एएमयू की छात्राओं का बड़ा आरोप: बुर्का, नकाब पहनने पर होता है भेदभाव
मुस्लिम नाउ ब्यूरो, अलीगढ़
बुर्का, नकाब का विवाद देश की चर्चित यूनिवर्सिटी तक पहुंच गया है.अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) की कुछ छात्राओं ने ‘आंतरिक इस्लामोफोबिया’ का मुद्दा उठाते हुए बुर्का और नकाब पहनने वाली छात्रों के साथ यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा भेदभाव करने का आरोप लगाया है.एएमयू में एक मेस का एक वीडियो क्लिप इस समय सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें एक वार्डन यह कहते दिख रही है कि वह लड़कियों के चेहरे से बुर्का हटा देगी और उन्हें (खाना) खिलाएगी.
एएमयू के सूत्रों के अनुसार, नकाब पहने लड़कियों ने वार्डन से कहा कि वे उन्हें अपने कमरे में अपना खाना ले जाने दें, क्योंकि वो यहां अपने नकाब का पालन नहीं कर सकती. वहां पुरुष भोजन परोसते हैं. इसपर वार्डन ने कथित तौर पर आपत्तिजनक लहजे में जवाब दिया.
एएमयू में लगभग 16-20 हॉल हैं. प्रत्येक हॉल में एक या अधिक छात्रावास हैं. प्रत्येक हॉल में एक प्रोवोस्ट होते हैं और प्रत्येक छात्रावास में एक वार्डन. हाल की घटना अब्दुल्ला हॉल में हुई, जो छह गर्ल्स हॉस्टल वाला एक हॉल है. छात्राओं के अनुसार, उनमें से किसी में भी महिला स्टाफ सदस्य नहीं हैं.
एएमयू के एक छात्र ने सियासत डॉट कॉम को बताया, वे हमें अपनी प्लेट खाना कमले में नहीं ले जाने देते हैं. इनमें कई ऐसी लड़कियां हैं , जो पूरा पर्दा (सिर से पांव तक इस्लामी आवरण) का पालन करती हैं और उनके लिए पुरुष स्टाफ सदस्यों के सामने खाना संभव नहीं है. ” अज्ञात रहे कि छात्रों को विकल्प चुनने की बात कही जाती है, पर ऐसा नहीं है. हाल में ऐसी कई शिकायतें एएमयू से मिली हैं.
What is happening in AMU ? pic.twitter.com/8Zw3NU5Zq4
— Usama Hazari (@Usamahazari) November 5, 2022
एक अन्य छात्रा ने बताया कि प्रशासन ने उसके साथ कई बार दुर्व्यवहार किया. उसके खिलाफ इस्लामोफोबिक और सेक्सिस्ट टिप्पणी की गई. वह कथित तौर पर शिकायत दर्ज करने के लिए अधिकारियों से मिलने गई थी.उसने आगे कहा कि अब्दुल्ला हॉल प्रशासन की एक वार्डन सबसे अधिक मिसोगिनिस्ट, इस्लामोफोबिक और बदतमीजी महिला है. छात्रा का कहना है कि
छात्रावास का हर मुद्दा, चाहे वह आवंटन, भोजन, स्वच्छता या कुछ भी हो, बुर्का, पर्दा और नमाज पर इस्लामोफोबिक टिप्पणी से काउंटर किया जाता है.एक अन्य सूत्र ने कहा कि अवैध छात्राएं कथित रूप से दूसरे छात्रावास में रह रही हैं. इस मामले में वार्डन के दुर्व्यवहार के बहाने इससे बचने का प्रयास किया जा रहा है.
छात्रा ने कहा कि इसकी शुरुआत तब हुई जब भोजन के प्रभारी कुछ छात्रों ने दूसरों पर मेस से चोरी करने का आरोप लगाया और प्रशासन ने मुख्य परिसर से पुरुष छात्रों को बुलाया. कथित तौर पर तब से पुरुष छात्रों को वापस नहीं भेजा गया है. वीडियो में चिल्लाने वाली शिक्षिका कथित तौर पर मुमताज जहां हॉस्टल की वार्डन है. छात्राओं ने कहा कि वह हमारे लिए बहुत अपमानजनक है और अब छात्राओं को बार-बार प्रोवोस्ट के कार्यालय में बुलाया जा रहा है. उन्हें बेवजह फर्जी मुद्दों में घसीटा जा रहा है और गलत तरीके से बदनाम किया जा रहा है.
इस मुददे पर वार्डन ने इस रिपोर्टर से बात करने से इनकार कर दिया.सियासत डॉट कॉम ने जूलॉजी विभाग, महिला कॉलेज और अब्दुल्ला हॉल के प्रोवोस्ट की गजाला नाहिद से घटना के बारे में पूछने के लिए संपर्क किया. घटना पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा, तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है. ऐसी कोई घटना नहीं हुई है. यहां बहुत अनुकूल और मैत्रीपूर्ण वातावरण है. हम छात्रों को उनके कमरे में खाना ले जाने की अनुमति नहीं दे सकते,क्योंकि यह अस्वच्छ है और बचा हुआ खाना हॉस्टल के कमरों में बीमारियों को फैलाएगा.
उन्होंने कहा कि यह नीति है कि छात्र अपने छात्रावास के कमरों में भोजन नहीं ले जा सकते. वे किसी भी स्थिति में नियम नहीं बदल सकती हैं. गजाला नाहिद ने इस बात से इनकार किया कि वार्डन ने छात्रों के खिलाफ किसी भी तरह की आपत्तिजनक टिप्पणी की है.