जमीयत उलेमा हिंद उपाध्यक्ष अब्दुल अलीम फारूकी के निधन पर अरशद मदनी बोले, मजबूत आवाज खामोश हो गई
मुस्लिम नाउ ब्यूरो,नई दिल्ली
जमीयत उलेमा हिंद के उपाध्यक्ष मौलाना अब्दुल अलीम फारूकी के निधन पर जमीयत उलेमा हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने गहरा दुख और शोक व्यक्त किया है. इस्लामिक वर्ल्ड लीग की सुप्रीम काउंसिल की महत्वपूर्ण बैठक में भाग लेने के लिए सऊदी अरब की राजधानी रियाद गए मौलाना मदनी ने अपने शोक संदेश में कहा कि यह मेरे लिए बहुत दुखद समय है.
मदनी ने कहा, मौलाना की मौत से दिल को गहरा झटका लगा है. उनके जाने से शैक्षणिक एवं सामाजिक जगत में जो रिक्तता उत्पन्न हुई है, उसे भर पाना कठिन प्रतीत हो रहा है. वह अपनी सादगी, अच्छे हास्य, मित्रता और मानवतावाद के कारण सभी क्षेत्रों के लोगों के बीच लोकप्रिय थे.
उन्हें इमाम अहलुस सुन्नत मौलाना अब्दुल शकूर फारूकी के पोते और मौलाना अब्दुल सलाम फारूकी के उत्तराधिकारी और उनकी परंपराओं के संरक्षक और संरक्षक के रूप में जाना जाता है. मौलाना लखनऊ के सुन्नियों के लिए बड़ा सहारा थे, जो हर फितना और दंगे के मौके पर सुन्नियों को सुरक्षित रखतते थे. मौलाना की जगह लेना मुश्किल है. अल्लाह उन्हें नोआम-उल-बदल दे.
मौलाना मदनी ने आगे कहा कि उनके जीवन का मिशन साथियों के गुणों का उल्लेख करना है, अल्लाह उनसे खुश हो. लगभग आधी शताब्दी तक वह झूठे संप्रदाय के लिए नंगी तलवार और साथियों के सम्मान का वाहक थे. इस संबंध में उनके पास कोई लचीलापन नहीं था. अफसोस, सही-गलत की यह सशक्त आवाज आज खामोश हो गई. उन्होंने यह भी कहा कि दिवंगत मौलाना एक उत्कृष्ट प्रशासक और एक ऐसे व्यक्ति थे जो राष्ट्र की समस्याओं से अवगत थे. जो इन समस्याओं का समाधान खोजने के लिए हमेशा आगे रहते थे.
मौलाना मदनी ने कहा कि 2008 में मैंने मौलाना मरहूम को नाजिम जनरल के रूप में नामित किया था. वह लगभग बारह वर्षों तक नाजिम जनरल के पद पर रहे. उसके बाद मौलाना को जमीयत उलेमा हिंद के उपाध्यक्ष के रूप में चुना गया, जिस पर वह आजीवन कायम रहे. दिवंगत दारुल उलूम देवबंद की मजलिस अमैला और मजलिस शूरा के सदस्य.
मदनी ने कहा, मौलाना के जीवित बचे लोगों, प्रियजनों और रिश्तेदारों के दुख में शामिल हूं और धैर्य के लिए दुआ करता हूं. मैं यह भी दुआ करता हूं कि अल्लाह उनके बच्चों की रक्षा करे. उन्हें मौलाना अमीन की तरह क्षेत्र में काम करने का अवसर दे.
अंत में मौलाना मदनी ने कहा कि अल्लाह तआला उन्हें अपनी रहमत में जगह दे, आमीन. साथ ही उन्होंने दिवंगत मौलाना के परिवार, रिश्तेदारों तथा जमात के सभी दोस्तों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की.उन्होंने मदरसों के शिक्षकों से उनकी मगफिरत के लिए दुआ की अपील की.