत्र ने कड़ी परिश्रम कर यह सफलता अर्जित की है.
इफ़्तेखार दो भाई और चार बहनें हैं.चारों बहनें बड़ी हैं, जबकि भाइयों में इफ्तेखार बड़े हैं. उनके पिता फ़ख़्र-ए- आलम बहेड़ा रजिस्ट्री ऑफिस में कातिब थे.2014 में उनका देहांत हो गया .इफ्तेखार ने बहेड़ा से ही प्रारंभिक शिक्षा हासिल की है. 2011 में बहेड़ा कॉलेज से इंटर साइंस किया.उसके बाद उदयपुर, राजस्थान के एस.एस कॉलेज से बी.टेक की पढ़ाई की. इफ़्तेखार का इरादा अपने गृह अनुमंडल बेनीपुर के युवाओं के लिए दरभंगा में एक सॉफ्टवेयर कंपनी खोलने का है.उस कंपनी में युवाओं को प्रशिक्षित कर जॉब देंगे. वर्तमान में भी उनकी कंपनी में बिहार के कई युवा काम कर रहे हैं.
हालांकि चांद पर जमीन गिफ्ट मिलने के कोई ऑफिशियल दस्तावेज अब तक प्रस्तुत नहीं किए जा सके हैं. लेकिन दरभंगा में ये खबर खूब वायरल हो रही है.
इफ्तेखार का कहना है कि मैं लुनार सोसाइटी इंटरनेशनल के लिए सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट का काम करता हूं.कंपनी से मेरा अनुबंध साढ़े तीन माह पूर्व ही हुआ है. मैंने इस कंपनी के पुराने सॉफ्टवेयर को अपडेट कर और बेहतर किया.इससे खुश होकर कंपनी ने मुझे चांद पर एक एकड़ जमीन दी है. इसकी कागजी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है.उन्होंने कहा कि मैं चांद पर अपनी जमीन देखने चार-पांच साल बाद जाऊंगा. उसके बाद योजना बनाऊंगा कि उस जमीन पर क्या करना है.
चांद पर जमीन के बारे में कहा जाता है कि कोई भी शख्स उस पर मालिकाना हक नहीं जता सकता और न ही वहां जा सकता है. यह सिर्फ अपने दिल को बहलाने के लिए होता है. चांद पर जमीन खरीदना गैर-कानूनी माना जाता है. सुशांत ने जो जमीन खरीदी थी वह चांद के ‘सी ऑफ मसकोवी’ में है.इस जमीन की निगरानी के लिए सुशांत ने एक टेलीस्कोप 14LX00 भी खरीदा था.
वर्ष 1967 में 104 देशों ने एक समझौता पर हस्ताक्षर किए थे.इस समझौते के तहत चांद, तारे सहित अन्य अंतरिक्ष की चीजें किसी एक देश की संपत्ति नहीं हैं.इसलिए कोई भी इसमें दावा नहीं कर सकता. भारत ने भी इस समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। भारत में भी चांद पर जमीन खरीदना गैर-कानूनी माना जाता है.
चांद पर एक एकड़ जमीन की कीमत 34.25 डॉलर के करीब है. इतने कम कीमत पर लोग चांद पर जमीन खरीद सकते हैं. भूमि इंटरनेशनल लूनार लैंड्स रजिस्ट्री नाम की एक वेबसाइट है, जहां से आप चांद पर प्लॉट खरीद सकते हैं. वेबसाइट पर जाने के बाद चांद का एरिया बताया जाएगा. जैसे- बे ऑफ रैन्बो, लेक ऑफ ड्रीम, सी ऑफ वैपोर्स, सी ऑफ क्लाउड्स.आप इनमें से किसी एक जगह का चयन कर जमीन खरीद सकते हैं.