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Communal Riots हैदराबाद को जलाने की साजिश नाकाम, बेंगलुरू में भी दोबारा आग लगाने की पोल-पट्टी खुली


बेंगलुरू में सोशल मीडिया पर टिप्पणी से दंगा भड़काने के जवाब में इसके माध्यम से एक और षड़यंत्र रचा जा रहा है

हैदराबाद में सांप्रदायिक दंगा भड़काने का षड़यंत्र नाकाम कर दिया गया। इसके साथ बेंगलुरू में दोबारा तनाव फैलाने की साजिश की भी पोल-पट्टी खुल गई है। हैदराबाद में जगह-जगह भड़काउ पोस्टर, बैनर और होर्डिंग लगाकर लोगों को उकसाने का खेल पिछले कई दिनों से चल रहा था, पर लोगों ने संयम व समझदारी दिखाई और षड़यंत्रकारियों को अपने मकसद में कामयाब नहीं होने दिया। रही-सही कसर हैदराबाद पुलिस ने पूरी कर दी।
  बिहार, पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव की आहट के साथ हिंदू-मुसलमानों के घ्रवीकरण के लिए सांप्रदायिक दंगे, भड़काउ भाषणों, सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट का सिलसिला शुरू हो गया है। हाल में ऐसा नज़ारा दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान दिखा था जिसका परिणाम दंगे की शक्ल में देश देख चुका है। बेंगलुरू के बाद अब हैदराबाद को जलाने की साजिश चल रही है। अयोध्या में राम मंदिर के भूमिपूजन के बाद हैदराबाद के कई प्रमुख स्थानों पर भड़काउ होर्डिंग, बनैर, पोस्टर लगा गए थे। एक में मुसलमानों को उकसाने के लिए मोटो-मोटे अक्षरों में लिखा गया था-‘बहरों को सुनाने के लिए धमाके की जरूरत है।’ इस तरह के होर्डिंग- बैनर पर हैदराबाद के भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं लड्डू यादव एवं जी. कृष्ण रेड्डी गरू के नाम और फोटो छपे थे। चार मीनार को लेकर शहर में वैसे ही हर दम तनाव का आलम रहता है। भूमिपूजन को लेकर शहर के बेगमबाजार, मौजम जाही मार्केट आदि में भड़काउ होर्डिंग, बैनर लगाने से लोग काफी भड़के हुए थे, पर संयम बरतते हुए इसपर प्रतिक्रिया देने से बचना बेहतर समझा। इस बीच पुलिस में शिकायत की गई, जिसपर कार्रवाई करते हुए हैदराबाद के पुलिस कमिश्नर अंजनी कुमार तथा डीसीपी सेंट्रल जोन ने अपनी मौजूदगी में ऐसे सारी सामग्री हटवा दी। टीडीपी अल्पसंख्यक सेल के नेता मोहम्मद अहमद ने पुलिस की कार्रवाई पर संतोष जताते हुए हैदराबाद वासियों के संयम की तारीफ की है। उन्होंने सूझ-बूझ से काम लेते हुए बीजेपी नेताओं के उकसावे की कार्रवाई पर पानी फेर दिया।

-बेंगलुरू को फिर जलाने की साजिश

उधर, बेंगलुरू को फिर से जलाने की साजिश चल रही है। एक तबका सोशल मीडिया पर यह कहकर लोगों को भड़काने का प्रयास कर रहा है कि कांग्रेस विधायक अखंड श्रीनिवास मूर्ति के भतीजे नवीन ने पैगंबर मोहम्मद साहब पर टिप्पणी अदयार बशीर के हिंदू देवी-देवताओं, मराठा वीर छत्रपति शिवाजी महाराज व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गेंदे कमेंट के जवाब में की थी। षड़यंत्र के तहत मुसलमानों ने बशीर का कमेंट हटाकर पूरा दोष नवीन के सिर मढ़ दिया। फिर मोहम्मद साहब के नाम पर न केवल कांग्रेस विधायक का घर फूंकने की कोशिश हुई, डीजे हल्ली व केजी हल्ली थाने एवं उसके बाहर खड़ी गाड़ियों में भी आग लगाई गई।
 चूंकि सोशल मीडिया पर पोस्ट को लेकर बेंगलुरू में दंगा भड़का था। दोबारा इसके सहारे ही तनाव बढ़ाने की साजिश चल रही है। मंदिर वहीं बनाएंगे ट्वीटर हैंडल से कहा गया कि मुसलमान की अभद्र टिप्पणी के जवाब में जब पैंगंबर मोहम्मद स. पर कुछ कहा गया तो मुसलमानों ने दंगा शुरू कर दिया। ओमप्रकाश सिंह ने तो बशीर एवं नवीन की फेसबुक पर की गई टिप्पणियों का बड़ा स्क्रीन शॉट भी साझा किया है। मगर इस साजिश को वेबसाइट अल्टन्यूज ने नाकाम कर दिया। उसने अपने स्तर से मामले की छानबीन की तो पाया कि बशीर की यह गैरवाजिब टिप्पणी 17 जून 2018 की है, जिसे नवीन के मामले से जोड़कर नए सिरे से दंगा भड़काने की साजिश चल रही है। यानी बेंगलुरू में सोशल मीडिया पर टिप्पणी से दंगा भड़काने के जवाब में इसके माध्यम से एक और षड़यंत्र रचा जा रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि एक टिप्पणी के जवाब में आनन-फानन में शहर का एक हिस्सा मात्र दो घंटे में कैसे फूंक दिया गया ? यदि कुछ लोग वहां दंगा भड़काने आए थे तो पास के हनुमान मंदिर को बलावाइयों से बचाने के लिए कतारबद्ध क्यों खड़े हो गए ?

pic social media


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संपादक

Bengaluru violence …और मंदिर के आगे मानव श्रृंखला बनाकर खड़े हो गए मुसलमान