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इस्तांबुल में बवाल: मेयर एक्रेम इमामोग्लू की गिरफ्तारी के खिलाफ़ हज़ारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर

मुस्लिम नाउ ब्यूरो,इस्तांबुल

तुर्की में एक बार फिर राजनीतिक भूचाल आ गया है। इस्तांबुल के मेयर और राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन के सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी एक्रेम इमामोग्लू की गिरफ्तारी के बाद तुर्की के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन तेज हो गए हैं। इस्तांबुल, अंकारा, इज़मिर और अन्य बड़े शहरों में हज़ारों लोग सड़कों पर उतर आए, जिससे सरकार पर जबरदस्त दबाव बन गया है। पुलिस ने इन प्रदर्शनों को रोकने के लिए आंसू गैस, मिर्च स्प्रे और रबर की गोलियों का इस्तेमाल किया।

गिरफ्तारी का कारण और सरकार की सफाई

इमामोग्लू को बुधवार सुबह उनके आवास पर छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया गया। उन पर भ्रष्टाचार और आतंकवाद से जुड़े मामलों में संलिप्त होने का आरोप लगाया गया है। सरकार का कहना है कि यह कानूनी कार्रवाई है और इसका राजनीति से कोई संबंध नहीं है। हालांकि, विपक्षी दलों और इमामोग्लू के समर्थकों का मानना है कि यह गिरफ्तारी पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है, ताकि 2028 के राष्ट्रपति चुनाव में एर्दोगन के सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी को रास्ते से हटाया जा सके।

इस्तांबुल में हिंसक झड़पें, पुलिस की सख्ती

इस्तांबुल में शुक्रवार को पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जमकर झड़पें हुईं। जलसेतु के पास प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की, जिसके जवाब में पुलिस ने आंसू गैस छोड़ी और लाठीचार्ज किया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थर और फ्लेयर्स फेंके। हल्क टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, अंकारा और इज़मिर में भी पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग किया। इस दौरान कम से कम 97 लोगों को हिरासत में लिया गया है।

विरोध प्रदर्शनों में बढ़ता आक्रोश

तुर्की के कई शहरों में हजारों लोगों ने सरकार के खिलाफ़ नारेबाजी की और राष्ट्रपति एर्दोगन से इस्तीफे की मांग की। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इमामोग्लू की गिरफ्तारी लोकतंत्र पर हमला है और वे इसे स्वीकार नहीं करेंगे। इस्तांबुल में कुछ प्रदर्शनकारियों ने तुर्की के संस्थापक मुस्तफा केमल अतातुर्क की तस्वीरें लेकर मार्च किया और इमामोग्लू के समर्थन में नारे लगाए।

विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया

तुर्की की मुख्य विपक्षी पार्टी, रिपब्लिकन पीपुल्स पार्टी (CHP) के नेता ओज़गुर ओज़ेल ने अपने समर्थकों से शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ इमामोग्लू का मुद्दा नहीं है, बल्कि तुर्की के लोकतंत्र का सवाल है। हमें अपनी आवाज़ उठानी होगी।”

एर्दोगन सरकार की चेतावनी

राष्ट्रपति एर्दोगन ने इन प्रदर्शनों के खिलाफ़ सख्त रवैया अपनाया है। उन्होंने कहा कि तुर्की में कानून-व्यवस्था बनाए रखना उनकी प्राथमिकता है और सड़कों पर अराजकता फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने पुलिस को निर्देश दिया है कि किसी भी हिंसक प्रदर्शन को तुरंत दबाया जाए।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

इमामोग्लू की गिरफ्तारी पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भी प्रतिक्रिया आई है। यूरोपीय संघ और अमेरिका ने इस कार्रवाई पर चिंता जताई है और तुर्की से लोकतांत्रिक मूल्यों का पालन करने की अपील की है। मानवाधिकार संगठनों ने भी इमामोग्लू की गिरफ्तारी को राजनीतिक प्रतिशोध बताया है।

क्या होगा आगे?

इमामोग्लू को शनिवार शाम को न्यायालय में पेश किया जाएगा, जहां उनके खिलाफ़ लगे आरोपों पर सुनवाई होगी। अगर उन पर दोष सिद्ध होता है, तो उन्हें लम्बी सजा हो सकती है, जिससे तुर्की की राजनीति में बड़ा बदलाव आ सकता है।

तुर्की में मौजूदा हालात को देखते हुए यह स्पष्ट है कि इमामोग्लू की गिरफ्तारी से न सिर्फ़ घरेलू राजनीति बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हलचल मची हुई है। अगले कुछ दिनों में तुर्की में हालात और अधिक तनावपूर्ण हो सकते हैं।

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