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छत्तीसगढ़ः नक्सली हमले में शहीद सुरक्षा कर्मियों को जामिया मिलिया का सलाम, दी गई श्रद्धांजलि

छत्तीसगढ़ सूबे में नक्सली हमले में शहीद हुए 22 सुरक्षा कर्मियों को सलामी देने और नमन करने का सिलसिला बना हुआ है. वास्तव में यह बड़ी दुखद घटना है.

इस घटना से दिल्ली की केंद्रीय यूनिवर्सिटी जामिया मिलिया इस्लामिया भी मर्माहत है. सोमवार को सुकमा और बीजापुर जिलों की सीमा पर नक्सलियों के साथ गोलाबारी में शहीद हुए सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि देने के लिए जामिया मिलिया इस्लामिया के प्रॉक्टर ऑफिस में एक शोक सभा आयोजित की गई, जबकि जामिया परिसर में सभी अधिकारियों ने दो मिनट का मौन रखकर शहीद सुरक्षा कर्मियों को नमन किया.

शोक सभा को संबोधित करते हुए चीफ प्रॉक्टर प्रो. वसीम ए. खान ने कहा कि, ‘‘अर्धसैनिक बलों पर हमला दुर्भाग्यपूर्ण और राष्ट्र के लिए एक अपूरणीय क्षति है. पूरा जामिया जीवन के इस सबसे कठिन समय में शहीद परिवारों के साथ है.‘‘

सुरक्षाकर्मियों की क्षति पर शोक जताते हुए जामिया की कुलपति प्रो. नजमा अख्तर ने कहा कि, ‘‘पूरी जामिया बिरादरी दुख की इस घड़ी में शहीदों के शोक संतप्त परिजनों के साथ खड़ी है और अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करती है.‘‘

दरअसल छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में 300 सदस्यीय पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) के एक दल के साथ सुरक्षाबलों की मुठभेड़ में 22 सुरक्षाकर्मी मारे गए हैं और 31 घायल हुए हैं.

हालांकि छतीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने सोमवार को बीजापुर में बासागुड़ा सीआरपीएफ कैंप पहुंचकर सीआरपीएफ और राज्य पुलिस बल के अधिकारियों व जवानों से वर्तमान हालात के बारे में चर्चा की. इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद थे. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री का कहना है कि सुरक्षा बलांे ने बहादुरी से नक्सलियों का चार घंटे तक डटकर मुकाबला किया.

इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह भी कहा कि, ‘‘नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई को और बेहतर रणनीति के साथ लड़ा जाएगा.‘‘ उन्होंने कहा कि जैसे, जैसे नक्सल प्रभावी क्षेत्रों में विकास कार्य किए जा रहे हैं, नक्सली बौखलाए हुए हैं. उन्हांेने कहा कि नक्सलियों को 40 गुणा 40 किलोमीटर में समेट कर रख दिया गया है. जल्द ही उन्हें उखाड़ फेका जाएगा.