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अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक हुसैन ओबामा पर टिप्पणी कर फंस गए असम के सीएम हिमंत सरमा,हो रहे हैं ट्रोल

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

असम के बड़बोले मुख्यमंत्री हेमंता विश्वास सरमा अपने ही एक बयान पर बुरी तरह फंस गए हैं. सरमा ने शुक्रवार को एक पत्रकार के सवाल के जवाब मंे जो कुछ कहा, उसे लेकर सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल किया जा रहा है. सरमा से एक पत्रकार ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की अल्पसंख्यक मुस्लिमों की रक्षा वाली टिप्पणी का हवाला देते हुए पूछा था कि क्या असम पुलिस ओबामा को गिरफ्तार करने के लिए वाशिंगटन जा रही है.

असम के मुख्यमंत्री ने जवाब देते हुए कहा- भारत में बहुत सारे हुसैन ओबामा हैं और असम वाशिंगटन की यात्रा के बजाय उनकी देखभाल को प्राथमिकता देता है. हुसैन पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति का मध्य नाम है.

उन्होंने कहा कि “भारत में भी कई हुसैन ओबामा हैं. वाशिंगटन जाने पर विचार करने से पहले हमें उनकी देखभाल को प्राथमिकता देनी चाहिए. असम पुलिस हमारी अपनी प्राथमिकताओं के अनुसार कार्य करेगी. ”

उनकी यह टिप्पणी व्हाइट हाउस प्रेस वार्ता में पीएम नरेंद्र मोदी के उस बयान के कुछ ही घंटों बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत में जाति या धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं है. उनकी सरकार संविधान का पालन करती है, जो लोकतंत्र के बुनियादी मूल्यों पर बनी है.

मोदी ने कहा,“जब आप लोकतंत्र की बात करते हैं, अगर वहां कोई मानवीय मूल्य नहीं है, कोई मानवता नहीं है, कोई मानवाधिकार नहीं है तो वह बिल्कुल भी लोकतंत्र नहीं है. इसलिए जब आप लोकतंत्र के बारे में बात करते हैं और आप लोकतंत्र को स्वीकार करते हैं और जब हम लोकतंत्र में रहते हैं, तो भेदभाव के लिए बिल्कुल कोई जगह नहीं है.

इससे पहले पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने गुरुवार को एक मीडिया साक्षात्कार के दौरान भारत में जातीय अल्पसंख्यकों के अधिकारों का संदर्भ देते हुए कहा कि यदि इन्हें संरक्षित नहीं किया गया, तो इस बात की प्रबल संभावना है कि देश किसी बिंदु पर अलग होने लगेगा.

ओबामा ने सीएनएन के क्रिस्टियन अमनपौर के साथ एक साक्षात्कार के दौरान यह टिप्पणी की. कहा कि अगर राष्ट्रपति जो बिडेन पीएम मोदी से मिलते हैं, तो बहुसंख्यक हिंदू भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यक की सुरक्षा उल्लेख के लायक है.

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति की यह टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संयुक्त राज्य अमेरिका की राजकीय यात्रा के बीच आई है, जिसे बढ़ते रणनीतिक, प्रौद्योगिकी और रक्षा सहयोग के बीच दोनों पक्षों द्वारा बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

भारतीय जनता पार्टी के उपाध्यक्ष बैजयंत जय पांडा ने ओबामा की टिप्पणियों की आलोचना की और कहा कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति को भारत विरोधी भीड़ को बढ़ावा देते हुए, शिनजियांग में अत्याचारों के लिए चीन के समान ही भारत को उपदेश देते हुए देखना बेतुका है.

ओबामा से जब भारत और चीन से जुड़ा सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्होंने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए पेरिस समझौते पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ काम किया है.

मैंने प्रधानमंत्री मोदी के साथ बातचीत की, जिन्हें मैं अच्छी तरह से जानता हूं, तो मेरे तर्क का एक हिस्सा यह होगा कि यदि आप भारत में जातीय अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा नहीं करते हैं, तो इस बात की प्रबल संभावना है कि भारत, कुछ बिंदु, अलग होने लगते हैं. और हमने देखा है कि जब आपके अंदर इस प्रकार के बड़े आंतरिक संघर्ष होने लगते हैं तो क्या होता है. तो यह न केवल मुस्लिम भारतीयों बल्कि हिंदू भारतीयों के हितों के भी विपरीत होगा. मुझे लगता है कि इन चीजों के बारे में ईमानदारी से बात करने में सक्षम होना महत्वपूर्ण है. ओबामा ने सीएनएन को बताया, चीजें उतनी साफ-सुथरी नहीं होंगी जितनी आप चाहते हैं, क्योंकि दुनिया जटिल है.

ओबामा ने यह भी कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए यह कहना महत्वपूर्ण है कि यदि चीन उग्घुरों को सामूहिक शिविरों में भेज रहा है और उन्हें फिर से शिक्षित किया जा रहा है, तो यह हम सभी के लिए एक समस्या और चुनौती है. इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है.

इधर, ओबामा के इस बयान के आते ही असम सीएम सरमा की टिप्पणी आ गई, जिसके बाद से वो ट्रोल हो रहे हैं. सरमा की खिल्ली उड़ाते हुए कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने ट्वीट किया-मेरे दोस्त, बराक अब हुसैन ओबामा हैं!

दरअसल, व्हाइट हाउस में पीएम मोदी से जो सवाल पूछा गया था, हिमंत ने उसका जवाब दिया है.उनका आग्रह – राष्ट्रपति ओबामा के मुस्लिम होने और भारतीय मुसलमानों को सबक सिखाने की आवश्यकता के बारे में – प्रश्न का आधार था.इस पर प्रधानमंत्री, विदेश मंत्रालय और भारत सरकार का क्या रुख है?सुप्रिया के इस ट्वीट के विरोध और पक्ष में लगातार टिप्पणियां आ रही हैं.