बिधूड़ी संसद में भले गरियाएं, मुसलमान दे रहे शांतिप्रिय होने का सबूत, गणेश विसर्जन के कारण भोपाल-नासिक में ईद मिलाद के कार्यक्रम में बदलाव का ऐलान
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, भोपाल / नासिक
संसद में भले ही बीजेपी के रमेश बिधूड़ी जैसे लोग मुसलमानों को गरियाते रहे हों, पर देश का मुसलमान हमेशा अपने विचार-व्यवहार से देश प्रेम और शांति का पैरोकार होने का सबूत देता रहा है. इसी क्रम में नासिक के बाद अब भोपाल के मुसलमनों ने गणेश विसर्जन को देखते हुए ईद मिलाद उन नबी के जुलूस में परिवर्तन का ऐलान किया है.
देश में एक तरफ जहां गणेश उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ इस्लाम के पैगंबर के शुभ जन्मदिन के लिए पूरे देश के साथ मध्य प्रदेश के सभी जिलों में भी जोर-शोर से तैयारियां की जा रही हैं. जहां गणेश उत्सव हिंदू भाइयों के लिए महान त्योहार है, वहीं रसूलुल्लाह के प्रेमियों के लिए ईद मिलाद-उन-नबी का उत्सव अत्यंत महत्वपूर्ण है. जब गणेश विसर्जन और ईद मिलाद-उल-नबी जुलूस की तारीख एक ही दिन होने और जुलूस एक ही रास्ते से निकलने पर विवाद होने की संभावना पैदा हुई, तो ऑल इंडिया मुस्लिम फेस्टिवल ने ईद मिलाद-उल-नबी जुलूस एक दिन पहले निकालने का फैसला किया.
राजधानी भोपाल सहित मध्य प्रदेश के सभी जिलों में कानून व्यवस्था बनी रहे और दोनों धर्मों के लोग पूरी श्रद्धा के साथ त्योहार मना सकें, इसके लिए एक दिन पहले निकालने का निर्णय लिया गया है.
ऑल इंडिया मुस्लिम फेस्टिवल कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. ओसाफ शाहमीरी खुर्रम ने कहा है कि हम रसूल के चाहने वाले हैं. रसूल के आशिक को शांति और प्यार का संदेश दिया गया है. 28 सितंबर को ईद मिलाद-उल-नबी का जुलूस और एक ही दिन गणेश विसर्जन दिवस होने के कारण प्रशासन के लोग चिंतित थे. इसलिए मुस्लिम त्योहार समिति ने अपने पदाधिकारियों और उलेमा से सलाह के बाद ईद मिलाद-उल-नबी का पारंपरिक जुलूस एक दिन पहले निकालने का फैसला किया है, ताकि सर्वत्र शांति स्थापित हो सके. हम भी त्योहार को उत्साह एवं भक्तिभाव से मनाएं.
ऑल इंडिया मुस्लिम फेस्टिवल कमेटी की मध्य प्रदेश शाखा के सचिव अब्दुल नफीस का कहना है कि अब जुलूस 27 सितंबर को दोपहर दो बजे मौलाना इमरान खान चैक से पारंपरिक तरीके से शुरू होगा और शहर के विभिन्न मार्गों से गुजरेगा. पीर गेट पर सामूहिक दुआ के साथ यह समाप्त होगा. ईद मिलाद-उन-नबी के जश्न में सभी लोग बिना किसी भेद-भाव के भाग ले सकेंगे.
इस संबंध में हिंदू उत्सव समिति के सदस्य माणिक तेवर से बात की तो उन्होंने कहा कि हमारा भोपाल आदर्श है, सभी लोग मिलकर त्योहार मनाते हैं. हम ऑल इंडिया मुस्लिम फेस्टिवल कमेटी के फैसले का स्वागत करते है. हर किसी को यही चाहिए. सनातन धर्म सभी को एक साथ मिलकर चलने का संदेश देता है.
गणपति विसर्जन के लिए मुस्लिम समाज ने एक दिन आगे बढ़ाया ईद मिलाद का जुलूस
उधर, नासिक में हिंदू और मुस्लिम समुदायों ने सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने की शानदार मिसाल पेश की है. प्रशासन की पहल पर मुस्लिमों ने ईद-उल-मिलाद-उन- नबी के जुलूस को 28 सितंबर की बजाए 29 सितंबर को निकालने का फैसला किया है. असल में इस साल गणपति विसर्जन और ईद मिलन का त्योहार एक ही दिन आया है. 28 सितंबर को दोनों त्योहार एक दिन मनाए जाएंगे.
