बिटग्राम: दो बच्चों को बचाया गया, बाकी के लिए ऑपरेशन जारी
अदीब यूसुफजई,बटग्राम
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा के बटग्राम तहसील अलाई जिले में चेयर लिफ्ट की रस्सी टूटने के कारण आठ लोग फिलहाल नदी से 900 फीट की ऊंचाई पर फंस गए हैं. फिलहाल रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है, जिसमें सेना के हेलीकॉप्टर भी हिस्सा ले रहे हैं.पाकिस्तानी सेना के जनसंपर्क विभाग के मुताबिक, बचाव अभियान में पाकिस्तानी सेना ने एक और बच्चे को बचाया. अब तक दो बच्चों को बचाया जा चुका है. बाकी लोगों को बचाने के लिए पाकिस्तानी सेना का ऑपरेशन जारी है.
झांगरी स्थान पर मौजूद सैफुल इस्लाम के अनुसार, हेलीकॉप्टर द्वारा चेयरलिफ्ट में फंसे लोगों को लाइफ जैकेट और अन्य आवश्यक वस्तुओं से युक्त सुरक्षा बैग प्रदान किए गए.बैग देने के बाद बच्चे ने प्रोटेक्टिव जैकेट पहना और युवक ने हेलीकॉप्टर से रस्सी फेंकी. बच्चे ने रस्सी को कसकर पकड़ लिया .खुद को एक मजबूत गांठ से बांध लिया.
सैफुल इस्लाम के मुताबिक, इसके बाद हेलीकॉप्टर से रस्सी खींची गई. “जब बच्चा चेयरलिफ्ट से बाहर आया तो कमांडो बच्चे को अपने साथ ले गए और सुरक्षित हेलीकॉप्टर तक ले आए.”स्थानीय लोगों के मुताबिक, एक बच्चे को बचाने के बाद हेलीकॉप्टर वापस नहीं लौटे. “अंधेरा घिर गया है, इसलिए ऐसा लगता है कि हेलीकॉप्टर से बचाव बंद कर दिया गया है.”
मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों के मुताबिक, स्थानीय बचाव दल चेयर लिफ्ट तक पहुंच गया है. चेयर लिफ्ट तक पहुंचने के लिए तार बिछाया गया है, लेकिन अभी तक किसी बच्चे को बचाया नहीं जा सका है.स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले रेस्क्यू मिनी चेयरलिफ्ट की ताकत देखी जा रही है.
उनके मुताबिक चेयरलिफ्ट में फंसे स्कूल शिक्षक गुलफराज और स्थानीय बचाव दल के बीच संपर्क हो गया है.रेस्क्यू लिफ्ट के लिए बिछाए गए तार की मजबूती की जांच होने पर बच्चों को एक-एक कर दूसरी तरफ शिफ्ट किया जाएगा.
रेस्क्यू चेयरलिफ्ट ज्यादा वजन नहीं उठा सकती, इसलिए संभावना है कि रुक-रुक कर एक या दो लोगों को बचाया जाएगा.
सैफुल इस्लाम के मुताबिक, दूसरी ओर स्थानीय बचाव दल के सदस्य बचाव अभियान चला रहे हैं.इससे पहले, केबल कार में फंसे वयस्कों में से एक गुल फ़राज़ ने एएफपी से फोन पर बात करते हुए कहा, “अंधेरा हो रहा है.” आइए आपको बताते हैं कि आखिर क्यों वापस जा रहे हैं हेलीकॉप्टर.
सैफुल इस्लाम ने बताया कि ये सभी लोग झांगरी से चेयरलिफ्ट कर बटांगी हाई स्कूल जा रहे थे, तभी अचानक ये हादसा हो गया.कुल पांच हेलीकॉप्टर यहां पहुंचे. जब चौथा हेलीकॉप्टर आया तो वह चेयरलिफ्ट के चारों ओर पांच चक्कर लगाने के बाद उतरा.उनके मुताबिक, लैंडिंग के बाद चौथा हेलीकॉप्टर फिर से चेयर लिफ्ट के पास पहुंचा, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला, जिसके बाद वह दोबारा उतरा.
बच्चों के माता-पिता के साथ उमर रहमान भी वहीं मौजूद हैं. उन्होंने कहा, ”यहां न सिर्फ हेलिकॉप्टर बचाव कार्य कर रहे हैं, स्थानीय बचाव दल भी पहुंच गए हैं. बचाव दल की 1122 टीमें भी मौजूद हैं.”उनके मुताबिक बच्चों के माता-पिता ने अभी तक स्थानीय बचाव दल को बचाव अभियान का हिस्सा बनने की अनुमति नहीं दी है.
अभिभावकों को भरोसा है कि हेलीकॉप्टर के जरिए यह रेस्क्यू ऑपरेशन सफल होगा. लेकिन फिर भी स्थानीय बचाव दल तैयार हैं जो चेयरलिफ्ट के केबल की मदद से बच्चों को बचाना चाहते हैं. बच्चों के माता-पिता अनुमति नहीं दे रहे हैं.
सैफुल इस्लाम ने दूसरी तरफ के लोगों की स्थिति के बारे में जानकारी दी. कहा, ‘दूसरी तरफ के लोग भी प्रयास कर रहे हैं.’ जहां तक हम देख सकते हैं, वो लोग शायद दूसरी केबल लगाकर बच्चों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन निश्चित तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता.
उमर रहमान ने कहा कि नीचे नदी है, इसलिए नीचे से सुरक्षा उपाय करना मुश्किल है.उन्होंने आगे कहा कि अंधेरा हो रहा है. रात में हवा की गति भी तेज है. बचाव अभियान अभी भी बेनतीजा है.रात को अँधेरा होगा. बचाव दल ने दो घंटे का समय और मांगा है. उन्होंने बताया है कि ऑपरेशन दो घंटे में पूरा हो जाएगा.
उनके मुताबिक स्थानीय लोग भी अपनी ओर से प्रयास करना चाहते हैं लेकिन उन्हें इजाजत नहीं मिल रही है.स्थानीय लोग कुछ करना चाहते हैं लेकिन इसमें ख़तरा है इसलिए उन्हें अनुमति नहीं दी जा रही है.”उमर रहमान ने बताया कि नदी नीचे बह रही है, इसलिए नीचे से सुरक्षा उपाय करना मुश्किल है.
उमर रहमान का कहना है कि जैसे ही हेलीकॉप्टर चेयरलिफ्ट के करीब पहुंचता है, रस्सियां हिलने लगती हैं और चेयरलिफ्ट भी लटक जाती है, इसलिए यह खतरे से खाली नहीं है.हेलीकॉप्टर के पास आते ही बच्चे डर जाते हैं.हेलीकॉप्टर से रस्सी फेंकने की भी कोशिश की गई, लेकिन हेलीकॉप्टर का दबाव इतना ज्यादा है कि चेयरलिफ्ट के गिरने का खतरा है.
फिलहाल नदी के दोनों किनारों पर हजारों की संख्या में स्थानीय लोग जमा हैं. दोनों तरफ के लोग बचाव अभियान की सफलता के लिए प्रार्थना कर रहे हैं.
खैबर पख्तूनख्वा और गिलगित-बाल्टिस्तान प्रांतों में यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए केबल कारों का उपयोग आम है. केबल कार या चेयरलिफ्ट गिलगित और खैबर पख्तूनख्वा के उन क्षेत्रों में परिवहन का एक साधन है जहां सड़कों का निर्माण नहीं किया जा सकता है.