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इजरायली हमलों से दहला बेरूत : 22 लोग मारे गए, 117 घायल,हिजबुल्लाह अधिकारी को निशाना बनाने की कोशिश

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, बेरूत

मध्य बेरूत के घनी आबादी वाले इलाकों पर इजरायली हवाई हमलों में कम से कम 22 लोग मारे गए और 117 से अधिक घायल हो गए. एक लेबनानी सुरक्षा सूत्र ने बताया कि इजरायली हमलों का उद्देश्य हिजबुल्लाह के एक अधिकारी को निशाना बनाना था. हालांकि, यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका कि वह अधिकारी मृतकों में शामिल था या नहीं.

पिछले दो हफ्तों से, इजरायल ने लेबनान के ईरान समर्थित हिजबुल्लाह आंदोलन के गढ़, बेरूत के दक्षिणी उपनगरों को लगातार निशाना बनाया है, लेकिन यह तीसरा मौका है जब इजरायल ने सीधे शहर के केंद्र पर हमला किया. ये हमले न्वेरी और बस्ता जैसे घनी आबादी वाले इलाकों में किए गए, जो बेरूत के प्रमुख रिहायशी क्षेत्र हैं.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए कहा, “राजधानी बेरूत पर इजरायली हमलों के परिणामस्वरूप 22 लोगों की जान चली गई और 117 लोग घायल हो गए.” मंत्रालय ने कहा कि मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है, क्योंकि कई घायलों की हालत गंभीर है.

हमले का विवरण

लेबनान की राष्ट्रीय समाचार एजेंसी (एनएनए) के अनुसार, पहला हमला न्वेरी इलाके में हुआ, जहां एक आठ मंजिला इमारत की तीसरी मंजिल को निशाना बनाया गया. वहीं, दूसरा हमला अल-बस्ता अल-फौका में हुआ, जहां एक चार मंजिला इमारत को निशाना बनाया गया.

एएफपी के एक फोटोग्राफर ने बस्ता इलाके में हमले की जगह से रिपोर्ट करते हुए बताया कि विस्फोट के कारण दो पुरानी इमारतें पूरी तरह से ढह गईं. विस्फोट की ताकत इतनी जबरदस्त थी कि आसपास के घरों की खिड़कियां भी उड़ गईं.

बचाव सेवाएं और स्थानीय निवासी मलबे से बचे हुए लोगों को बाहर निकालने की कोशिश कर रहे थे. कई लोगों को स्ट्रेचर पर ले जाया गया, जबकि अन्य लोग मलबे में फंसे हुए थे. दमकलकर्मी न्वेरी इलाके में एक आवासीय इमारत में लगी आग को बुझाने में जुटे थे, और सीढ़ियों की मदद से निवासियों को ऊपरी मंजिलों से सुरक्षित बाहर निकाला गया.

छापे के तुरंत बाद, एएफपी के लाइव फुटेज में घनी-भरी इमारतों के बीच से धुएं के बड़े-बड़े गुबार उठते हुए देखे गए. यह दृश्य पूरे क्षेत्र में तबाही की कहानी बयां कर रहा था.

इजरायली हमलों में बढ़ोतरी

इस महीने की शुरुआत में भी इजरायल ने बेरूत पर एक घातक हवाई हमला किया था. उस हमले में हिजबुल्लाह द्वारा संचालित एक आपातकालीन सेवा बचाव सुविधा को निशाना बनाया गया था, जिसमें सात कर्मचारियों की मौत हो गई थी.

इसके अलावा, 30 सितंबर को, बेरूत के व्यस्त कोला जिले में इजरायल के एक ड्रोन हमले में पॉपुलर फ्रंट फॉर द लिबरेशन ऑफ़ फिलिस्तीन (PFLP) के तीन सदस्य मारे गए थे. यह वामपंथी सशस्त्र समूह इजरायल के खिलाफ प्रतिरोध आंदोलनों में शामिल रहा है.

हिजबुल्लाह और इजरायल के बीच बढ़ता तनाव

लेबनान के हिजबुल्लाह आंदोलन और इजरायल के बीच पिछले एक साल से सीमा पार गोलीबारी की घटनाएं लगभग रोज़ाना हो रही हैं, जो गाजा युद्ध के परिणामस्वरूप बढ़ी हैं.

हालांकि, 23 सितंबर से, इजरायल ने लेबनान में अपने हवाई हमलों की संख्या में भारी इजाफा किया है, जिसके चलते अब तक 1,200 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और दस लाख से अधिक लोगों को अपने घरों से भागने पर मजबूर होना पड़ा है.

लेबनान की सरकार और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इन हमलों की कड़ी निंदा की है, लेकिन इस क्षेत्र में तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर जल्द ही इस संघर्ष को रोका नहीं गया, तो यह पूरे मध्य पूर्व क्षेत्र के लिए विनाशकारी साबित हो सकता है.

क्षेत्रीय स्थिरता के लिए चिंता

मध्य पूर्व की स्थिति पहले से ही अस्थिर है. इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच बढ़ते तनाव ने इस क्षेत्र में और अधिक अनिश्चितता पैदा कर दी है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने कई बार दोनों पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील की है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.

बेरूत पर हुए ताज़ा हमलों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आने वाले समय में इस संघर्ष का दायरा और बढ़ सकता है. लेबनान के नागरिकों को लगातार हिंसा और हमलों का सामना करना पड़ रहा है, और उनके लिए यह दौर अत्यंत कठिन और भयावह बना हुआ है.