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असदुद्दीन ओवैसी क्यों प्रसिद्ध हैं ?

मुस्लिम नाउ विशेष

मौजूदा भारत की सियासत में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष ओवैसी का नाम भी अब प्रमुखता से लिया जाने लगा है. ओवैसी सियासत के अपने खास अंदाज के लिए बेहद चर्चित हैं. सियासी समझ और जानकारियों के चलते एआईएमआईएम के अध्यक्ष ओवैसी ने बहुत जल्द ही एक खास वर्ग के दिलों में अपनी जगह बना ली है. हालांकि एआईएमआईएम के सदर ओवैसी पर मुसलमानांे की सियासत करने और उनकी पार्टी पर भारतीय जनता पार्टी की बी टीम होने का आरोप है. इसके बावजूद एआईएमआईएम की सियासत में कोई बदलाव नहीं आया है.

यहां तक कि तेलंगाना विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान जब एआईएमआईएम द्वारा केवल मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में उम्मीदवार खड़े करने पर आलोचना हुई, फिर भी पार्टी अध्यक्ष ओवैसी ने इसमें कोई बदलाव नहीं किया. यहां तक कि हैदराबाद सीट पर कांग्रेस के मोहम्मद अजहरूद्दीन के मुकाबले आईएमआईएम का प्रत्याशी उतार दिया, जिससे बीजेपी को सीधा लाभ पहुंचा. इस बारे में जब एआईएमआईएम के सदर से सवाल पूछा गया तो उन्हांेने बेहद सीधा जवाब दिया, ‘‘पार्टी ने उन्हें उम्मीदवार उतारने के लिए जिम्मेदारी दी थी जिसका मैंने पालन किया.’’

ओवैसी के विरोधी इनकी तुलना जिन्ना से करते हैं. पैट्रिक फ्रांसीसी के अनुसार, ओवैसी मुस्लिम समुदाय के एकमात्र नेता होने के लिए जिन्ना की बोली बोलते हैं. उनका राष्ट्रवाद के साथ इस्लामवाद का विचार हैदराबाद के साथ देश के अन्य भागों में भी काफी लोकप्रिय हो रहा है. ओवैसी ने इस तथ्य को उद्धृत करते हुए कहा है कि उनकी लड़ाई भारतीय संविधान के ढांचे के भीतर है. उनका कहना है कि भारत की धर्मनिरपेक्ष पार्टियां अपने वोटों को मुस्लिम उम्मीदवारों को स्थानांतरित करने में सक्षम नहीं हैं.

ओवैसी का पूरा नाम क्या है?

अपने खास अंदाज में सियासत करने के लिए चर्चित ओवैसी का पूरा नाम सैयद असदुद्दीन ओवैसी है. वह एआईएमआईएम के अध्यक्ष होने के अलावा हैदराबाद लोकसभा क्षेत्र से संसद सदस्य भी हैं. उस्मानिया विश्वविद्यालय से बैचलर ऑफ आर्ट्स में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद, वे उच्च अध्ययन के लिए लंदन चले गए. उन्होंने लंदन के लिंकन इन में बैचलर ऑफ लॉज और बैरिस्टर-एट-लॉ का अध्ययन किया और वे अधिवक्ता बन गए. सैयद असदुद्दीन ओवैसी का घर का नाम नकीब-ए-मिलत, कायद है. आमतौर पर उन्हें असद भाई के नाम से जाना जाता है. उनकी राजनीति मुख्य रूप से मुसलमानों और दलितों जैसे अल्पसंख्यकों के आसपास केंद्रित है.

असदुद्दीन ओवैसी शिया है या सुन्नी ?

जाति से सैयद असदुद्दीन ओवैसी सुन्नी मुसलमान हैं और अपनी राजनीति और अपने भाषणों के कारण विवादों और खबरों में रहते हैं. इसके अलावा, ओवैसी हैदराबाद स्थित ओवैसी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के अध्यक्ष भी हैं. यह अस्पताल किफायती शुल्क पर चिकित्सा देखभाल प्रदान करता है. इसकी उत्पत्ति ओवैसी के दादा के काल के दौरान हुई थी. यदि उनकी विचारधारा के बारे में बात करते हैं तो वे हमेशा सरकारी नौकरियों और शिक्षा संस्थानों में पिछड़े मुसलमानों के लिए आरक्षण का समर्थन करते हैं. वे हमेशा कहते हैं कि वे हिंदुत्व की विचारधारा के खिलाफ हैं, लेकिन हिंदुओं के खिलाफ नही. असदुद्दीन ओवैसी की जन्म तिथि 13 मई 1969 (उम्र 54) और जन्म स्थान हैदराबाद है.

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ओवैसी की कितनी पत्नियां हैं ?

असदुद्दीन ओवैसी अपने पिता को सियासी गुरू मानते हैं. वह भी एक प्रखर मुस्लिम सियासतदां थे. उनके पिता का नाम सुल्तान सलाउद्दीन ओवैसी और मां का नाम नजमुन्निसा बेगम है. असदुद्दीन ओवैसी ने एक ही शादी की है. ओवैसी की एक से अधिक पत्नी नहीं है. असदुद्दीन ओवैसी की पत्नी का नाम फरहीन ओवैसी है, जिनसे एक बेटा और पांच बेटियां हैं. बेटे का नाम सुल्तान नककपद ओवैसी (2010 का जन्म) और पांच बेटियां खुदसिया ओवैसी, यासमीन ओवैसी, अमीना ओवैसी, महेन ओवैसी और अतिका ओवैसी हैं.

असदुद्दीन ओवैसी का घर

असदुद्दीन ओवैसी हैदराबाद में हाउस नंबर 3-6, 149, हैदरगुडा, हैदराबाद में रहते हैं. इसके अलावा संसद की हैसियत से उन्हें नई दिल्ली के अशोक रोड पर 34 नंबर की कोठी भी मिली हुई है. ओवैसी के घर के दरवाजे हमेशा जरूरतमंदों के लिए खुले रहते हैं.

असदुद्दीन ओवैसी मोबाइल नंबर

कोई भी उनके घर पर अपनी फरियाद लेकर जा सकता है. जो हैदराबाद और दिल्ली उनके आवास पर नहीं जा सकते हैं वह असदुद्दीन ओवैसी के मोबाइल नंबर 09848013569 और 09868180569 पर संपर्क कर अपनी समस्याएं उन तक पहुंचा सकते हैं. कई बार वह खुद ही फोन उठाते हैं. ऐसे में असदुद्दीन ओवैसी तक अपनी सस्याएं पहुंचाने के लिए कई बार लोगों को बेहद आसान हो जाता है.

असदुद्दीन ओवैसी के पूर्वज और असदुद्दीन ओवैसी वंशावली

असदुद्दीन ओवैसी उनके पूर्ववज और वंशावली से संबंधित कई रोचक तथ्य हैं.असदुद्दीन ओवैसी के दादा अब्दुल वहीद ओवैसी ने ही राजनीतिक पार्टी मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन का 1957 में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के रूप में स्थापना की थी. कासिम राजवी उनके उत्तराधिकारी थे. उनके पिता असदुद्दीन ओवैसी के पिता सुल्तान सलाहुद्दीन सक्रिय राजनीति में आए. वे आंध्र प्रदेश विधानसभा (1962) के साथ लोकसभा (1984 से 2004 तक) के लिए भी चुने गए थे. असदुद्दीन के भाई अकबरुद्दीन ओवैसी तेलंगाना विधान सभा के सदस्य हैं.

उनके सबसे छोटे भाई बुरहानुद्दीन ओवैसी इत्तेमाद अखबार के संपादक हैं. ओवैसी को एक बेटा और पांच बेटियां हैं. बेटे का नाम सुल्तान नककपद ओवैसी (2010 का जन्म) और पांच बेटियों का नाम खुदसिया ओवैसी, यासमीन ओवैसी, अमीना ओवैसी, महेन ओवैसी और अतिका ओवैसी शामिल हैं.

उनकी सबसे बड़ी बेटी खुदसिया ओवैसी की 24 मार्च 2018 को नवाब शाह आलम खान (पैतृक) और डॉ. मोइनुद्दीन खान सांडोजाई (मातृक्षीय पक्ष) के पोता बरकत आलम खान से सगाई हुई थी. उनकी दूसरी बेटी, डॉ. यासमीन ओवैसी की शादी सितंबर 2020 में द सियासत डेली के संपादक जाहिद अली खान के चचेरे भाई डॉ. आबिद अली खान से हुई थी.उनकी तीसरी बेटी अमीना ओवैसी की शादी 22 दिसंबर 2022 में फहद बेग से हुई. वह उर्दू , हिंदी और अंग्रेजी में निपुण हैं.

ओवैसी के परदादा का नाम ?

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष और संसद असदुद्दीन ओवैसी के परदादा क्या हिंदू ब्राम्हण थे, उनका नाम तुलसीरामदास है ? यह सवाल बेहद विवादास्पद हो गया है. एक संघ समर्थक महिला ने दावा किया है कि ओवैसी के परदादा हिंदू ब्राम्हण थे और उनका नाम तुलसीराम दास है. नाम को लेकर छिड़े विवाद में अब तक ओवैसी ने यह खुलासा तो नहीं किया है कि उनके परदादा का नाम वास्तव में तुलसीराम दास है. मगर जब भी यह मामला सामने आता है, वह चुटकी लेना नहीं भूलते. जब शुरू यह मामला सोशल मीडिया पर एक महिला ने ट्वीट शेयर किया तो ओवैसी ने व्यंग से कहा, ‘‘ जब भी वंश गढ़ना होता है तो संघ वाले उनके लिए ब्राह्मण पूर्वज खोजते हैं. ओवैसी की बातों से यह लगता है कि उनके परदादा हिंदू नहीं थे, पर उनका असली नाम क्या था, इसका खुलासा अब तक नहीं हो पाया है.

अकबरुद्दीन ओवैसी का बेटा?

असदुद्दीन ओवैसी के छोटे भाई अकबरुद्दीन ओवैसी की शादी सबीना फरजाना से हुई है. अकबरुद्दीन ओवैसी की एक बेटी कनीज फातिमा ओवैसी और एक बेटा, नूरुद्दीन ओवैसी है. उनकी बेटी कनीज फातिमा ओवैसी लंदन विश्वविद्यालय में कानून की पढ़ाई कर रही हैं.ओवैसी के भाई अकबरुद्दीन ओवैसी पर हेट स्पीच का मामला चल चुका है. पहली बार 2004 में ओवैसी ने लोकसभा चुनाव में कदम रखा और शानदार जीत दर्ज की थी. उन्‍होंने हैदराबाद संसदीय क्षेत्र से जी सुभाष चंदरजी को हराया था.

सांसद चुने जाने के बाद ओवैसी मेंबर ऑफ पार्लियामेंट लोकल एरिया डेवलपमेेंट स्‍कीम कमेटी के सदस्‍य बने. साथ ही उन्‍हें सामाजिक न्‍याय एवं सशक्तिकरण पर कमेटी का भी सदस्‍य चुना गया. इन दोनों पदों पर उन्‍होंने 2006 तक अपनी सेवाएं दीं. 1999 टीडीपी के सैय्यद शाह नूरुल हक्‍कादरी को हरा कर वे दूसरी बार विधानसभा के लिए चुने गए. फिर चार मिनार सीट से एमएलए बने. 1994 ओवैसी ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत चार मिनार विधानसभा क्षेत्र से की.

उन्‍होंने 1994 के विधानसभा चुनाव में एमबीटी के हुसैन शाहिद को हराया. अवैसी ने 1994 में विज्जी ट्रॉफी में तेज गेंदबाज के रूप में दक्षिण क्षेत्र अंतर-विश्वविद्यालय अंडर -25 के क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व किया था. बाद में दक्षिण क्षेत्र विश्वविद्यालय टीम में चुने गए. वह पेशे से बैरिस्टर हैं और लंदन के लिंकन इन में अध्ययन किया.

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