अल-कसम ब्रिगेड का ऐलान-फिलिस्तीनियों पर हर हमले के बदले एक इजरायली कैदी की मौत,गाजा की नाकेबंदी से गुटेरेस चिंतत
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, तैलअबीब
हमास-इजरायल संघर्ष चैथे दिन में प्रवेश कर गया है. इजरायली सेना ने फिलस्तीन पर घंघोर आक्रमर्ण कर दिया है. इस बीच अल-कसम ब्रिगेड ने गंभीर चेतावनी दी है. इसके प्रवक्ता अबू ओबैदाह ने कहा है कि शांतिपूर्ण फिलिस्तीनियों पर हर हमले के बदले एक इजरायली कैदी को मार दिया जाएगा.
अल-कसम ब्रिगेड के प्रवक्ता अबू ओबैदाह ने इजराइल को चेतावनी दी है कि गाजा पर हमले के परिणामस्वरूप मारे गए प्रत्येक इजराइली कैदी का फुटेज जारी किया जाएगा.उन्होंने कहा कि इजरायल को उसी भाषा में जवाब दिया जाएगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक, 130 इजरायली सैनिक और नागरिक फिलहाल हमास की हिरासत में हैं.
दूसरी ओर, अरब मीडिया के साथ एक साक्षात्कार के दौरान एक सवाल के जवाब में हमास नेता अबू मरजौक ने कहा है कि हमास युद्धविराम और इजराइल के साथ बातचीत के लिए तैयार है.
हमास को पीछे हटाने के लिए गाजा पर इजरायली हमले तेज, 11 सौ की मौत
उधर, युद्ध की घोषणा के बाद सोमवार को गाजा पट्टी पर इजराइल की बमबारी तेज हो गई. तनाव के परिणामस्वरूप अब तक कुल 1,000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं.एसोसिएटेड प्रेस समाचार एजेंसी के अनुसार, इजराइल में कम से कम 700 और गाजा में 400 से अधिक लोग मारे गए हैं.
फिलिस्तीनी लड़ाका समूहों का दावा है कि उन्होंने इजराइल के 130 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है.इजरायली सेना हमास के हमलावरों को पीछे धकेलने के लिए तीसरे दिन भी संघर्ष कर रही है. सेना का कहना है कि वह दक्षिणी इजराइल में सात से आठ स्थानों पर हमास से लड़ रही है.
गाजा में इजरायली बंधकों का मामला नेतन्याहू के लिए राजनीतिक जाल?
हमास द्वारा दर्जनों इजरायली सैनिकों और नागरिकों को बंधक बनाने की घटना ने देश में किसी भी अन्य संकट की तुलना में इजरायली भावनाओं को सबसे ज्यादा आहत किया है. साथ ही इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की धुर दक्षिणपंथी सरकार के लिए भी एक कठिन स्थिति पैदा हो गई है.
अमेरिकी समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक, हमास ने एक इजरायली सैनिक गिलाद शेलाट को बंधक बना लिया था, जिससे इजरायल में सालों तक काफी गुस्सा रहा. इजराइल ने गिलाद शेलाट की रिहाई के बदले में 1,000 से अधिक फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया था.
इस बार गाजा के हमास शासकों ने शनिवार को अचानक हमला कर दर्जनों इजरायली नागरिकों और सैनिकों को बंधक बना लिया.हमामस लड़ाके हरक अल-जिहाद इस्लामिक फिलिस्तीन ने कहा है कि उसने अकेले ही 30 इजरायली नागरिकों को बंधक बना लिया है.
इजरायली नागरिकों को बंधक बनाने से नेतन्याहू और उनके सहयोगियों पर दबाव बढ़ गया है, जो पहले से ही हमास के हमले में 700 से अधिक इजरायलियों की हत्या का जवाब देने के लिए भारी दबाव में हैं.इजरायली प्रधानमंत्री ने हमास के खिलाफ सेना की पूरी ताकत का उपयोग करने का दृढ़ संकल्प व्यक्त किया था, जिससे गाजा पट्टी में अज्ञात स्थानों पर रखे गए इजरायली नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं.
गाजा में इजरायली बंधकों का पता लगाने में चुनौतियां होंगी, क्योंकि गिलियड शेलाट मामले में भी इजरायल की खुफिया एजेंसियां विफल रहीं.विशेषज्ञों का कहना है कि गाजा एक छोटा सा इलाका है जो लगातार हवाई निगरानी में है और इजरायली जमीनी और नौसैनिक बलों से घिरा हुआ है, लेकिन तेल अवीव से केवल एक घंटे की दूरी पर यह क्षेत्र इजरायली खुफिया एजेंसियों के लिए स्पष्ट है.
