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पाकिस्तान के मूसाखेल में 22 यात्रियों की हत्या के लिए बच्चों का किया गया इस्तेमाल, तीन हत्यारोपी भी मुठभेड में मारे गए

ज़ैनुद्दीन अहमद , क्वेटा

पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के सरकारी अधिकारियों ने दावा किया है कि मुसाखेल में बसों से उतार कर 22 यात्रियों की हत्या करने वाले समूह के तीन आतंकवादी एक ऑपरेशन में मारे गए हैं और दो को गिरफ्तार कर लिया गया है. हमले में शामिल बाकी सदस्यों और सूत्रधारों की भी पहचान कर ली गई है, जिनकी गिरफ्तारी के लिए मुसाखेल, लोरालाई और डाकी समेत आसपास के इलाकों में ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है.

अधिकारियों का कहना है कि आतंकी संगठन ने ऑपरेशन के लिए बच्चों और छात्रों का इस्तेमाल किया.यह बात प्रांतीय मंत्री सरदार अब्दुल रहमान खेत्रान, मूसा खेल और लोरालाई से बलूचिस्तान विधानसभा के सदस्य, प्रांतीय सरकार के प्रवक्ता शाहिद रैंड और उप महानिरीक्षक सीटीडी एतजाज़ अहमद गुरैया ने सिविल सचिवालय क्वेटा में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कही.

प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रतिबंधित बलूच लिबरेशन आर्मी छोड़ने वाले पंजाब यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले बलूचिस्तान के छात्र तलत अजीज को भी पेश किया गया, जिन्होंने दावा किया कि उन्हें बलूच काउंसिल और बलूच सॉलिडेरिटी कमेटी के सदस्यों ने गुमराह किया. उन्हें इसका हिस्सा बनाया. प्रतिबंधित बलूच लिबरेशन आर्मी को गलती का अहसास होने पर वह भाग गया और प्रतिबंधित संगठन छोड़ दिया.

बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता शाहिद रैंड ने कहा कि 25 और 26 अगस्त की रात को मुसाखेल के रारा शाम इलाके में एन70 राष्ट्रीय राजमार्ग पर बसों से उतारे जाने के बाद 22 यात्रियों की मौत हो गई, जिसके बाद क्षेत्र में कानून प्रवर्तन एजेंसियों की निगरानी की गई.

काउंटर-टेररिज्म डिपार्टमेंट (CTD) के DIG ऐतजाज अहमद गुरैया ने कार्रवाई का विवरण बताते हुए कहा कि राडा शाम में निर्दोष पाकिस्तानियों की क्रूर हत्या की घटना के बाद लोगों में दुख और गुस्सा था. आदेश भी दिए गए थे पाकिस्तान सरकार और बलूचिस्तान सरकार, इसलिए CTD, ख़ुफ़िया एजेंसियों, FC, पुलिस और लेवीज़ सभी ने इसे एक चुनौती के रूप में लिया और एक साथ काम किया और महत्वपूर्ण सफलता हासिल की.

उन्होंने कहा कि मूसा खेल में ऑपरेशन के दौरान तीन आतंकवादी मारे गए और दो को पकड़ लिया गया. गिरफ्तार आतंकियों ने पूछताछ में कई खुलासे किए. उसने खुद हमले में व्यावहारिक रूप से शामिल होने और हथियारों की आपूर्ति करने की बात कबूल की.

डीआइजी के मुताबिक, हमें घटना में शामिल सभी आतंकियों और मददगारों के बारे में पता चल गया है. यह भी ज्ञात है कि कमान में कौन था, योजना कहाँ बनी, सुविधाएँ किसने प्रदान की, हथियार और भोजन किसने पहुँचाया और शिविर स्थल किसने प्रदान किया.
उनके मुताबिक, इस जानकारी के आधार पर मुसाखेल, लोरलाई, डिक्की और आसपास के इलाकों में एक ऑपरेशन शुरू किया गया है, जो पिछले दो दिनों से चल रहा है . इस ऑपरेशन का विवरण जल्द ही सामने आएगा.

उन्होंने कहा कि मूसा खेल में यात्रियों की हत्या करने वाला वही समूह डिक्की में कोयला खदानों से रंगदारी वसूलने में भी शामिल है.
गिरफ्तार किए गए लोगों में एक 16 साल का लड़का भी शामिल था जिसने जांच में बताया कि ऑपरेशन में बच्चों का भी इस्तेमाल किया गया, क्योंकि परिवहन के दौरान बच्चों की इस तरह से तलाशी नहीं ली जाती है. वे इनका इस्तेमाल हथियार डिलीवरी आदि के लिए भी कर रहे हैं.
ऐतज़ाज़ गुरैया ने कहा कि प्रतिबंधित बलूच लिबरेशन आर्मी का वहां मौजूद एक अन्य आतंकवादी संगठन के साथ संबंध साबित हो गया है, जिससे वह हथियार भी खरीदता है.

इस मौके पर प्रांतीय जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री सरदार अब्दुल रहमान खेत्रान ने कहा कि मुसाखेल और बरखान काफी शांतिपूर्ण क्षेत्र रहे हैं, यहां 25 और 26 अगस्त की रात आतंकियों ने घर लौट रहे लोगों को शहीद कर दिया, उनके वाहन भी जला दिये गये .
उन्होंने कहा कि मैं इन आतंकवादियों को बलूच नहीं कहूंगा, क्योंकि आतंकवादियों का कोई धर्म, राष्ट्र और जनजाति नहीं होती. कल मस्तुंग मेंबच्चे शहीद हो गए. यह कौन सी आज़ादी है जो आप लेना चाहते हैं? यह बर्बरता है, कोई भी धर्म या नैतिकता इसकी इजाजत नहीं देती.
प्रांतीय मंत्री ने कहा कि सरफराज बुगती के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार बलूचिस्तान में पंजाबियों के प्रति नफरत के प्रभाव को खत्म करने की कोशिश कर रही है. सरकार सूबे में शांति कायम रखेगी.

पहले बीएलए छोड़ने वाले छात्र तलत अजीज ने कहा कि वह क्वेटा से हैं. उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा यहीं से प्राप्त की. सबी के एक कॉलेज में पढ़ाई की और बलूचिस्तान सरकार की छात्रवृत्ति पर पंजाब विश्वविद्यालय में राजनीति में अच्छे अंक प्राप्त किए विभाग और अब तृतीय वर्ष का छात्र था.

उन्होंने कहा कि पंजाब में पढ़ाई के दौरान वह बलूच काउंसिल के कुछ छात्रों के संपर्क में आए जिन्होंने उन्हें गुमराह किया. फिर क्वेटा में एक साथी छात्र ने उन्हें बलूच एकता समिति के विरोध धरने में भाग लेने के लिए राजी किया. इसी दौरान वह कुछ लोगों के संपर्क में आये जो उन्हें पहाड़ों पर ले गये.

तलत अज़ीज़ ने कहा कि पहाड़ों में शिक्षित युवाओं को गुमराह किया जा रहा और पंजाबियों और अछूतों को मारने के लिए प्रेरित किया जा रहा, जिसके कारण मुझे एहसास हुआ कि मैंने गलत काम किया है.

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