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सांप्रदायिकता ने छात्र-शिक्षक के रिश्तों में जहर घोला, देखें वीडियो

मुस्लिम नाउ ब्यूरो, नई दिल्ली

सियासतदानों ने सियासत चमकाने और सत्ता में बने रहने के लिए देश में सांप्रदायिकता का ऐसा जहर घोला है कि अब कदम कदम बदशक्ल चेहरे दिखने लगे हैं.हद यह है कि मजहबी नफरत ने शिक्षक और शागिर्द का भी भेद खत्म कर दिया है. शिक्षक भरी क्लास में छात्र को आतंकवादी कहने से गुरेज नहीं करता और छात्र बुर्कानशीं शिक्षाका को अपशब्द कहने से नहीं हिचकता.

अभी ऐसे दो वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं. एक वीडियो में एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी का टीचर क्लास में जब मुस्लिम छात्र को आतंकवादी बताता है तो वह गुस्से से बिफर पड़ता. शिक्षक से सवाल करता है कि उसने कैसे उसे आतंकवादी कहा ? दुखद बात यह है कि इस भरी क्लास में एक भी छात्र मुस्लिम छात्र की हिमायत में खड़ा नहीं नजर नहीं आया. जाहिर है इससे समझा जा सकता है कि सियासतदांनों ने सांप्रदायिकता के जहर से छात्रों की नैतिकता को किस हद तक कुंद कर दिया है.

घटना शुक्रवार को उडुपी के मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में हुई.

प्रोफेसर ने कथित तौर पर छात्र से उसका नाम पूछा और मुस्लिम नाम सुनकर कहा ओह, तुम कसाब की तरह हो! बता दें कि 26-11 के मुंबई हमलों के बाद जीवित पकड़े गए एकमात्र पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल कसाब को 2012 में मार दिया गया था.
इसके बाद छात्र ने प्रोफेसर से पूछा कि आप उसकी एक आतंकवादी से तुलना कर उसके धर्म को कैसे बदनाम कर सकते हैं. उसने कहा
26-11 मजाकया नहीं था. इस देश में एक मुस्लिम होने के नाते और हर दिन इस सब का सामना करना मजेदार नहीं है, सर. आप मेरे धर्म के बारे में मजाक नहीं कर सकते, वह भी इस तरह के अपमानजनक तरीके से. यह मजेदार नहीं है सर, यह नहीं है.
इसपर प्रोफेसर ने उसे शांत करने के लिए कहा,तुम बिल्कुल मेरे बेटे की तरह हो. इसपर छात्र ने पूछा,क्या आप अपने बेटे से ऐसी बात करेंगे? क्या आप उसे आतंकवादी के नाम से बुलाएंगे?

जब प्रोफेसर ने नहीं कहा, तो छात्र ने आगे कहा, फिर आप इतने सारे लोगों के सामने मुझे ऐसा कैसे कह सकते हैं? आप एक पेशेवर हैं, आप पढ़ा रहे हैं. एक सॉरी आपके चित्रित करने के तरीके को नहीं बदलता है.

इसी तरह दूसरा वीडियो एक स्कूल कैंपस का है. जब नकाबपोश टीचर स्कूल परिसर के एक हिस्से से गुजर रही है तो न केवल कुछ छात्र उसपर फब्तियां कसते हैं, अपशब्द बोलने से भी परहेज नहीं करते. शर्मानाक बात यह है कि इस घटनाक्रम का न कवेल वीडियो बनाया गया, सोशल मीडिया पर इसे शेयर भी किया गया.

हालांकि दोनों ही वीडियो के सोशल मीडिया पर आने के बाद जमकर आलोचना हो रही है. ऐसे लोगों को बुरा-भला कहा जा रहा है. मगर चिंताजनक बात यह है कि कुछ लोग ऐसे लोगों की हिमायत में भी खड़े नजर आ हैं. दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व चेयरमैन जफरूल इस्लाम खान ने जब स्कूल टीचर वाले वीडिया पर छात्रों को लानत-मलामत किया तो कुछ लोगों ने ट्विटर से शिकायत कर उनके ट्वीट हटवाने की कोशिश की. अलग बात है कि जफरूल इस्लाम खान ने खुद ही ट्वीट कर ट्विटर की तरफ से उन्हें भेजे गए नोटिस को सोशल मीडिया में शेयर कर दिया. इस नोटिस मंे ट्विटर की ओर से कहा गया था कि उनके ट्वीट को लेकर उसे जो शिकायत मिली थी, जांच में उसमें कोई गैरवाजिब बात नजर नहीं आई.

पता नहीं आगे और क्या-क्या देखने को मिलने वाला है !