औरंगजेब की कब्र विवाद: नागपुर में हिंसा, कई घायल, धारा 144 लागू
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मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नागपुर, नई दिल्ली
महाराष्ट्र के नागपुर में सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी जब विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। इस दौरान हिंदूवादी समूहों ने औरंगजेब का पुतला जलाया और उस पर कुरान की आयतें लिखी चादर को लाठियों से पीटा। इस घटना के बाद नागपुर में दो समुदायों के बीच तनाव बढ़ गया और हिंसक झड़पें हुईं।
Violence erupted between two communities in #Nagpur when the hindutva groups burned the effigy of #Aurangzeb & a sheet with Quranic verses. It led to violence & arson.pic.twitter.com/Y2p191G9mj
— Aasif Mujtaba (@MujtabaAasif) March 17, 2025
हिंसा में कई घायल, वाहनों में आगजनी
नागपुर के महल इलाके में हुए इस संघर्ष में 15 पुलिसकर्मियों सहित करीब 20 लोग घायल हो गए। हिंसा के दौरान 25 से अधिक मोटरसाइकिल और तीन कारों को आग के हवाले कर दिया गया। हालात बेकाबू होते देख पुलिस ने तुरंत धारा 144 लागू कर दी और 17 लोगों को हिरासत में लिया।
हिंसा के पीछे वक्फ संशोधन बिल का मुद्दा?
विशेषज्ञों के अनुसार, हाल ही में वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के बैनर तले चल रहे देशव्यापी आंदोलन के कारण हिंदूवादी संगठनों में बेचैनी है। जंतर-मंतर पर मुस्लिम समुदाय और सेक्युलर ताकतों के इकट्ठा होने से ध्यान भटकाने के लिए नागपुर में यह हिंसा भड़काई गई।
#Nagpur, Maharashtra: Members of VHP burnt an effigy of Aurangzeb wrapped in a chaddar that had Quranic verses written on it, that lead to unrest and arson.
— Saba Khan (@ItsKhan_Saba) March 17, 2025
Police commissioner confirms situation is under control now. pic.twitter.com/WRnky8XxlL
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
घटना के बाद सोशल मीडिया पर इस मुद्दे पर जमकर प्रतिक्रिया आ रही है। पत्रकार आसिफ मुजतबा ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “नागपुर में हिंदूवादी समूहों ने औरंगजेब का पुतला जलाया और कुरान की आयतों वाली चादर पर हमला किया, जिससे सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी।” वहीं, सामाजिक कार्यकर्ता सबा खान ने लिखा, “धारा 144 लागू होने के बावजूद महल इलाके में बड़ी संख्या में भीड़ जुट गई। यह दर्शाता है कि कुछ ताकतें माहौल को और खराब करना चाहती हैं।”
सरकार और पुलिस की प्रतिक्रिया
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने स्थिति पर संज्ञान लेते हुए कहा, “नागपुर में हुई हिंसा निंदनीय है। कुछ लोगों ने पुलिस पर भी पथराव किया, जो पूरी तरह से अस्वीकार्य है। हमने पुलिस को निर्देश दिया है कि दंगा फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।”
पुलिस आयुक्त रविंद्र सिंघल ने बताया कि शहर में स्थिति नियंत्रण में है और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की। उन्होंने कहा, “हिंसा की शुरुआत एक तस्वीर जलाने से हुई। इसके बाद लोगों में आक्रोश बढ़ा और झड़पें शुरू हो गईं। अब तक 17 लोगों को हिरासत में लिया गया है और अन्य आरोपियों की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है।”
#Nagpur : Large number of crowd had gathered despite sec 144 imposed in Mahal area of Nagpur, following the tensions that erupted due to burning of effigy of Aurangzeb by VHP.
— Saba Khan (@ItsKhan_Saba) March 17, 2025
You can identify the crowd by the flags they carried.. pic.twitter.com/9Btvuc5p4o
राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया
महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख हर्षवर्धन सपकाल ने नागपुर में हुई हिंसा के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, “यह राज्य सरकार की नाकामी है। हाल के दिनों में जानबूझकर भड़काऊ भाषण दिए गए, जिसके कारण यह स्थिति पैदा हुई।” शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे और कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भी भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि वह जानबूझकर सांप्रदायिक माहौल खराब कर रही है।
नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील
नागपुर के सांसद और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा, “कुछ अफवाहों के कारण शहर में धार्मिक तनाव बढ़ा है। मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासन का सहयोग करें।”
काबिल ए गौर
नागपुर में हुई यह हिंसा संभाजी नगर में औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग के बाद उपजे विवाद की कड़ी में एक और बड़ा घटनाक्रम है। हालात तनावपूर्ण हैं, लेकिन पुलिस स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। प्रशासन ने लोगों से संयम बरतने और किसी भी अफवाह से बचने की अपील की है। स्थिति पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस खुद नजर बनाए हुए हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।