Politics

भारत-पाक तनाव के बीच POK में युद्ध की तैयारी, सीमावर्ती इलाकों में राशन का बंदोबस्त

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, इस्लामाबाद

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव ने सुरक्षा विशेषज्ञों की चिंता बढ़ा दी है। ऐसे में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) में युद्ध जैसी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। पाक अधिकृत कश्मीर की सरकार ने न सिर्फ नियंत्रण रेखा (LoC) से लगे संवेदनशील इलाकों में खाद्य आपूर्ति बढ़ा दी है, बल्कि 100 करोड़ रुपये का ‘आपातकालीन कोष’ भी सक्रिय कर दिया है।

सीमावर्ती क्षेत्रों में दो महीने का राशन स्टॉक जमा, सैन्य टकराव की आशंका गहरी

पाकिस्तानी समाचार संस्था द डॉन के मुताबिक, आज़ाद कश्मीर सरकार के निर्देश पर खाद्य विभाग ने नीलम, पुंछ, कोटली, झेलम घाटी और भीमबेर जैसे संवेदनशील जिलों में राशन—खासकर आटे की आपूर्ति को दो महीने के लिए सुनिश्चित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इन इलाकों में सर्दियों के महीनों (दिसंबर से मई) के लिए आमतौर पर सीमित स्टॉक ही रखा जाता है, लेकिन इस बार गर्मियों में ही अतिरिक्त तैयारी की जा रही है।

खाद्य मंत्री चौधरी अकबर इब्राहिम ने कहा, “प्रधानमंत्री अनवारुल हक के निर्देश पर हम सीमावर्ती क्षेत्रों में दो महीने के लिए पर्याप्त आटे की व्यवस्था कर रहे हैं। साथ ही, संवेदनशील स्थानों से गोदामों को सुरक्षित क्षेत्रों में स्थानांतरित किया जा रहा है।”

घुसपैठ और जवाबी कार्रवाई की आशंका, आपूर्ति व्यवस्था को वैकल्पिक योजना के साथ सजग बनाया गया

POK के खाद्य निदेशक अब्दुल हामिद कियानी ने बताया कि आटे की डिलीवरी युद्ध जैसी संभावित स्थिति को ध्यान में रखकर की जा रही है। उन्होंने कहा कि 70% लक्ष्य पहले ही पूरा किया जा चुका है। ठेकेदारों को अधिकतम ट्रकों के इस्तेमाल का निर्देश दिया गया है और खुद अधिकारी डिलीवरी प्रक्रिया की निगरानी कर रहे हैं।

आपातकालीन कोष की स्थापना, 13 सीमा चौकियों पर फोकस

POK के प्रधानमंत्री अनवारुल हक ने हाल ही में विधानसभा में घोषणा की थी कि भारत से संभावित सैन्य टकराव के मद्देनज़र 100 करोड़ रुपये का आपातकालीन बजट तैयार किया गया है। इस राशि से नीलम, झेलम, हवेली, पुंछ, कोटली और भीमबेर जैसे संवेदनशील जिलों में जीवन रक्षक दवाएं, खाद्य सामग्री और आपातकालीन सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

मुजफ्फराबाद से सीमावर्ती इलाकों तक आपूर्ति तेज, सुरक्षा एजेंसियां सतर्क

शनिवार को आज़ाद कश्मीर की राजधानी मुजफ्फराबाद के बाहरी इलाके की एक मिल से 250 टन आटा सीमावर्ती क्षेत्रों की ओर भेजा गया। खाद्य निरीक्षक सैयद जवार हैदर के मुताबिक, “ये खेपें नीलम और झेलम घाटियों में भेजी जा रही हैं। हमारा प्रयास है कि अगले दो दिनों में 100% आपूर्ति पूरी कर ली जाए।”

भारत में बढ़ती सुरक्षा चिंता, सामरिक हलचल पर बारीकी से नजर

भारत में खुफिया एजेंसियां और सेना POK में हो रही इन गतिविधियों पर करीब से नजर बनाए हुए हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि इस प्रकार की रसद तैयारी या तो एक बड़े सैन्य अभ्यास का हिस्सा है या संभावित संघर्ष की रणनीति का संकेत। वहीं, भारत में भी सीमावर्ती क्षेत्रों में सेना की गतिविधियां बढ़ा दी गई हैं।

निष्कर्ष:
POK में जिस तरह से सरकार युद्ध जैसी तैयारियां कर रही है—राशन भंडारण, आपात कोष की स्थापना, दवा व रसद भेजने की प्रक्रिया—वह इस बात का स्पष्ट संकेत है कि पाकिस्तान भारत से सैन्य टकराव की संभावनाओं को गंभीरता से ले रहा है। आने वाले दिनों में भारत की ओर से भी कूटनीतिक और सैन्य प्रतिक्रियाएं देखने को मिल सकती हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *