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असद ने सीरिया से ‘योजनाबद्ध’ निकासी से किया इनकार

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,दमिश्क

सीरिया के पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद ने दावा किया कि उन्होंने राजधानी दमिश्क पर कब्जे और सत्ता से हटाए जाने तक अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया. असद ने कहा कि उनका सीरिया छोड़ना न तो योजनाबद्ध था और न ही लड़ाई के अंतिम पलों में हुआ, जैसा कि कुछ लोगों ने दावा किया है.

27 नवंबर को विपक्षी गठबंधन ने उत्तर-पश्चिमी सीरिया में एक बड़ा हमला शुरू किया, जिसमें सरकारी नियंत्रण वाले कई प्रमुख शहरों पर कब्जा कर लिया. 8 दिसंबर को दमिश्क पर नियंत्रण के बाद असद को सत्ता से हटा दिया गया.

अपने आधिकारिक टेलीग्राम चैनल पर असद ने कहा, “सीरिया छोड़ने का मेरा निर्णय तब हुआ जब दमिश्क पर आतंकवादियों का कब्जा हो गया. मैं 8 दिसंबर की सुबह तक राजधानी में अपने कर्तव्यों का पालन कर रहा था.”

असद ने बताया कि जब आतंकवादी बलों ने दमिश्क में घुसपैठ की, तो उन्होंने रूसी सहयोगियों के साथ समन्वय कर युद्ध अभियानों की निगरानी के लिए लताकिया प्रांत स्थित हमीमिम सैन्य अड्डे का रुख किया.

उन्होंने कहा, “क्षेत्र में बिगड़ती स्थिति और रूसी अड्डे पर ड्रोन हमलों के बढ़ने के कारण मास्को ने 8 दिसंबर की शाम को तुरंत निकासी का अनुरोध किया.”

हालांकि, पांच पूर्व अधिकारियों ने एएफपी को बताया कि दमिश्क पर कब्जा होने और असद की सरकार गिरने से पहले ही वह देश छोड़ चुके थे. उनके अनुसार, असद ने 7 दिसंबर की रात अपने सलाहकार से एक भाषण तैयार करने को कहा था, जिसे उन्होंने कभी नहीं दिया.

असद ने अपने बयान में कहा, “जब राज्य आतंकवादियों के हाथों में पड़ जाता है और किसी सार्थक योगदान का अवसर नहीं बचता, तो किसी भी पद पर बने रहना बेकार हो जाता है.”

गौरतलब है कि बशर अल-असद ने लंबे समय से अपने शासन का विरोध करने वालों को “आतंकवादी” करार दिया है। हालाँकि, हयात तहरीर अल-शाम (HTS) नामक समूह, जिसने असद को सत्ता से हटाया, उसे अमेरिका और पश्चिमी देशों ने भी आतंकवादी संगठन घोषित किया है.

HTS, जो कभी अल-कायदा की शाखा थी, ने 2016 में खुद को चरमपंथी संगठन से अलग कर लिया था और अपनी छवि सुधारने की कोशिश की. हाल के दिनों में अमेरिका और ब्रिटेन ने इस समूह के साथ संपर्क स्थापित किया है.