ईरान पर इजरायली हमले से मुस्लिम जगत में गुस्सा, जानिए किसने क्या कहा?
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मुस्लिम नाउ ब्यूरो,तेहरान/रियाद
इजरायल ने ईरान पर सबसे बड़ा सैन्य हमला किया, जिसमें तेहरान और उसके विभिन्न सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया. इजरायली विमानों ने 2000 किलोमीटर की उड़ान भरकर ये हमले किए, जिसके बाद तेहरान में धमाकों की आवाज़ें सुनाई दीं.
ईरान के अधिकारियों ने हमलों को रोकने की कोशिशों की जानकारी दी, लेकिन कई स्थानों पर हुए नुकसान की पुष्टि भी की है.इस हमले ने ईरान के साथ कई मुस्लिम देशों को भी गुस्से से भर दिया है, जिन्होंने इजरायल के इस कदम की कड़ी निंदा की है.
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सऊदी अरब ने हमले की कड़ी निंदा की
सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने इजरायली हमले को अस्वीकार्य बताया. इसे ईरानी संप्रभुता पर गंभीर हमला करार दिया. सऊदी अरब ने इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया. वैश्विक समुदाय से इस कदम की निंदा करने का आह्वान किया.
सऊदी बयान में यह भी कहा गया कि क्षेत्रीय स्थिरता और शांति के लिए ऐसे कदमों का विरोध होना चाहिए ताकि मध्य पूर्व में पहले से मौजूद तनाव और न बढ़े.
मलेशिया ने इजरायल पर निशाना साधा
मलेशियाई विदेश मंत्रालय ने भी इस हमले को “अंतरराष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन” बताया. कहा कि इजरायल की ऐसी कार्रवाइयां क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं. मलेशिया ने इजरायल को इस संकट की वजह बताया और मिडिल ईस्ट क्षेत्र के देशों से शांति और संयम बनाए रखने का आग्रह किया.
बयान में कहा गया कि इजरायल के लगातार हमले क्षेत्र को एक बड़े युद्ध की ओर ले जा रहे हैं, जो वैश्विक शांति के लिए खतरा है.
ओमान का कड़ा बयान
ओमान ने भी इजरायल द्वारा किए गए इस हमले की कड़ी निंदा की. ओमान के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि इस प्रकार की सैन्य कार्रवाइयाँ क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा की स्थापना के प्रयासों को कमजोर करती हैं. ओमान ने कहा कि यह हमला अंतरराष्ट्रीय कानून का गंभीर उल्लंघन है. क्षेत्र में राजनयिक प्रयासों के लिए एक बड़ा झटका है.
पाकिस्तान की भी कड़ी आलोचना
पाकिस्तान ने भी इजरायल के इस हमले पर तीखी प्रतिक्रिया दी. पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने शनिवार सुबह एक बयान जारी करते हुए कहा कि “इजरायल क्षेत्रीय संघर्ष को बढ़ाने की पूरी जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले.” पाकिस्तान ने इसे खेदजनक करार दिया और कहा कि ऐसे सैन्य हमले तनाव को और बढ़ाएंगे.पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप की मांग की और क्षेत्रीय शांति बनाए रखने का आह्वान किया.
ईरान का कड़ा संदेश
हमले के तुरंत बाद ईरान ने भी एक बयान जारी किया. ईरान के वायु रक्षा मंत्री ने दावा किया कि उनकी वायु रक्षा प्रणाली ने इजरायली हमलों का मुंहतोड़ जवाब दिया. ईरानी सेना ने कहा कि उन्होंने अधिकांश हमलों को विफल कर दिया. देश की संप्रभुता की रक्षा की। ईरानी समाचार एजेंसियों के मुताबिक, कुछ क्षेत्रों में हल्की क्षति हुई है, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अपने लोगों से संयम बनाए रखने की अपील की.
ईरानी अधिकारियों ने जनता से शांति और एकता बनाए रखने का आह्वान किया. मीडिया में फैल रही अफवाहों से सतर्क रहने को कहा. ईरानी वायु सेना ने इस घटना को “दुश्मन की चाल” के रूप में देखा. अपने सैन्य क्षमताओं पर विश्वास जताते हुए कहा कि ईरानी रक्षा प्रणाली किसी भी प्रकार के आक्रमण का जवाब देने में सक्षम है.
क्या है स्थिति आगे?
ईरान के खिलाफ इस हमले के बाद पूरी दुनिया की नज़र इस क्षेत्र पर है. मुस्लिम देश एकजुट होकर इस्राइल के कदम का विरोध कर रहे हैं. इजरायल की ओर से यह संदेश साफ़ है कि वह अपनी सुरक्षा और क्षेत्रीय प्रभाव को लेकर किसी भी प्रकार के सैन्य कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगा.
मुस्लिम देशों की प्रतिक्रिया इस हमले को लेकर बेहद कड़ी रही है. एक ओर जहाँ उन्होंने इस हमले को अंतरराष्ट्रीय कानून और शांति के सिद्धांतों का उल्लंघन बताया, वहीं दूसरी ओर उन्होंने इसे क्षेत्रीय संकट को और बढ़ाने का ज़रिया कहा है.
इजराइल के विपक्षी नेता ने ईरान पर हमले की आलोचना की
इजराइल के विपक्षी नेता यायर लापिड ने ईरान में इजराइली रक्षा बलों के ‘सीमित’ हमलों की कड़ी आलोचना की है. उन्होंने ईरान को ‘शैतान की धुरी का मुखिया’ बताते हुए कहा, इजराइल को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है.
इजरायली वायुसेना ने शनिवार तड़के राजधानी तेहरान और उससे सटे दो प्रांतों खुजेस्तान और इलम में ऑपरेशन चलाया.उन्होंने कहा, “ईरान के रणनीतिक और आर्थिक प्रतिष्ठानों को नुकसान पहुंचाए बिना केवल सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला करना रक्षा बलों का बहुत गलत कदम था.” वे निश्चित रूप से जवाबी कार्रवाई करेंगे और हमें इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी.”