30 अप्रैल को ‘बत्ती गुल’: वक़्फ़ संपत्तियों पर सरकारी नियंत्रण के खिलाफ मुस्लिमों का विरोध
Table of Contents
मुस्लिम नाउ ब्यूरो,,नई दिल्ली
वक़्फ़ संपत्तियों से जुड़े वक्फ़ संशोधन विधेयक 2025 को लेकर देशभर में मुस्लिम समुदाय और इस्लामिक संगठनों का विरोध तेज़ होता जा रहा है। विधेयक को मुस्लिम धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक नेतृत्व मुसलमानों के धार्मिक और सामाजिक अधिकारों पर हमला मान रहा है। इसी कड़ी में अब एक नया जनांदोलन — ‘बत्ती गुल आंदोलन’ — शुरू किया गया है, जिसमें 30 अप्रैल को रात 9 बजे से 9:15 बजे तक अपने घरों और प्रतिष्ठानों की बिजली बंद करने की अपील की गई है।
AIMIM और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की अपील
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने इस आंदोलन के समर्थन में सोशल मीडिया पर वीडियो संदेश जारी करते हुए मुसलमानों से एकजुट होकर भाग लेने की अपील की। उनके इस संदेश के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने भी एक आधिकारिक वीडियो जारी किया, जिसमें ‘बत्ती गुल’ कार्यक्रम को वक़्फ़ संपत्तियों की हिफाजत के लिए प्रतीकात्मक विरोध बताया गया।
#WaqfAmendmentBill#WaqfBill
— Raza Academy (@razaacademyho) April 1, 2025
WE REJECT WAQF AMENDMENT BILL
Protect Waqf properties, protect Muslim rights! Say no to Waqf Amendment Bill.
Muhammad Saeed Noori founder & president of #RazaAcademy and other Ulama e Ahlesunnat demand that government should withdraw the Waqf… pic.twitter.com/4ZJDhDCZ78
रज़ा अकादमी और उलेमा ए अहले सुन्नत की सक्रियता
मुंबई की रज़ा अकादमी ने भी इस विरोध में कड़ा रुख अपनाया है। अकादमी के प्रमुख मुहम्मद सईद नूरी और कई प्रमुख उलेमा ए अहलेसुन्नत ने सरकार से वक़्फ़ संशोधन विधेयक को अविलंब वापस लेने की मांग की है। साथ ही सोशल मीडिया पर ‘बत्ती गुल’ आंदोलन से जुड़े पोस्टर और अपीलें तेजी से वायरल हो रही हैं।

जमात-ए-इस्लामी हिंद का कड़ा विरोध
जमात-ए-इस्लामी हिंद के अध्यक्ष सैयद सदातुल्लाह हुसैनी ने महाराष्ट्र के परभणी में एक बड़ी विरोध सभा को संबोधित करते हुए कहा,
“हम वक़्फ़ संशोधन विधेयक को अस्वीकार करते हैं। यह विधेयक मुसलमानों की वक़्फ़ संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने की साजिश है। हमें मिलकर अपने अधिकारों की रक्षा करनी होगी।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय के धार्मिक संस्थानों और समाजसेवी गतिविधियों को प्रभावित करेगा, जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य और समाजसेवा के अनेक कार्य बाधित हो सकते हैं।
विधेयक को लेकर क्या है आपत्ति?
विरोध करने वाले संगठनों का कहना है कि वक़्फ़ संशोधन विधेयक 2025 के ज़रिए सरकार वक़्फ़ बोर्डों की स्वायत्तता को समाप्त करने और वक़्फ़ संपत्तियों पर सरकारी हस्तक्षेप बढ़ाने की योजना बना रही है।
इससे मस्जिदों, कब्रिस्तानों, मदरसों और अन्य धार्मिक संपत्तियों की स्वतंत्रता पर संकट खड़ा हो सकता है।
मुस्लिम समाज में रोष और एकजुटता
देश के कई हिस्सों में वक़्फ़ संशोधन विधेयक को लेकर जलसा, जुलूस और विरोध सभाओं का दौर जारी है। लखनऊ, मुंबई, हैदराबाद, भोपाल, कोलकाता और दिल्ली समेत कई शहरों में सामाजिक, धार्मिक और कानूनी विशेषज्ञ इस मुद्दे पर चर्चा कर रहे हैं और आंदोलन को विस्तार देने की योजना बना रहे हैं।
वक्फ़ संशोधन अधिनियम 2025 के विरुद्ध 30 अप्रैल 2025, बुधवार को होने वाले ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के 'बत्ती गुल' विरोध प्रदर्शन के सिलसिले में जरूरी अपील!
— All India Muslim Personal Law Board (@AIMPLB_Official) April 29, 2025
Important appeal regarding Nationwide silent 'LIGHTS OFF' Protest (Batti Gul) against WAQF Amendment ACT 2025, on… pic.twitter.com/BLn0o3GQBf
📌 निष्कर्ष: आंदोलन की गूंज और सरकार पर दबाव
30 अप्रैल को होने वाला ‘बत्ती गुल आंदोलन’ वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ मुस्लिम समाज की नाराज़गी को प्रतीकात्मक रूप से सामने लाने का प्रयास है। AIMPLB, AIMIM, जमात-ए-इस्लामी और रज़ा अकादमी जैसे संगठनों के सक्रिय जुड़ाव से यह आंदोलन राष्ट्रीय स्तर पर तेज़ हो रहा है।
अब देखना यह है कि क्या सरकार इस जनाक्रोश को ध्यान में रखते हुए कोई संशोधन या वापसी का निर्णय लेती है या आंदोलन और तेज़ होता है।