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बांग्लादेश: अंतरिम सरकार का शपथ ग्रहण रात 8 बजे, डॉ. यूनुस की सजा रद्द, सभी जजों का इस्तीफा

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, ढाका

सेना प्रमुख जनरल वकार-उज़-ज़मान ने कहा कि अंतरिम सरकार का शपथ ग्रहण गुरुवार रात 8 बजे हो सकता है.यह बात उन्होंने बुधवार को मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही.एक सवाल के जवाब में सेना प्रमुख ने कहा, ”कल शपथ ग्रहण समारोह के लिए हम पूरी कोशिश कर रहे हैं.”
यह बहुत ही व्यस्त कार्यक्रम बन जाता है, क्योंकि, डॉ. मोहम्मद यूनुस करीब 2:10 बजे घर आएंगे. इस उत्तराधिकार को व्यवस्थित करना कठिन है. उसके लिए रात 8 बजे के आसपास व्यवस्था कर सकता हूं.’ कुल 400 लोगों की व्यवस्था होगी.

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अंतरिम सरकार के आकार के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि फिलहाल यह 15 लोगों की हो सकती है. फिर भी दो-एक जुड़ सकते हैं.उन्होंने यह भी कहा, सशस्त्र बल मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार को हर संभव सहायता प्रदान करेंगे.

थल सेनाध्यक्ष जनरल वकार-उज़-ज़मान ने राजधानी सहित देश भर में विभिन्न स्थानों पर सड़कों पर मलबा हटाने और यातायात को नियंत्रित करने में छात्रों द्वारा निभाई गई भूमिका को जारी रखने का अनुरोध किया.उन्होंने कहा, छात्र हमारी मदद कर रहे हैं. छात्र ग्रामीण क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। उन्हें धन्यवाद दें.

साथ ही सेना प्रमुख ने सभी से अफवाहों पर ध्यान न देने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि सेना हमेशा लोगों के साथ है और रहेगी.उन्होंने यह भी कहा, डॉ. यूनुस thursday आएंगे. मैं हवाई अड्डे पर स्वागत करूंगा. उम्मीद है कि अंतरिम सरकार का शपथ ग्रहण 8 अगस्त रात 8 बजे होगा.

मंगलवार रात नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर डॉ. मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनाने का निर्णय लिया गया. यह निर्णय तीनों सेनाओं के प्रमुख और भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के समन्वयक सहाबुद्दीन के साथ बैठक में लिया गया.

श्रम कानून के उल्लंघन के आरोप में दायर मामले में नोबेल विजेता डॉ. श्रम अपीलीय न्यायाधिकरण ने यूनुस की 6 महीने की सज़ा रद्द कर दी.श्रम अपीलीय न्यायाधिकरण के न्यायाधीश एमए अवल ने बुधवार को यह आदेश दिया. कोर्ट यूनुस की ओर से बैरिस्टर अब्दुल्ला अल मामुन पेश हुए.

इस वर्ष 1 जनवरी को नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री डॉ. अदालत ने मुहम्मद यूनुस सहित चार लोगों को 6 महीने की अवैतनिक कारावास की सजा सुनाई.ढाका लेबर कोर्ट की न्यायाधीश शेख मरीना सुल्ताना ने फैसले की घोषणा की. इस मामले में अन्य प्रतिवादी ग्रामीण टेलीकॉम के एमडी अशरफुल हसन, निदेशक नूरजहां बेगम और एमडी हैं. शाहजहाँ उन्हें 6 महीने कैद की सजा भी सुनाई गई. वहीं प्रत्येक पर 30-30 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया.

भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के समन्वयकों में से एक आसिफ महमूद ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश सहित सभी न्यायाधीशों को गुरुवार सुबह तक इस्तीफा दे देना चाहिए.आसिफ ने पोस्ट में लिखा, न्यायपालिका का फासीवाद खत्म होना चाहिए. हमें इस बात पर चिंता है कि जो न्यायाधीश अभी भी फासीवादी व्यवस्था में शामिल हैं, वे न्यायपालिका में घूम रहे हैं. हमने सुना है कि तख्तापलट के बाद छात्र सरकार को उसी तरह बाधित करने की कोशिश की जा रही है, जिस तरह तख्तापलट से पहले अदालत के नाम पर हमें धमकाया गया था.

उन्होंने लिखा, “हम मुख्य न्यायाधीश, अपीलीय प्रभाग के न्यायाधीशों को तत्काल हटाने की मांग करते हैं जो फासीवादी व्यवस्था के सक्रिय भागीदार हैं.” उन रिक्त पदों पर अविलंब देशभक्त एवं जनपक्षधर न्यायाधीशों की नियुक्ति कर देश में छात्र सरकार की स्थापना की प्रक्रिया को तेज किया जाना चाहिए. आशा है कि न्यायाधीश (गुरुवार) सुबह तक स्वेच्छा से इस्तीफा दे देंगे. अन्यथा हमें कठोर कदम उठाने पड़ेंगे. अंतरिम सरकार से न्यायपालिका को स्वतंत्र और प्रभावी ढंग से कार्य करने के लिए आवश्यक नीतियों को लागू करने के लिए भी कहा जाएगा.

पोस्ट में देश के सभी स्तरों पर फासीवाद के लाभार्थियों और सहयोगियों से स्वैच्छिक इस्तीफे का भी आह्वान किया गया.