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हज पर जाने वालों को एक और मौका, आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ी

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, मुंबई

किसी कारणवश हज पर जाने के इंतजार में देरी होने वालों के लिए यह अच्छी खबर है. हज हाउस ने ऐसे ही लोगों की मांग पर हज पर जाने वालों के आवेदन की अंतिम तारीख बढ़ा दी है.अल्पसंख्यक मंत्रालय के अधीन संचालित हज कमेटी आॅफ इंडिया ने एक नोटिस जारी कर हज के लिए आवेदन की तारीख बढ़ाने की जानकारी दी है.

हज हाउस कमेटी आफ इंडिया के कार्यकारी अधिकारी लियाकत अली आफाकी के हस्ताक्षर से जारी नोटिस में कहा गया है, ‘हज पर जाने की इच्छा रखने वालों के लिए राज्य की हज कमेटियों की मांग पर आवेदन की अंतिम तारीख बढ़ाकर 15 जनवरी 2024 कर दी गई है.

इस नोटिस में कहा गया है, ‘‘ अब ऐसे भारतीय जो वर्श 2024 में हज पर जाने के इच्छुक हैं वे आनलाइन हज आवेदन कर सकते हैं.जिनके पास मषीन से पढ़ने योग भारतीय अंतरराश्ट्रीय पास्टपोर्ट उपलब्ध है, जो 15 जनवरी 24 को या उससे पहले जारी किया गया है और उसकी अवधि कम से कम 31 जनवरी 2025 है.’’

इसमें आगे लिखा है, ‘‘ हज आवेदन हज कमेटी ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर ऑनलाइन भर सकते हैं.’’ 2023 के मुकाबले अगले साल देश से अधिक हज यात्रियों की जाने की उम्मीद है. 05 दिसंबर को भारत के दौरे पर आए सऊदी अरब के हज और उमरा मंत्री तौफीक बिन फैजान अल-अरबिया ने भारत सरकार को यहां से जाने वाले हाजियों को बेहतर सुविधाएं और अधिक कोटा देने का आश्वासन दिया है.

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हज कमेटी से जुड़े एक अधिकारी ने बताया है कि इस बार हज कोटा बढ़ाकर दो लाख किए जाने की संभावना है. इसमें 80 फीसदी हज कमेटी के द्वारा और 20 फीसदी निजी हज ग्रुप ऑर्गेनाइजेशन द्वारा जाएंगे. हाल ही में भारत के दौरे पर आए सऊदी अरब के हज और उमरा मंत्री के साथ केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री स्मृति ईरानी और विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ इस मामले में गुफ्तगु हुई है. साल 2023 में 1,75,025 हाजियों का कोटा तय किया गया था.

इस साल के शुरुआत में भारत सरकार ने हज पॉलिसी – 2024 की घोषणा की गई थी, जिसमें महिलाओं पर अधिक फोकस किया गया है. इस में गर्भवती महिलाएं भी कुछ शर्तों के साथ हज यात्रा कर सकती है. 45 साल से अधिक उम्र की महिला बिना किसी पुरुष के हज पर जा सकती है, इसके लिए चार महिलाओं का समूह होना आवश्‍यक है. साल 2023 के मुकाबले 2024 में जाने वाले हज यात्रियों को 55 हजार रुपये कम खर्च करने होंगे, क्योंकि सऊदी अरब सरकार ने ‘मोअल्लिम’ (धर्म शास्त्री, जो हाजियों का तवाफ और मक्का-मदीना में दुआएं करवाते है) के खर्च में 2521 रियाल (करीब 55 हजार) रुपये कम कर दिए है.

हज कमेटी के खर्च के अनुसार, राज्य अनुसार अलग-अलग खर्च आता है. औसतन एक हाजी को हज कमेटी के मार्फत हज करने में करीब 3 से 3.5 लाख रुपए खर्च होते है, जबकि निजी ऑपरेटर के जरिये हज पर जाने पर 5 लाख रुपये या इससे अधिक खर्च होते है. बता दें कि हज इस्लाम के पांच फर्ज में से एक है. बाकी चार फर्ज – कलमा, रोजा, नमाज और जकात है’

यह हुए है नए बदलाव –