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AIUDF चीफ अजमल की असम सरकार को नसीहत, बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने की जगह जागरूकता फैलाएं, कश्मीर का प्रयोग फेल हो चुका है

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,गुवाहाटी

एआईयूडीएफ प्रमुख और लोकसभा सांसद बदरुद्दीन अजमल ने मंगलवार को कहा कि असम सरकार को बहुविवाह पर कानूनी प्रतिबंध लगाने के बजाय एक से अधिक शादी करने के खिलाफ जागरूकता फैलानी चाहिए.उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस्लाम में बहुविवाह अनिवार्य नहीं है. इसके साथ ही उन्हांेने सवाल किया कि राज्य सरकार ने अब तक मुस्लिम महिलाओं के कल्याण के लिए क्या किया है ?

बता दें कि असम सरकार ने बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक कानून बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. सोमवार को एक अधिसूचना जारी कर प्रस्तावित कानून पर जनता की राय मांगी गई है. इसके बाद से ही असम का सियासी पारा गर्म है. मुस्लिम संगठन भी इसके विरोध मंे उठ खड़े हुए हैं.

इसने पहले इस तरह का कानून बनाने के लिए विधानसभा की विधायी क्षमता का अध्ययन करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था. रिपोर्ट में कहा गया था कि राज्य विधायिका वैवाहिक प्रथा पर प्रतिबंध लगाने के लिए कानून बनाने में सक्षम है.

बदरूद्दी अजमल ने कहा, इस्लाम में बहुविवाह अनिवार्य नहीं है. सरकार ने एक व्यक्ति को एक पत्नी को खिलाने के लिए पर्याप्त सुविधाएं नहीं दी हैं, वह शादी कैसे कर सकता है और चार पत्नियों की देखभाल कैसे कर सकता है?”

अजमल ने शांति और न्याय पर विभिन्न धर्मों के प्रमुखों की बैठक से इतर संवाददाताओं से बात करते हुए यह बात कही.यह कहते हुए कि वह बहुविवाह के खिलाफ हैं, अजमल ने आशंका व्यक्त की कि इस पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय राजनीतिक आधार पर होगा.जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का जिक्र करते हुए अजमल ने कहा, क्या कश्मीर में शांति आई? आए दिन सैनिक मारे जा रहे हैं. इन सैनिकों के परिवारों को जो मिलता है वह इतना दुर्भाग्यपूर्ण है कि इसके बारे में बात न करना ही बेहतर है.”

उन्होंने कहा, आपने (सरकार) तीन तलाक रोक दिया लेकिन आपने महिलाओं के कल्याण के लिए क्या किया? क्या आपने स्कूल और कॉलेज बनाए या ऐसे उद्योग विकसित किए जहां महिलाओं को नौकरियां मिलेंगी?” उन्होंने सवाल किया.

उन्हांेने कहा,कुछ नहीं किया गया सिवाय इसके कि कुछ दिनों तक दुनिया के सामने मुस्लिम महिलाओं का मजाक उड़ाया गया. ये महिलाएं अब भूख से मर रही हैं.आत्महत्या कर रही हैं. सरकार उन्हें नहीं देखती. किसी को उनकी परवाह नहीं है.

धुबरी सांसद अजमल ने दावा किया, बहुविवाह पर प्रस्तावित प्रतिबंध मजाक उड़ाने का एक और प्रयास है और यदि कोई अनपढ़ व्यक्ति एक से अधिक बार शादी करने की कोशिश करता है, तो उसे ऐसा न करने के लिए समझाया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा,आजादी के बाद से बहुत सारे कानून हैं. एक कानून शायद ही मदद कर सकता है.

शांति और न्याय कार्यक्रम पर अजमल ने कहा कि लोगों तक मोहब्बत का पैगाम (शांति का संदेश) पहुंचाने के लिए इसे पूरे देश में आयोजित किया जाएगा.जब हम आसमान पर पहुंच गए हैं, तब भी लोगों को न्याय नहीं मिल रहा है. एक समुदाय के लोगों पर अत्याचार किया जा रहा है. उन्हें पीटा जा रहा है. उनकी महिलाओं के साथ बलात्कार किया जा रहा है.

अजमल ने कहा,“सरकार चुप है. कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. इसलिए, विभिन्न धर्मों के प्रमुखों ने देश भर में इन कार्यक्रमों को आयोजित करने और शांति का संदेश फैलाने का फैसला किया.