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पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री पाटिल ने गीता में जिहाद को लेकर बयान दिया तो भड़क गई भाजपा

मुस्लिम नाउ ब्यूरो नई दिल्ली

पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता शिवराज पाटिल के गीता और जिहाद के बयान को लेकर भाजपा ने कांग्रेस को घेरना शुरू कर दिया है. भाजपा ने पाटिल के बयान को हिंदू, हिंदुत्व और हिंदुस्तान को अपमानित करने के कुचक्र का नया अध्याय करार देते हुए कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है.

भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ल ने शिवराज पाटिल के बयान की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि यह हिंदू, हिंदुत्व और हिंदुस्तान को अपमानित करने के कांग्रेस के कुचक्र का एक नया अध्याय है.

भाजपा प्रवक्ता ने कांग्रेस पर राजनीतिक हमला जारी रखते हुए आगे कहा कि सलमान खुर्शीद हिंदुत्व की तुलना, बोको हरम से करते हैं. शशि थरूर हिंदुत्व की तुलना तालिबान से करते हैं. सुशील कुमार शिंदे और पी.चिदंबरम भगवा आतंकवाद की बात करते हैं और अब शिवराज पाटिल गीता, जो मानवता का सबसे बड़ा सूत्र है, दर्शन है उसकी तुलना जिहादी आतंकवादी से कर रहे हैं. शुक्ल ने इसे कांग्रेस की सोच बताते हुए कहा कि यह हिंदुत्व को कलंकित करने का कांग्रेसी अभियान का नया अध्याय है.

दरअसल, हाल के दिनों में कई बार कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी स्वयं सॉफ्ट हिंदुत्व की तरफ झुकते दिखाई दे रहे थे. इसे भाजपा से लड़ने की कांग्रेस की नई रणनीति भी बताया जा रहा था, लेकिन शिवराज पाटिल के बयान के सहारे भाजपा अब कांग्रेस को राष्ट्रीय स्तर पर कठघरे में खड़ा करने की कोशिश कर रही है.

भगवद गीताए श्जिहादश् पर शिवराज पाटिल की टिप्पणी से कांग्रेस की दूरी

कांग्रेस ने पूर्व गृह मंत्री शिवराज पाटिल की हिंदू पवित्र पुस्तक भगवद गीता में भगवान कृष्ण के जिहाद के बारे में बात करने के बारे में कथित टिप्पणी से खुद को दूर कर लिया हैण् पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने नेहरू का हवाला देते हुए कहा कि पाटिल की टिप्पणी अस्वीकार्य है. रमेश ने गुरुवार को कहाए मेरे वरिष्ठ सहयोगी शिवराज पाटिल ने कथित तौर पर भगवद गीता पर कुछ टिप्पणी की जो अस्वीकार्य है. इसके बादए उन्होंने साफ किया कि कांग्रेस का रुख स्पष्ट हैए भगवद गीता भारतीय सभ्यता का एक प्रमुख आधारभूत स्तंभ है.

शिवराज पाटिल गुरुवार को एक पुस्तक विमोचन समारोह में बोल रहे थे. जहां पाटिल ने कहा थाए न केवल कुरान में बल्कि महाभारत में भी गीता के हिस्से मेंए श्री कृष्ण अर्जुन से श्जिहादश् की बात करते हैं और यह बात सिर्फ कुरान या गीता में नहीं हैए बल्कि ईसाई धर्म जैसे अन्य धर्मों में भी है.

रमेश ने अपनी पार्टी के रुख को स्पष्ट करते हुए जवाहर लाल नेहरू की किताब द डिस्कवरी ऑफ इंडिया का भी जिक्र किया. उन्होंने लिखा था कि गीता के संदेश को किसी एक विचार या स्कूल के साथ नहीं जोड़ा जा सकता है. गीता तो जाति.धर्म से ऊपर उठकर सभी के लिए है.जयराम रमेश ने अपने बयान में ये भी बताया है कि गीता में तो इंसान की हर समस्या का समाधान हैए समय.समय पर इसने सभी को राह दिखाने का काम किया है.

इसमें कुछ ऐसा है जो लगातार नवीनीकृत होने में सक्षम प्रतीत होता हैए जो समय बीतने के साथ पुराना नहीं होता है. लिखे जाने के 2ए500 वर्षों के दौरानए भारतीय मानवता बार.बार परिवर्तन और विकास और क्षय की प्रक्रियाओं से गुजरी हैय अनुभव ने अनुभव में सफलता प्राप्त की हैए विचार ने विचार का अनुसरण किया हैए लेकिन इसने हमेशा कुछ ऐसा पाया है जो गीता में जीवित हैए कुछ ऐसा जो विकासशील विचार में फिट बैठता है और मन को पीड़ित करने वाली आध्यात्मिक समस्याओं के लिए एक ताजगी और प्रयोज्यता रखता है.