नेतन्याहू के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार याकोव एम्डेरोर कहते हैं, हमें नहीं पता कि इजरायली नागरिकों को कहां रखा जा रहा है. लेकिन इजरायली बंधकों का मुद्दा इजरायल को गाजा पर बमबारी करने से तब तक नहीं रोकेगा जब तक हमास नष्ट नहीं हो जाता.
इजरायल के मानवाधिकार संगठन बेत्सलम के अनुसार, हमास पहले ही कह चुका है कि वह बंधकों के बदले इजरायली जेलों में बंद लगभग 4,500 फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई चाहता है.कारावास का मुद्दा शायद फिलिस्तीनियों के लिए उतना ही भावनात्मक है जितना कि इजरायलियों के लिए. 1967 के मध्य पूर्व युद्ध में वेस्ट बैंक पर इजरायल के कब्जे के बाद से, लगभग 750,000 फिलिस्तीनी इजरायली जेलों में बंद हो गए हैं. अधिकांश फिलिस्तीनियों ने या तो इजरायली जेलों में समय बिताया है या किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं जिसने ऐसा किया है.
फिलिस्तीनी प्राधिकरण, जो कब्जे वाले वेस्ट बैंक के कुछ हिस्सों का प्रशासन करता है, अपने बजट का लगभग आठ प्रतिशत जेल में बंद लोगों या उनके परिवारों की सहायता के लिए उपयोग करता है.फिलिस्तीनी सेंटर फॉर पॉलिसी एंड सर्वे रिसर्च के निदेशक खलील शाकाकी का कहना है कि किसी भी कैदी की रिहाई हमास के लिए बड़ी बात होगी, जिससे उसकी स्थिति मजबूत होगी और फिलिस्तीनी प्राधिकरण की शक्ति और वैधता कम हो जाएगी.
हालाँकि, यरूशलेम में हिब्रू विश्वविद्यालय के राजनीतिक मामलों के विशेषज्ञ गिल तलशेर का कहना है कि इस बात की कोई संभावना नहीं है कि वर्तमान सरकार फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करने के लिए सहमत होगी.उन्होंने कहा कि नेतन्याहू की सरकार में शामिल चरमपंथी गाजा को तबाह करना चाहते हैं.
नेतन्याहू की सरकार ने आपातकालीन राष्ट्रीय एकता सरकार बनाने के विपक्षी नेता लायर लैपिड के प्रस्ताव को खारिज कर दिया.गिल तलशेर के अनुसार, प्रस्ताव की अस्वीकृति से यह स्पष्ट हो गया कि नेतन्याहू अपनी अति-राष्ट्रवादी सरकार को छोड़ना नहीं चाहते थे.
गाजा की पूर्ण नाकेबंदी से एंटोनियो गुटेरेस चिंतित
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने गाजा की पूरी घेराबंदी पर चिंता जताई है.एंटोनियो गुटेरेस ने कहा है कि अगर गाजा में बिजली, ईंधन और भोजन बंद कर दिया गया तो स्थिति और भी खराब हो जाएगी.उन्होंने कहा कि गाजा में असहाय फिलीस्तीनियों के लिए मानवीय सहायता बंद नहीं की जानी चाहिए, अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी तत्काल मानवीय सहायता के लिए आगे आना चाहिए.
उधर, यूरोपीय आयोग द्वारा फिलिस्तीन को दी जाने वाली 729 मिलियन डॉलर की विकास सहायता रोक देने की खबर भी आज सामने आई है.बता दें कि गाजा पर इजरायल के हमले लगातार तीसरे दिन भी जारी रहे, जिसमें 800 से ज्यादा हवाई हमलों में महिलाओं और बच्चों समेत 687 फिलिस्तीनी शहीद हो गए और 3,726 से ज्यादा घायल हो गए.
इजरायली रक्षा मंत्री ने गाजा की पूरी तरह से घेराबंदी करने का आदेश दिया है, गाजा सीमा पर सेना और टैंक भेज दिए गए हैं.इजराइल ने लेबनान तक हमलों का दायरा बढ़ा दिया है. दक्षिणी लेबनान पर हमले में 3 हिजबुल्लाह लड़ाके मारे गए, जबकि हिजबुल्लाह ने भी इजरायली सैनिकों की चैकियों पर निर्देशित मिसाइलों से जवाबी कार्रवाई की.