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बिहार शरीफ के 110 साल पुराने मदरसे और लाइब्रेरी को जलाना कहीं ‘ ठंडे दिमाग ‘ की कार्रवाई तो नहीं

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, पटना

रामनवमी जुलूस की आड़ में जिस तरह नालंदा जिले के बिहार शरीफ के 110 साल पुराने मदरसे अजीजिया और उसकी लाइब्री को एक झटके में फूंक दिया गया, उसे लेकर कई तरह के सवाल और आशंकाओं ने जन्म लेना शुरू कर दिया है.घटना के भुक्तभोगी और चश्मदीदों के जैसे बयान सामने आ रहे हैं, उससे लगता है कि इस प्राचीन मदरसे और लाइब्रेरी को फूंकने के लिए सुनियोजित साजिश रची गई थी. दंगाई रामनवमी का इंतजार कर रहे थे. जैसे ही रामनवमी का जुलूस निकला साजिश को अंजाम दे दिया गया. बहुत सारे चश्मदीदांे का कहना है कि जिस समय दंगाई मदरसे और उसकी लाइब्रेरी में पिट्रोल और घासलेट छिड़क कर आग लगा रहे थे, मौके पर कुछ पुलिस वाले मौजूद थे. तो क्या पुलिस वालों के एक वर्ग का दंगाइयों को समर्थन प्राप्त था ?

इसी तरह किसी पेट्रोल पंप से बिना वाहन खाली बर्तन में पेट्रोल-डीजल नहीं खरीदा जा सकता. क्या दंगाईयों ने अपनी साजिश को सिरे चढ़ाने के लिए किसी पेट्रोल पंप से केन या दूसरे बर्तन में खुला पेट्रोल खरीदा था ? घटना को अंजाम देने के लिए बड़ी मात्रा मंे करोसीन भी खरीदा गया होगा. किस दुकानदार ने किसे बड़ी मात्रा में घासलेट बेचा है ? जांच में इसका खुलासा हो सकता है. क्या इस कार्रवाई में ‘आतंकी दिमगा’ रखने वाले किसी संगठन या व्यक्ति का हाथ है ? ऐसे मामले में एनआईए तुरंत स्वतः संज्ञान लेती है. इसके अलावा राज्य सरकार भी एनआईए जांच की सिफारिश करती है. कर्नाटक में एक मंदिर के बाहर कार में विस्फोट होने के बाद एक बड़े आतंकी साजिश का खुलासा हुआ था. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐसी जांच की मांग अब तक क्यों नहीं की ? यह भी अहम सवाल है.

एक अहम सवाल यह भी है कि इस 110 साल पुराने मदरसे और इसकी लाइब्री को इस कदर निशाना क्यों बनाया गया कि अन्य संपत्तियों के अलावा करीब पांच हजार दुर्लभ पुस्तकें जलकर खाक हो जाएं और इसकी स्थान की अहमियत शून्य हो जाए.
 
दरअसल, यह पुस्तकें बेहद अहम थीं. इन पुस्तकों में कुरान मजीद के अलावा कई दुर्लभ इस्लामिक पुस्तकें थी. यह मदरसा और इसकी लाइब्रेरी पूरा इस्लामिक इतिहास समेटे हुए था. हिंदू राष्ट्र की मांग करने वाले अकसर मुगल काल की निशानियों के बहाने इस्लाम और मुस्लिम प्रतीकों पर आक्रमण करते रहते हैं. यहां तक कि बस क्यूशेल्ड यदि गुबंद की तरह दिखे तो उसे भी तुड़वा देते हैं. हरे रंग से रंगे सरकार भवनों को भगवा कलर से पुतवा देते हैं. मुसलमानों को शक है कि इस कांड में ऐसे ही किसी दिमाग की साजिश हो सकती है. क्या इस नजरिए से बिहार सरकार और उसकी पुलिस ने जांच के बारे में सोचा है ? यह अहम सवाल है, जिसका जवाब हर हिंदुस्तानी मुसलमान और धर्मनिरपेक्ष भारतीय चाहता है.
 
