बकरीद से पहले बांग्लादेश में ज्वैलर्स की सारी दुकानें अनिश्चितकाल के लिए बंद
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मुस्लिम नाउ ब्यूरो,,ढाका
बांग्लादेश में ज्वैलर्स की सारी दुकानें बकरीद से दस दिन पहले अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दी गई हैंIबांग्लादेश में ज्वैलरी उद्योग एक अभूतपूर्व संकट से गुजर रहा है। बांग्लादेश ज्वैलर्स एसोसिएशन (BAJUS) के उपाध्यक्ष रिपोनुल हसन की गिरफ्तारी के विरोध में संगठन ने 29 मई गुरुवार से देशभर में सभी आभूषण प्रतिष्ठानों को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने का एलान किया है। राजधानी ढाका से लेकर दूरदराज़ के जिलों तक, इस फैसले का व्यापक असर दिखने की संभावना है।
गिरफ्तारी का समय और स्थान
बुधवार (28 मई) की शाम लगभग 7:30 बजे, कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने ढाका के प्रमुख स्वर्ण व्यापार केंद्र तांती बाजार स्थित उनके व्यवसायिक प्रतिष्ठान से रिपोनुल हसन को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के कारणों को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, जिससे असमंजस और आक्रोश और भी बढ़ गया है।
व्यापारिक समुदाय में असंतोष और तनाव
रिपोनुल हसन की गिरफ्तारी के बाद से ही स्वर्ण और आभूषण व्यापारियों में गहरा असंतोष और चिंता व्याप्त है। कई व्यापारियों ने इस कदम को एक सुनियोजित उत्पीड़न करार देते हुए सरकार और प्रशासन की नीयत पर सवाल उठाए हैं।
BAJUS का तीखा विरोध और आंदोलन की चेतावनी
BAJUS के कार्यवाहक अध्यक्ष गुलजार अहमद और महासचिव बादल चंद्र रॉय ने एक संयुक्त बयान में कहा,
“हम अपने उपाध्यक्ष रिपोनुल हसन की झूठे आरोपों के तहत गिरफ्तारी की घोर निंदा करते हैं। यह केवल एक व्यक्ति के खिलाफ नहीं, बल्कि पूरे स्वर्ण व्यापार समुदाय के खिलाफ एक षड्यंत्र है। हम उनकी तत्काल और बिना शर्त रिहाई की मांग करते हैं।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक देशभर में सभी आभूषण प्रतिष्ठान बंद रहेंगे। साथ ही चेतावनी दी कि यदि आवश्यक हुआ तो वे और भी कड़े आंदोलनात्मक कदम उठा सकते हैं।
स्वर्ण बाज़ार पर प्रभाव और आर्थिक चिंता
BAJUS के इस निर्णय का असर बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ने की आशंका है, क्योंकि आभूषण उद्योग न केवल एक बड़ा व्यापारिक क्षेत्र है, बल्कि लाखों परिवारों की आजीविका इससे जुड़ी हुई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह आंदोलन लंबा चला तो इससे न केवल स्वर्ण व्यापार बाधित होगा, बल्कि शादी-विवाह के मौसम में उपभोक्ताओं को भी गंभीर असुविधा का सामना करना पड़ेगा। साथ ही इस अस्थिरता से सोने के दामों में उतार-चढ़ाव भी देखने को मिल सकता है।
प्रशासन की चुप्पी सवालों के घेरे में
अब तक प्रशासन की ओर से रिपोनुल हसन की गिरफ्तारी के पीछे की वजह को लेकर कोई स्पष्ट सूचना नहीं दी गई है। न ही किसी प्रकार की चार्जशीट या प्रेस वार्ता के जरिए जनता को भरोसे में लेने की कोशिश की गई है। इससे व्यापारियों में यह आशंका और गहरी हो गई है कि यह कार्रवाई राजनीतिक या कारोबारी प्रतिद्वंद्विता से प्रेरित हो सकती है।
आगे की राह और संभावित बातचीत
वर्तमान स्थिति को देखते हुए सरकार और व्यापार संगठनों के बीच संवाद की आवश्यकता महसूस की जा रही है। यदि जल्द समाधान नहीं निकला, तो यह विवाद लंबा खिंच सकता है और देश की स्वर्ण और आभूषण अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका दे सकता है।
(यह एक विकासशील समाचार है, जिसकी विस्तृत जानकारी और आधिकारिक प्रतिक्रिया मिलते ही आगे अपडेट किया जाएगा।)