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विभाजन दिवस को भाजपा ने सियासी खेल बना डाला,देखें वीडियो

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

विभाजन दिवस को लेकर उम्मीद की जा रही थी कि इस दिन लोग उस बुरे दिन को याद कर संकल्प लेंगे कि दोबारा देश में ऐसी नौबत नहीं आने देंगे. पिछले चार-पांच साल से देशभर में जोर पकड़ते मजहबी नफरत को कुचलने के लिए देश वासियों से अपील की जाएगी. मगर केंद्र की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने विभाजन दिवस पर सात मिनट का वीडियो जारी कर न केवल इस महत्वपूर्ण तिथि को सियासी खेल बना दिया, इस दिन अमन-शांति की बातें करने की बजाए इसपर एक नया विवाद छिड़ गया है.

हद यह कि सियासत के खेल में वीडियो जारी कर कांग्रेस और वाम दलों को कटघरे में घसीटते समय वह यह भी भूल गई कि सुभाषचंद्र बोस और भगत सिंह सरीखे आजादी के मतवाले वामपंथी विचार धारा से आते थे. जबकि भाजपा के मूल संगठन पर स्वतंत्रता पर उसकी भूमिका को लेकर सवाल उठते रहे हैं.

भाजपा ने कांग्रेस और कम्युनिस्टों पर मुस्लिम लीग की एक अलग राष्ट्र बनाने की मांग को स्वीकार करने का आरोप लगाया है. रविवार को भगवा पार्टी ने लगभग सात मिनट का एक वीडियो जारी किया जिसमें पार्टी ने परोक्ष रूप से जवाहरलाल नेहरू और कांग्रेस नेताओं पर विभाजन का विरोध करने के बजाय मुहम्मद अली जिन्ना के नेतृत्व वाली मुस्लिम लीग द्वारा उठाई गई एक अलग राष्ट्र की मांग के आगे झुकने का आरोप लगाया.

बंटवारे की कहानी बताते हुए वीडियो में ज्यादातर नेहरू और जिन्ना को दिखाया गया है. इसमें सिरिल जॉन रैडक्लिफ भी हैं, जिन्होंने भारत को दो राष्ट्रों में विभाजित करने के लिए नक्शा खींचा. भाजपा ने पूछा कि जिन्हें भारतीय संस्कृति, विरासत, सभ्यता और मूल्यों का कोई ज्ञान नहीं था, कैसे उन्होंने महज तीन हफ्तों में सदियों से एक साथ रहने वाले लोगों के बीच लकीर खींच दी.

बीजेपी ने ट्विटर पर वीडियो शेयर करते हुए पूछा, उस वक्त वे लोग कहां थे जिन पर इन विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ लड़ने की जिम्मेदारी थी.अंत में, भाजपा ने विभाजन के लिए कम्युनिस्टों को भी जिम्मेदार ठहराया.

ट्वीट्स की एक श्रृंखला के साथ भाजपा पर पलटवार करते हुए, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, प्रधानमंत्री का 14 अगस्त को विभाजन भयावह स्मरण दिवस के रूप में चिह्न्ति करने का असली इरादा अपनी वर्तमान राजनीतिक लड़ाई के लिए सबसे दर्दनाक ऐतिहासिक घटनाओं को चारे के रूप में उपयोग करना है. लाखों लोग विस्थापित हुए और उन्होंने अपनी जान गंवाई. उनके बलिदानों को भुलाया नहीं जाना चाहिए या उनका अपमान नहीं किया जाना चाहिए.

एक अन्य ट्वीट में, रमेश ने कहा, विभाजन की त्रासदी, नफरत और पूर्वाग्रह को बढ़ावा देने के लिए दुरुपयोग नहीं किया जा सकता. सच्चाई यह है कि सावरकर ने 2 राष्ट्र सिद्धांत को जन्म दिया और जिन्ना ने इसे पूरा किया. सरदार पटेल ने लिखा, मुझे लगा कि अगर हमने विभाजन को स्वीकार नहीं किया, तो भारत कई टुकड़ों में बंट जाएगा और पूरी तरह बर्बाद हो जाएगा.

रमेश ने यह भी कहा कि आज के सावरकर और जिन्ना राष्ट्र को फिर से विभाजित करने के अपने प्रयास जारी रखे हुए हैं.रमेश ने एक अन्य ट्वीट में कहा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस गांधी, नेहरू, पटेल और कई अन्य लोगों की विरासत को बनाए रखेगी जो राष्ट्र को एकजुट करने के अपने प्रयासों में अथक थे. नफरत की राजनीति को हरा दिया जाएगा.

जाहिर है, भाजपा का यह सियासी खेल अब उसपर चौतरफा वार का कारण बनने वाला है. दूसरों पर उंगली उठाने वाले बेदाग बच जाएंगे, विपक्ष भला ऐसा कहां होने देने वाला है. अभी तो शुरूआत है आगे-आगे देखिए होगा क्या !