बहरहाल, मदरसा के केयरटेकर मोहम्मद शहाबुद्दीन कहते हैं कि मदरसे में 4,500 से अधिक किताबें थीं, जो आग में पूरी तरह नष्ट हो चुकीं हैं. 31 मार्च को रामनवमी की रैली के दौरान, हिंदुत्व की भीड़ ने मदरसा अजीजिया में आग लगा दी.यह बिहार के प्राचीन मदरसों में है.

उन्होंने बताया कि लाइब्रेरी की सभी किताबें नष्ट हो गई हैं. अब कुछ नहीं बचा है.मदरसा अजीजिया की स्थापना बीबी सुगरा ने अपने पति अब्दुल अजीज की याद में की थी. उन्हें बिहार के इतिहास में सबसे सम्मानित परोपकारी लोगों में से माना जाता है.चश्मदीद बताते हैं कि लगभग 1,000 लोगों की सशस्त्र भीड़ ने 110 साल पुरानी लाइब्रेरी को तोड़- फोड़ कर जला दिया. भगवा भीड़ ने मस्जिद और पुस्तकालय में पेट्रोल बम फेंके.

मदरसे के गार्ड मोहन बहादुर ने कहा, हथियारबंद लोग जय श्री राम के नारे लगा रहे थे. उसने यह भी कहा कि भीड़ ने उस पर हमला किया, लेकिन वह भागने में सफल रहा.

हमला दोपहर में हुआ, लेकिन पुलिस रात 11 बजे तक मौके पर नहीं पहुंची. एक इलेक्ट्रोनिक शोरूम से करीब छह करोड़ का माल लूट लिया गया. उसके मालिक कहना है कि दंगे के समय उसने सीएम और डिप्टी सीएम के आवास और कार्यालय पर फोन मिलाया पर वहां से कोई सहायता नहीं मिली.

भारत के कई राज्यों में मुसलमानों को निशाना बनाते हुए इस बार रामनवमी के जुलूस निकाले गए. महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और गुजरात में हुई सभी घटनाओं में इबादत गाहों और दरगाहों के खिलाफ अभद्र भाषा और पथराव आम बात रही.

असर की नमाज के बाद जदयू नेता मोहम्मद सुल्तान अंसारी को अपने शहर में हिंसा की जानकारी मिली. जब वह स्थिति का जायजा लेने गए, तो उन्होंने एक हिंदुत्ववादी भीड़, तलवारें और अन्य धारदार हथियार लिए हुए था, का सामना करना पड़ा. उन्हांेने अंसारी की घर की संपत्ति लूट कर आग लगा दी. उनका उनका कि करीब 60 लाख रुपये का नुकसान हुआ.

एक शांति बैठक में भाग लेने के बाद लौट रहे, मोहम्मद शकील पर भीड़ ने लाठियों और तलवारों से हमला किया. उन्हें जय श्री राम के नारे लगाने को मजबूर किया गया.अपनी दुकान बंद करने के दौरान मोहम्मद आसिफ पर बजरंग दल के सदस्यों ने तलवारों से हमला किया और जय श्री राम के नारे लगाने के लिए मजबूर किया.

एक मुस्लिम व्यक्ति ने पेट्रोल बमों की ओर इशारा करते हुए बताया कि यह हिंदुत्ववादी भीड़ द्वारा मस्जिद पर फेंके गए थे.
मस्जिद पर पथराव से कई खिड़कियां और कांच के शीशे क्षतिग्रस्त हो गए.अब जिले के अधिकारी मस्जिद की मरम्मत करा रहे  हैं.भीड़ ने मुस्लिम दुकानों और गोदामों में आग लगाई और तकरीबन 6 करोड़ रुपये का माल नष्ट दिया.