असम सरकार ने रेस्तरां और सार्वजनिक स्थानों पर गोमांस परोसने पर लगाया प्रतिबंध
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली
असम सरकार ने राज्य में गोमांस उपभोग पर सख्ती बढ़ाने का फैसला किया है. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने घोषणा की है कि अब किसी भी होटल, रेस्तरां या सार्वजनिक स्थान पर गोमांस परोसने और खाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2021 में पारित असम मवेशी संरक्षण अधिनियम के तहत मवेशियों के वध को रोकने में सरकार काफी सफल रही है. अब, सार्वजनिक स्थानों पर गोमांस सेवन पर प्रतिबंध लगाकर कानून को और कड़ा किया जा रहा है. पहले यह प्रतिबंध केवल मंदिरों के आसपास लागू था, लेकिन अब इसे पूरे राज्य में लागू कर दिया गया है.
सरमा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “हमने फैसला किया है कि असम में किसी भी सार्वजनिक स्थान, होटल या रेस्तरां में गोमांस नहीं खाया जाएगा. यह निर्णय हमारी सनातन संस्कृति और सामाजिक सौहार्द्र को ध्यान में रखते हुए लिया गया है.”
भाजपा सांसद दिलीप सैकिया ने भी इस फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि इसमें कोई सांप्रदायिक दृष्टिकोण नहीं है. उन्होंने कहा, “सनातन संस्कृति में गायों को माता माना जाता है. यह फैसला संस्कृति और लोगों की भावनाओं का सम्मान करता है.”
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य मंत्रिमंडल ने गुवाहाटी के गोपीनाथ बोरदोलोई हवाई अड्डे को शहर से जोड़ने वाली सड़क को छह लेन का बनाने का फैसला किया है. साथ ही, केंद्र सरकार से 1 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं के लिए स्वीकृति मांगी गई है, जिनमें बोंगाईगांव रिफाइनरी का विस्तार और गुवाहाटी रिंग रोड परियोजना शामिल हैं.
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि 7 दिसंबर को राज्य मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा, जिसमें नए मंत्रियों को शामिल किया जाएगा.दूसरी तरफ सरमा के इस कदम को उनके मुस्लिम विरोधी रूख का हिस्सा माना जा रहा है. वह जब से असम की सत्ता में आए हैं उन्होंने मुसलमानों के मिजाज के अनुरूप कई विरोधी फैसले लिए हैं.