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स्वीडन और नीदरलैंड में कुरान शरीफ जलाना शैतानी काम है, जमीयत उलेमा हिंद ने पश्चिमी देशों के शासकों की आलोचना की

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

जमीयत उलेमा हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने स्वीडन, नीदरलैंड और डेनमार्क में कुरान को जलाने और फाड़ने की हरकत को मुसलमानों के अपमान और नफरत पर आधारित शैतानी हरकत बताया है. उन्होंने अपने बयान में कहा कि पश्चिमी देशों के शासक अभिव्यक्ति की आजादी जैसी सार्वभौमिक विचारधारा के नाम पर एक धर्म के खिलाफ नफरत भड़काने और धार्मिक किताबों की खुली अवमानना ​​की इजाजत दे रहे हैं. इस तरह के कृत्य किसी भी सभ्य समाज में स्वतंत्रता के दायरे में नहीं आते, बल्कि वे जातिवाद और रूढ़िवादिता की अभिव्यक्ति हैं.

मौलाना मदनी ने कहा कि पवित्र कुरान खुदा की वाणी है जो मानवीय गरिमा और महानता का प्रतीक है. आपसी सहिष्णुता का संदेशवाहक है और सच्चाई और धार्मिकता का प्रतीक है. यह किताब किसी एक देश या वर्ग के लिए नहीं बल्कि पूरी मानवता के लिए है.

मौलाना मदनी ने संयुक्त राष्ट्र की प्रतिनिधि संस्था यूनाइटेड नेशंस एलायंस अॉफ सिविलाइजेशन द्वारा इस अधिनियम की निंदा का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि संयुक्त राष्ट्र और अन्य पश्चिमी देश, यूरोपीय संघ, नाटो आदि आपको रोकने के लिए मजबूर करेंगे. हालांकि, इस मुददे पर भारत खोमशी अख्तियार किए हुए है.

जबकि कनाडा और आस्ट्रेलिया में मंदिर और गुरूद्वारे की बाहरी दीवारों पर अपशब्द लिखने की घटना पर तुरंत प्रतिक्रिया देता है. भारत में मुसलमान दूसरी बड़ी आबादी है और दुनिया में सर्वाधिक मुसलमान इंडोनेशिया के बाद यहां बसते हैं.