आवाज डाॅट इन की एक रिपोर्ट के अनुसार,गणपति उत्सव हिंदुओं का त्योहार है और ईद-ए-मिलाद मुस्लिम त्योहार है और नासिक में इन दोनों त्योहारों का जुलूस निकलने का दिन नहीं था. दो त्योहारों के एक साथ पड़ने और दोनों में जुलूस निकलने से प्रशासन के सामने बड़ा संकट था. ऐसे में पुलिस आयुक्त अंकुश शिंदे की मौजूदगी में दोनों समुदायों के प्रमुख लोगों की एक संयुक्त बैठक हुई. इस बैठक के बाद मुस्लिम समुदाय ने हिंदू समुदाय के साथ खड़े होकर नासिक को हिंदू-मुस्लिम समुदाय के रूप में बनाए रखने का ऐतिहासिक निर्णय लिया.
फैसला किया गया है कि ईद मिलाद का जुलूस 28 सितंबर के बजाय शुक्रवार, 29 सितंबर को आयोजित किया जाएगा. प्रशासन की ओर से कहा गया कि गणपति विसर्जन जुलूस 28 सितंबर को निकाला जाएगा.
नासिक शहर सूफी संतों का शहर है और दोनों समुदाय वर्षों से महान आदर्शों के साथ सांप्रदायिक एकता बनाए हुए हैं. जनता का ध्यान इस बात की ओर आकर्षित करने के लिए कि सांप्रदायिक सद्भाव और सद्भाव से निर्णय लिए गए, दोनों समुदायों के प्रमुख व्यक्तियों की ओर से बड़ी दरगाह नासिक में अमन परिषद का आयोजन किया गया. शहर के लोगों ने इस फैसले का स्वागत करते हुए इसे ऐतिहासिक निर्णय बताया है.
पुलिस कमिश्नरेट ने आमजन से अपील की है कि किसी तरह की अफवाह न फैलाएं. न ही सोशल मीडिया पर फैलाए जा रहे किसी तरह के मैसेज को लेकर परेशान हों.
परिषद के मुख्य अतिथि के रूप में समीर शेटे, सुनील बागुल, सुधाकर बडगुजर, गजानन शेलार, वसंत गीते, अंकुश पवार, प्रशांत दिवे, राजेंद्र बागुल, सतीश शुक्ला, किरण मोहिते, बालासाहेब कोकणे, हरिभाऊ लोटाने और विधायक देवयानी फरंदे उपस्थित थे. मुस्लिम समुदाय की ओर से इजाजुद्दीन मोइनुद्दीन काजी, आसिफ इब्राहिम शेख, हाजी तोफिक शेख, इमरान तंबोली, साजिद मुल्तानी, सोहेल काजी, असलम खान, शकील तंबोली, मुक्तार शेख, फिरोज मंसूरी, अब्दुल गनी शेख और फहीम शेख ने योगदान दिया.
वहीं राजस्थान के शहर जोधपुर से एक अनूठी मिसाल सामने आई है. आगामी दिनों में हिंदू धर्म का आनंद चैदस गणेश विसर्जन और ईद मिलादुन्नबी का पर्व निकलने वाले जुलूस का एक ही रास्ता होने के चलते जोधपुर पुलिस कमिश्नर रवि दत्त गौड, डीसीपी ईस्ट अमृता दोहन पुलिस अधिकारियों की सभी धर्म गुरुओं के साथ एक बैठक हुई. इस बैठक में शहर के अमन चैन और भाईचारे को देखते हुए मुस्लिम समाज के लोगों ने ईदमिलादुन्नबी जुलूस 28 सितंबर की जगह 29 सितंबर को निकालने निर्णय लिया.
अफवाह फैलाने वालों पर पुलिस सख्ती से कार्रवाई करेगी. सोशल मीडिया पर लगातार पुलिस की नजर रहेगी. साथ ही विसर्जन यात्रा और जुलूस के दौरान सुरक्षा के सख्त इंतजाम रहेंगे. सादी वर्दी में जवान तैनात रहेंगे और ड्रोन से पूरे रूट पर निगरानी की जाएगी.