Religion

नूंह दंगे के बाद बाजार वाली मस्जिद होडल में पहली बार जुमे की नमाज़

यूनुस अलवी,मेवात/हरियाणा

नूंह दंगों के बाद, पलवल, होडल, सोहना, गुरुग्राम सहित कई जिला की 14 मस्जिदों को क्षति पहुंचाई गई थी. जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी के नेतृत्व में राहत, पुनर्वास और कानूनी सहायता का काम कर रही है. उसके प्रयासों से तीन और मस्जिदों की मरम्मत का कार्य पूरा हुआ. जुमे की नमाज के मौके पर जमीअत उलमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी और वरिष्ठजनों के कर-कमलों से इन मस्जिदों का उद्घाटन किया गया.

शाही जामा मस्जिद सोहना के उद्घाटन अवसर पर जुमा की नमाज़ से पूर्व जमीअत उलमा संयुक्त पंजाब के उपाध्यक्ष मौलाना शेर मोहम्मद अमीनी ने अपना महत्वपूर्ण भाषण दिया. जमीअत उलमा की सेवाओं पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला. जुमे की नमाज इमाम मौलाना इमरान मोहम्मद कलीम काशिफी ने पढ़ाई. जमीअत उलमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने जुमे की नमाज़ के बाद अपने मुख्य भाषण में कहा कि सांसारिक कष्ट हमारे ईमान की परीक्षा हैं. हमें धैर्य और दृढ़ता के साथ अल्लाह की ओर रुख करना चाहिए और निराशा से बचना चाहिए.

उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान हमारी मातृभूमि है. अल्लाह तआला ने हमें यहां पैदा करके इस धरती को हमारे लिए चुना है, इसलिए इस देश के निर्माण और विकास में हमें हर प्रकार से भाग लेना है. इसे ऊंचाइयों पर ले जाना है, जो लोग हमें इस देश में किनारे करना चाहते है, वह कभी सफल नहीं हुए हैं, न ही होंगे. न कोई हमें हमारी मातृभूमि से अलग कर सकता है.

मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने उपस्थितजनों को सलाह दी कि वह अपनी नई पीढ़ी को ईमान, नैतिकता और ऊंचाइयों तक पहुंचने के उनके भीतर मौजूद कौशल की रक्षा करें. अगर आप इसे बर्बाद कर दिया, तो न केवल आपका भविष्य बल्कि पूरे समुदाय और देश का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा. उन्होंने कहा कि यह जमीअत उलमा-ए-हिंद के सौ वर्षीय इतिहास की महानता का प्रतीक है कि उसने कभी भी धर्म और संप्रदाय को देखकर अपनी नीति निर्धारित नहीं की, बल्कि इस्लाम का सिर ऊंचा रखने और मातृभूमि की रक्षा को अपना आदर्श बनाया.

इस मस्जिद के अलावा आज ईदगाह वाली मस्जिद होडल जिला पलवल का उद्घाटन जमीअत उलमा संयुक्त पंजाब के महासचिव मौलाना मोहम्मद याह्या करीमी ने किया, जिसके इमाम मौलाना मोहम्मद आबिद हैं. मुतवल्ली इदरीस पहलवान हैं. बाजार वाली मस्जिद होडल पलवल का उद्घाटन जमीअत उलमा मेवात के सचिव असलम बडेडवी ने किया. इस मस्जिद के इमाम मौलाना मोहम्मद उमर फारूक हैं, जबकि मुतवल्ली नवाबुद्दीन भाई हैं.

इस अवसर पर अपने वीडियो संदेश में मस्जिद ईदगाह वाली होडल के इमाम मौलाना मोहम्मद आबिद ने कहा है कि सबसे पहले मैं जमीअत उलमा-ए-हिंद का शुक्रगुजार हूं कि जिस दिन हमारी मस्जिद पर हमला हुआ, उसके तुरंत बाद जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी साहब की टीम यहां पहुंची और उन्होंने बिना देर किए मस्जिद के पुनर्निर्माण का फैसला किया. केवल एक महीने के भीतर, हमारी मस्जिद फिर से स्थापित हो गई और आज आधिकारिक रूप से जुमा की नमाज़ अदा की गई। तो हम लोग उनकी प्रेरणा और सहायता के लिए धन्यवाद दिए बिना आगे नहीं बढ़ सकते. उन्होंने कहा कि होडल में मुस्लिम बहुत अल्पसंख्यक हैं.

बाजार वाली मस्जिद के इमाम मौलाना मोहम्मद उमर फारूक ने कहा कि हम सभी बहुत दुखी थे, ऐसे समय में जमीअत उलमा-ए-हिंद की टीम आशा की किरण बनकर आई. उन्होंने न केवल स्थानीय पुलिस की मदद से मस्जिद का निरीक्षण किया बल्कि पुनर्निर्माण की घोषणा की. आज शुक्रवार को जब मस्जिद के बड़े-बुज़ुर्ग यहां आए और नमाज़ शुरू हुई तो हम सबका दिल अल्लाह की बारगाह में कृतज्ञता से भर गया। जमीअत उलमा-ए-हिंद के महासचिव के साथ प्रतिनिधिमंडल में मुफ्ती सलीम साकरस, मास्टर कासिम महों और हाफिज़ यामीन सोहना भी शामिल थे.