सऊदी झंडे और कलिमा-ए-तौहीद के अपमान पर अरब जगत भड़का, भारत से कार्रवाई की मांग
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मुस्लिम नाउ ब्यूरो,,नई दिल्ली/रियाद।
भारत में हाल ही में एक विवादास्पद वीडियो सामने आया है, जिसमें कथित रूप से कुछ लोगों द्वारा सऊदी अरब के राष्ट्रीय ध्वज और उस पर अंकित इस्लामिक प्रतीक ‘कलिमा-ए-तौहीद’ का अपमान किया गया। इस घटना पर अब सऊदी अरब की एक प्रमुख कानूनी संस्था “القفاري والمحارب للمحاماة والإستشارات والتوثيق” (Al-Qafari & Al-Muharib Law Firm) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
इस फर्म ने सोशल मीडिया पर एक आधिकारिक पोस्ट में कहा:
“हम भारत में उन व्यक्तियों की निंदनीय हरकत की कड़ी भर्त्सना करते हैं जिन्होंने सऊदी ध्वज और तौहीद के कलिमे का अपमान किया। यह कृत्य हमारे राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान है और हमारे दिलों में उनके सम्मान के खिलाफ एक खुली चुनौती है।”
उन्होंने सऊदी ध्वज कानून के अनुच्छेद 20 का हवाला देते हुए स्पष्ट किया कि यदि कोई सऊदी ध्वज या उससे जुड़ी किसी धार्मिक पहचान का अपमान करता है, तो उसे एक साल तक की जेल या तीन हज़ार रियाल तक का जुर्माना, या दोनों में से कोई एक सज़ा हो सकती है।
We strongly condemn the unacceptable actions of certain individuals in India 🇮🇳 who trampled on the Saudi flag 🇸🇦and the word of Kalima of Tawheed. This act reflects a violation of our national symbols and constitutes an affront to their significance in our hearts.
— القفاري والمحارب للمحاماة والإستشارات والتوثيق (@qwmlawsa) May 11, 2025
Article 20 of… pic.twitter.com/1vZz19eRnH
🔴 भारतीय सरकार से कार्रवाई की मांग
फर्म ने भारत सरकार से इस घटना में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग करते हुए लिखा:
“हम भारत सरकार से अपील करते हैं कि वे इस्लाम और सऊदी अरब के राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान करने वाले घृणित और द्वेषपूर्ण लोगों के खिलाफ सख़्त कानूनी कार्रवाई करें। यह सिर्फ सऊदी अरब का मामला नहीं, बल्कि पूरे मुस्लिम समुदाय की भावनाओं से जुड़ा मसला है।”
🛑 अरब सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया तेज़
@Sheikhalfaris नामक एक लोकप्रिय एमिराती यूजर ने एक्स (ट्विटर) पर लिखा:
“हम हर चीज़ को सहन कर सकते हैं, माफ़ कर सकते हैं… लेकिन अपने ईमान के अपमान को कभी नहीं स्वीकार करेंगे। जो हमारे ईमान का अपमान करें, उनके खिलाफ सड़कों पर उतरना चाहिए।”
इस बयान ने अरब जगत के सोशल मीडिया यूज़र्स में और अधिक नाराज़गी फैला दी है। कई लोगों ने भारत सरकार से इस मामले में स्पष्ट रुख अपनाने और दोषियों को दंडित करने की मांग की है।
We can tolerate every thing we can forgive any thing but we will not accept disrespect of our faith.
— Al Faris Emirati (@Sheikhalfaris) May 11, 2025
Street action required for them those disrespect our faith. pic.twitter.com/wDmBjLKWii
📌 क्या कहता है अंतरराष्ट्रीय कानून?
विशेषज्ञों के अनुसार, धार्मिक और राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सांप्रदायिक तनाव को भड़काने वाला अपराध माना जाता है। ऐसे मामलों में राज्य सरकारों का त्वरित और संतुलित जवाब ही द्विपक्षीय संबंधों को प्रभावित होने से बचा सकता है।
📢 निष्कर्ष:
भारत में किसी एक स्थानीय घटना ने अब सऊदी अरब की राष्ट्रीय अस्मिता और इस्लामिक मान्यताओं से जुड़े भावनात्मक मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उभार दिया है।
अब देखने वाली बात यह होगी कि भारत सरकार इस संवेदनशील विषय पर क्या रुख अपनाती है, खासकर तब जब वह सऊदी अरब के साथ मज़बूत रणनीतिक, धार्मिक और व्यापारिक संबंध बनाए रखना चाहती है।