गाजा में युद्धविराम शुरू, हमास ने अभी तक नहीं सौंपे 33 बंदियों के नाम, इजरायल से पहले दिन 735 फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई
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मुस्लिम नाउ ब्यूरो, यरुशलम
आखिरकार गाजा में युद्धविराम शुरू हो गया. हालांकि युद्धबंदी के शर्तों के अनुसार हमास ने 33 बंधकों के नाम अब तक इजरायल को नहीं सौंपे हैं, जिन्हें पहले दिन छोड़ा जाना है. दूसरी ओर इजरायल ने 735 फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई की पहली सूची उजागर कर दी है.
इजरायल और हमास के बीच लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष के बीच रविवार को युद्धविराम लागू होने की खबर ने दुनिया भर में शांति की उम्मीदें जगाई हैं. इस युद्धविराम के पहले चरण में 735 फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई की जाएगी. बदले में हमास 33 इजरायली बंधकों को रिहा करेगा.
यह युद्धविराम समझौता गाजा में भीषण संघर्ष और हज़ारों जानों की क्षति के बाद आया है. गाजा में इस युद्ध ने न केवल क्षेत्रीय स्थिरता को हिला दिया, बल्कि लाखों निर्दोष लोगों की ज़िंदगी पर विनाशकारी प्रभाव डाला. गाजा पट्टी से इजरायली सेना की वापसी और मानवीय सहायता में वृद्धि से फिलिस्तीनी निवासियों को राहत मिलेगी, जो इस संघर्ष से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं.
हालांकि, युद्धविराम लागू होने से पहले दोनों पक्षों ने आखिरी क्षणों में अपनी ताकत दिखाने के लिए सैन्य अभियानों को बढ़ा दिया. शुक्रवार और शनिवार को गाजा में इजरायली हमलों में 72 लोगों की मौत की खबर है. स्थानीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि पिछले 24 घंटों में गाजा के अस्पतालों में 88 शव पहुंचे हैं.
हमास और हौथी विद्रोहियों की धमकियां
यमन के हौथी विद्रोहियों ने भी इस संघर्ष के बीच अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है. उन्होंने रविवार सुबह एक अमेरिकी विमानवाहक पोत पर हमला करने का दावा किया. उनका कहना है कि यदि गाजा में युद्धविराम की शर्तों का उल्लंघन किया गया, तो वे अपने हमले जारी रखेंगे. हौथी विद्रोहियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनके देश पर किसी भी प्रकार का हमला हुआ, तो वे बिना किसी सीमा के जवाब देंगे.
फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई और विवाद
इजरायल ने 735 फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई की घोषणा की है, जिनमें कई कैदी हत्या और गंभीर अपराधों के लिए दोषी ठहराए गए हैं. इनमें अहमद बरघौटी, मजदी ज़ातरी, सलीम हज्जा और मोहम्मद नाइफा जैसे कैदी शामिल हैं, जिन्होंने इजरायल में बड़े हमले किए थे. इस सूची में जकारिया जुबैदी जैसे अन्य महत्वपूर्ण नाम भी शामिल हैं, जो अल-अक्सा शहीद ब्रिगेड के कमांडर रहे हैं.
इजरायल के न्याय मंत्रालय ने कहा कि पीड़ितों के परिवारों को इन कैदियों की रिहाई के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर करने की अनुमति है. इस कदम ने इजरायल के भीतर कई विवाद पैदा किए हैं. खासकर उन परिवारों के बीच जिन्होंने इस संघर्ष में अपनों को खोया है.
कैबिनेट की बैठक और राजनैतिक मतभेद
इस युद्धविराम समझौते को इजरायली कैबिनेट की मंजूरी के बाद लागू किया गया. प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार, लंबी चर्चा के बाद 24 मंत्रियों ने इस समझौते के पक्ष में और 8 ने विरोध में मतदान किया. दक्षिणपंथी मंत्रियों इटमार बेन-ग्वीर और बेज़ेलेल स्मोट्रिच ने इस समझौते का कड़ा विरोध किया और मांग की कि समझौते के पहले चरण के बाद गाजा में लड़ाई फिर से शुरू हो.
बंधकों की रिहाई और मानवीय राहत
गाजा में हमास की कैद में बंद 33 इजरायली बंधकों की रिहाई के साथ ही इजरायल गाजा में मानवीय सहायता में वृद्धि करेगा. इसके तहत हजारों फिलिस्तीनी निवासियों को उनके बचे हुए घरों में लौटने का मौका मिलेगा.
संघर्ष की शुरुआत और वर्तमान स्थिति
यह संघर्ष 7 अक्टूबर, 2023 को शुरू हुआ, जब हमास ने इजरायल पर हमला किया, जिसमें 1,200 लोग मारे गए और 250 लोग बंदी बना लिए गए. इसके जवाब में इजरायल ने गाजा पर बड़े पैमाने पर हमला किया, जिसमें 46,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए. इनमें से अधिकांश महिलाएं और बच्चे थे.
भविष्य की दिशा
हालांकि यह युद्धविराम संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन स्थायी शांति के लिए अभी भी कई चुनौतियां बनी हुई हैं. इजरायल और हमास के बीच विश्वास की कमी और क्षेत्रीय राजनीति की जटिलताएं इस शांति प्रक्रिया को मुश्किल बनाती हैं..
यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यह युद्धविराम कैसे लागू होता है और क्या यह क्षेत्र में स्थायी शांति लाने की दिशा में कारगर साबित होगा.