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युद्धोपरांत गाजा पट्टी पर कब्जा करने की इजरायल के षड़यंत्र को लेकर अमेरिका की नेतन्याहू को कड़ी चेतावनी

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,वाशिंगटन

युद्धोपरांत गाजा पट्टी पर कब्जा करने की इजरायल की योजना को लेकर अमेरिका ने नेतन्याहू को कड़ी चेतावनी दी है. सीएनएन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि व्हाइट हाउस ने मंगलवार को कहा- ‘‘ उसे नहीं लगता कि इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की इस टिप्पणी के बाद कि युद्ध समाप्त होने के बाद अनिश्चित अवधि के लिए गाजा में समग्र सुरक्षा जिम्मेदारी देश की होगी, इजरायली बलों को गाजा पर फिर से कब्जा करना चाहिए.’’

बयान में यह भी कहा गया-राष्ट्रपति अब भी मानते हैं कि इजरायली बलों द्वारा गाजा पर दोबारा कब्जा करना अच्छा नहीं है. यह इजराइल के लिए अच्छा नहीं है. अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने सीएनएन दिस मॉर्निंग से बातचीत में कहा, यह इजरायली लोगों के लिए अच्छा नहीं है.

उन्होंने कहा, “सचिव (एंटनी) ब्लिंकन इस क्षेत्र में जो बातचीत कर रहे हैं उनमें से एक यह है कि संघर्ष के बाद गाजा कैसा दिखता है? गाजा में शासन कैसा दिखता है? क्योंकि जो कुछ भी है, वह वैसा नहीं हो सकता जैसा 6 अक्टूबर को था. यह हमास नहीं हो सकता. यानी अमेरिका के इस बयान ने गाजा पट्टी पर इजरायल के कब्जे की साजिश का पता चलता है.

व्हाइट हाउस की ओर से यह नई चेतावनी नेतन्याहू द्वारा सोमवार को एबीसी न्यूज को दिए गए बयान के बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा है कि गाजा पर उन लोगों द्वारा शासन किया जाना चाहिए जो हमास के रास्ते को जारी नहीं रखना चाहते हैं. उन्होंने आगे कहा, मुझे लगता है कि इजरायल अनिश्चित काल के लिए ऐसा करेगा. समग्र सुरक्षा जिम्मेदारी हमारी है, क्योंकि हमने देखा है कि जब हमारे पास यह नहीं होता तो क्या होता है.

यह नेतन्याहू द्वारा युद्ध के बाद गाजा के लिए अपने दृष्टिकोण के बारे में दिए गए पहले संकेतों में से एक था. अमेरिका की तुलना में एक अलग दृष्टिकोण का सुझाव देता है, जिसमें राष्ट्रपति जो बिडेन के स्वयं के बयान भी शामिल हैं कि पट्टी का भविष्य कैसा दिखेगा.

पिछले महीने सीबीएस के 60 मिनट्स के साथ एक साक्षात्कार में, बिडेन ने कहा था कि गाजा पर कब्जा करना इजरायल के लिए एक बड़ी गलती होगी.उस समय, संयुक्त राज्य अमेरिका में इजरायल के राजदूत माइकल हर्जोग ने सीएनएन के जेक टैपर को बताया कि संघर्ष समाप्त होने के बाद इजरायल का गाजा पर कब्जा करने का कोई इरादा नहीं है.

युद्ध जारी रहने के कारण हाल के सप्ताहों में अमेरिका और इजराइल के बीच अन्य तीव्र दूरियां उभर कर सामने आई हैं. ब्लिंकन ने पिछले हफ्ते इजरायलियों पर बंधकों और नागरिकों को गाजा छोड़ने और फिलिस्तीनियों को प्रवेश में सहायता देने के लिए मानवीय विराम के लिए दबाव डाला था, लेकिन नेतन्याहू ने उन्हें फटकार लगाई थी.

