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AMU के शोधकर्ता प्रो. असद खान बनेंगे यूनिवर्सिटी ऑफ ओस्लो के विजिटिंग प्रोफेसर, दो साल तक होंगे नॉर्वे में

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,अलीगढ़


अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के बायोटेक्नोलॉजी यूनिट के वरिष्ठ सदस्य, प्रोफेसर असद उर रहमान खान को नॉर्वे की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी ऑफ ओस्लो के इंस्टिट्यूट ऑफ ओरल बायोलॉजी में दो वर्षों के लिए विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति दोनों देशों के बीच शैक्षणिक और शोध सहयोग को नई ऊँचाइयों पर ले जाने वाली मानी जा रही है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता और अनुभव

प्रोफेसर खान पहले भी विभिन्न अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक संस्थानों में अपनी विशेषज्ञता का योगदान दे चुके हैं। वे स्पेन के यूनिवर्सिटी ऑफ Católica San Antonio de Murcia (UCAM) में 2015 से 2017 तक एडजंक्ट प्रोफेसर रहे हैं। इसके बाद मलेशिया के यूनिवर्सिटी ऑफ मलेशिया तेरेनगनू में 2019 से 2021 तक विजिटिंग प्रोफेसर के पद पर कार्यरत रहे। इन अनुभवों ने उनके अंतरराष्ट्रीय अकादमिक नेटवर्क और शोध गतिविधियों को मजबूती प्रदान की है।

ओस्लो में नई जिम्मेदारियां

यूनिवर्सिटी ऑफ ओस्लो में प्रोफेसर खान की नियुक्ति का उद्देश्य AMU और नॉर्वेजियन विश्वविद्यालय के बीच शोध एवं शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देना है। प्रोफेसर खान वहां पीएचडी शोधार्थियों को मार्गदर्शन प्रदान करेंगे, विश्वविद्यालय के फैकल्टी सदस्यों एवं छात्रों के साथ संवादात्मक सत्र आयोजित करेंगे और संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं को गति देंगे।

विशेष शोध क्षेत्र: एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस

प्रोफेसर खान का शोध क्षेत्र विशेष रूप से एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस से संबंधित है, जो वर्तमान समय में स्वास्थ्य और जीवविज्ञान के लिए एक गंभीर चुनौती बनी हुई है। वे पहले ही यूनिवर्सिटी ऑफ ओस्लो की प्रोफेसर फर्नांडा पीटरसन के साथ इस विषय पर शोध कर चुके हैं। उनकी नई भूमिका के दौरान इस सहयोग को और भी व्यापक और गहरा करने की उम्मीद है, जिससे भारत और नॉर्वे दोनों देशों में इस चुनौती से निपटने के लिए नवीन समाधान विकसित किए जा सकेंगे।

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के लिए गर्व का विषय

AMU के विभागाध्यक्ष और विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रोफेसर खान की इस नियुक्ति पर गर्व जताया है। उन्होंने कहा कि यह न केवल प्रोफेसर खान की व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि AMU की वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठा को भी बढ़ाने वाला कदम है। इस प्रकार के अंतरराष्ट्रीय सहयोग से विश्वविद्यालय के शोध और अकादमिक मानकों को मजबूती मिलती है और छात्रों को भी विश्व स्तरीय शिक्षा के अवसर मिलते हैं।

निष्कर्ष

प्रोफेसर असद उर रहमान खान की यूनिवर्सिटी ऑफ ओस्लो में विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति भारत और नॉर्वे के बीच वैज्ञानिक और अकादमिक सहयोग की एक नई शुरुआत है। इस दो वर्षीय कार्यकाल के दौरान न केवल एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस पर शोध को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि AMU के शोधार्थियों और शिक्षकों के लिए भी वैश्विक अनुभव और नए सहयोग के द्वार खुलेंगे।

यह नियुक्ति अमलीजामा साबित हो सकती है भारत में शोध की गुणवत्ता बढ़ाने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग की दिशा में।


अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और यूनिवर्सिटी ऑफ ओस्लो के बीच इस साझेदारी से उम्मीद है कि दोनों देशों के वैज्ञानिक समुदायों को लाभ मिलेगा और स्वास्थ्य से जुड़े वैश्विक संकटों के समाधान में महत्वपूर्ण योगदान होगा।

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