ब्लिंकन के जबरदस्त सार्वजनिक संदेश के बावजूद कि नागरिकों को (हमास की) अमानवीयता और उसकी क्रूरता के परिणाम नहीं भुगतने चाहिए. बावजूद इस बयान के इजरायली बलों ने शीर्ष अमेरिकी राजनयिक की यात्रा के दौरान भी नागरिक स्थलों पर हमला जारी रखा. इसके साथ इजरायली बलों ने इसकी दलील थी कि इन साइटों का उपयोग हमास के हमले में किया गया था.

बिडेन ने वाशिंगटन में संवाददाताओं से कहा कि उन्हें मंगलवार को नेतन्याहू के साथ बात करने का मौका नहीं मिला, लेकिन जब दोनों नेताओं ने सोमवार को बात की तो उन्होंने इजरायली प्रधानमंत्री से मानवीय विराम पर विचार करने के लिए कहा.उन्हांेने कहा,मुझे आज उनसे बात करने का मौका नहीं मिला. मैंने उनसे अतीत में ,कल कुछ देर रुकने के लिए कहा था. मैं अभी भी अन्य लोगों से सुनने का इंतजार कर रहा हूं.

इजरायली सरकार के अधिकारियों ने अभी तक इस बारे में विस्तार से नहीं बताया है कि अगर वे हमास को खत्म करने में सफल हो जाते हैं तो गाजा को कैसे शासित किया जाएगा.

रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने मंगलवार को कहा कि युद्ध समाप्त होने के बाद इजराइल गाजा पट्टी में किसी भी स्थिति का जवाब देने के लिए कार्रवाई की पूर्ण स्वतंत्रता बरकरार रखेगा. गैलेंट ने कहा कि इस अभियान के अंत में, गाजा में एक सैन्य संगठन या शासी निकाय के रूप में हमास का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा. गैलेंट की टिप्पणियां ल्दमज समाचार वेबसाइट पर प्रकाशित की गईं हैं.

इजराइल की विदेश मामलों और रक्षा समिति की ओर से कहा गया कि गैलेंट को एक बैठक की ल्दमज रिकॉर्डिंग पर यह कहते हुए सुना जा सकता है, गाजा से इजरायल के लिए कोई सुरक्षा खतरा नहीं होगा. गाजा पट्टी में किसी भी प्रकार का खतरा उत्पन्न करने वाली किसी भी स्थिति का जवाब देने के लिए इजरायल कार्रवाई की पूर्ण स्वतंत्रता बनाए रखेगा.

नेतन्याहू के वरिष्ठ सलाहकार मार्क रेगेव ने मंगलवार को सीएनएन के क्रिस्टियन अमनपौर को बताया कि इजराइल गाजा पट्टी पर किसी भी तरह के चल रहे कब्जे के बारे में बात नहीं कर रहा है.जब यह खत्म होगा और हमने हमास को हरा दिया है, तो यह महत्वपूर्ण है कि कोई पुनर्जीवित आतंकवादी तत्व, एक पुनर्जीवित हमास नहीं होगा. रेगेव ने सीएनएन को बताया, ऐसा करने और पहले मामले पर वापस जाने का कोई मतलब नहीं है.

उन्होंने आगे कहा, वहां इजरायली सुरक्षा उपस्थिति होनी चाहिए, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इजरायल गाजा पर फिर से कब्जा कर रहा है. इसका मतलब यह नहीं है कि इजरायल वहां गाजा पर शासन करने के लिए है.अमेरिका और उसके पश्चिमी सहयोगी हफ्तों से अपने इजरायली समकक्षों से कह रहे हैं कि जब हमास को नीचा दिखाने की बात आती है तो इजरायल के पास स्पष्ट उद्देश्य होने चाहिए और गाजा पट्टी पर दीर्घकालिक कब्जे से बचना चाहिए.

अमेरिकी अधिकारियों ने पहले सीएनएन को बताया था कि उन्हें गाजा में इजरायल के इरादों के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं है. उनका मानना ​​है कि हमास को पूरी तरह से खत्म करना मुश्किल होगा.किर्बी ने कहा कि अपने प्रशासन और इजरायली सरकार के बीच स्पष्ट अंतराल के बावजूद, बिडेन ने सोमवार को नेतन्याहू के साथ एक कॉल के दौरान इजरायल के लिए समर्थन दोहराया.

राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री को जो बातें स्पष्ट कीं उनमें से एक यह है कि हम इजराइल के साथ खड़े रहेंगे. पाकिस्तान के अखबार जंग की एक खबर में कहा गया है,‘‘अमेरिका ने गाजा पट्टी पर इजरायल के नए दीर्घकालिक कब्जे का विरोध किया है.’’विदेश विभाग के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा कि अमेरिका गाजा से फिलिस्तीनियों के जबरन स्थानांतरण का समर्थन नहीं करता है.

उन्होंने कहा कि हमारा दृष्टिकोण यह है कि फिलिस्तीनियों को इन निर्णयों में सबसे आगे होना चाहिए, गाजा फिलिस्तीनी भूमि है और यह फिलिस्तीनी भूमि रहेगी.

अमेरिकी विदेश विभाग के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा कि अमेरिका गाजा पर दोबारा कब्जे का समर्थन नहीं करता है.इससे पहले इजरायली प्रधानमंत्री ने कहा था कि हमास के साथ युद्ध के बाद अनिश्चित काल के लिए गाजा पट्टी की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी इजरायल लेगा.

विदेशी टीवी को दिए इंटरव्यू में इजराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा कि जब तक हमास से बंधकों को रिहा नहीं कराया जाता तब तक गाजा में युद्धविराम नहीं होगा.इधर इकोनाॅमिक्स टाइम्स की एक रिपोर्ट में इजरायल की साजिश के बारे में बताया गया है किसंयुक्त राज्य अमेरिका ने मंगलवार को कहा कि वह इजरायल द्वारा गाजा पट्टी पर नए दीर्घकालिक कब्जे का विरोध करता है, जिसके प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने युद्ध के बाद क्षेत्र की समग्र सुरक्षा की कसम खाई है.

विदेश विभाग के प्रवक्ता वेदांत पटेल ने संवाददाताओं से कहा, हमारा दृष्टिकोण यह है कि फिलिस्तीनियों को इन निर्णयों में सबसे आगे होना चाहिए और गाजा फिलिस्तीनी भूमि है और यह फिलिस्तीनी भूमि ही रहेगी.उन्होंने कहा, आम तौर पर कहें तो, हम गाजा पर दोबारा कब्जा करने का समर्थन नहीं करते हैं और न ही इजराइल का.

इजराइल गाजा पट्टी से 2005 में हट गया था. उसने 1967 के छह-दिवसीय युद्ध में इसपर कब्जा कर लिया था. बाद में हमास के लड़ाकों द्वारा इस क्षेत्र पर कब्जा करने के बाद उसने नाकाबंदी लगा दी.हमास द्वारा बड़े पैमाने पर हमले से एक दिन पहले का जिक्र करते हुए पटेल ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका सहमत है कि 6 अक्टूबर की यथास्थिति में कोई वापसी नहीं होगी.

इजरायल और क्षेत्र सुरक्षित होना चाहिए. गाजा को ऐसा आधार बनना चाहिए और अब नहीं बन सकता.इजरायली अधिकारियों के अनुसार, इजरायली सेना गाजा पर लगातार बमबारी कर रही है और हमास के 7 अक्टूबर के हमले के जवाब में जमीनी कार्रवाई बढ़ा रही है. हमास के हमले में इजरायल में 1,400 लोग मारे गए थे, जिनमें से अधिकांश नागरिक थे और लगभग 240 लोगों को बंधक बना लिया गया था.

इधर,हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इजरायल ने गाजा पर बमबारी कर 10,300 से अधिक लोगों की हत्या कर दी.