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इमरान प्रतापगढ़ी से कांग्रेस का नहीं होगा भला !

मौजूदा बदलाव को देखकर लगता है कि कभी देश की नंबर एक पार्टी रही कांग्रेस, कुछ दिन और कोमा में रहने चाहती है. उत्तर प्रदेश के शायर इमरान प्रतापगढ़ी को पार्टी की अल्पसंख्यक ईकाई की कमान सौंपना कुछ ऐसा ही संकेत है. पार्टी के इस फैसले से कांग्रेस के दूसरे सीनियर लीडरों में असंतोष बढ़ने का खतरा भी बढ़ गया है.

बिहार विधानसभा चुनाव के समय इमरान प्रतापगढ़ी को कांग्रेस का स्टर प्रचार बनाने पर प्रतिक्रिया मंे हरियाणा के एक मुस्लिम विधायक ने जबरदस्त नारागी जताई थी. उन्हांेने ‘मुस्लिम नाउ’ से बातचीत में कहा था कि उनके जैसे कई सीनियर मुस्लिम लीडर पार्टी में मौजूद हैं.

उन्हें दरकिनार कर मुशायरे के मंच से हंगामा पैदा करने वालों को तरजीह देना पार्टी के हित में कतई नहीं है. इमरान प्रतापगढ़ी की तरह कुछ दिनों पहले हिंदी के कवि कुमार विश्वास को भी कुछ ऐसा ही मुगालता हो गया था. उन्हें लगने लगा था कि आम आदमी पार्टी की पाॅपुलरिटी उनके दम से है. मगर आप ने उन्हें खुडे लाइन लगाकर उनका भ्रम जल्द दूर कर दिया. कुमार विश्वास की तरह इमरान प्रतापगढ़ी भी चुनाव में अपनी भद पिटवा चुके हैं. अब ऐसे लोगों को आगे कर कांग्रेस मोर्चा मारने की कोशिश में है.

अगले साल उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे वक्त मंे कांग्रेस को नीति निर्धारक मुस्लिम नेता की आवश्यकता है. हंगामेदार शायरी करने वालों की नहीं. ऐसे हुनर से मजमे में भीड़ तो जुटाई जा सकती है, वोट डालवाने का हुनर सबको नहीं आता है.

उत्तर प्रदेश में तकरीबन 22 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है. कांग्रेस शायद इमरान प्रतापगढ़ी के बूते मैदान माराना चाहती है, जो किसी मुर्खता से कम नहीं. अभी नए और नौसिखये पर दाव लगाने की बजाए पार्टी को घाघ नेताओं को पटाकर रणभूमि में झोंकना चाहिए. कांग्रेस के तकरीबन सभी सीनियार लीडर इस समय अपनी अलग दुकान चला रहे हैं. सबकी दुकान बंद कराकर उन्हें एकजुट करने की जरूरत है. केवल युवा नेताओं के बूते बाजी नहीं मारी जा सकती. कम से कम ऐसे वक्त मंे कांग्रेस को इतनी समझदारी से काम तो लेना ही चाहिए. यूपी चुनाव में मुस्लिम वोटर्स को साधने के लिए सभी पार्टियां अपने पैंतरे आजमाएगी. उनके दांव इमरान प्रतापगढ़ी काटपाएंगे, इसमें संदेह है.

बहरहाल, खबर यह है कि कांग्रेस पार्टी ने चार नए सचिवों की नियुक्ति की है. उत्तर प्रदेश के उर्दू कवि इमरान प्रतापगढ़ी को नदीम जावेद की जगह कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. प्रतापगढ़ी पार्टी के स्टार प्रचारक रहे हैं. मुरादाबाद से लोकसभा चुनाव में हार गए थे.

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी में चार सचिव नियुक्त किए हैं जबकि एक सचिव का कार्यभार बदल दिया गया है.

चार सचिवों में से सप्तगिरि शंकर उलाका को प्रभारी छत्तीसगढ़, दीपिका पांडे सिंह को उत्तराखंड, इमरान मसूद को दिल्ली, बृजलाल खबरी को बिहार का सचिव नियुक्त किया गया है, जबकि संजय दत्त को तमिलनाडु और पुडुचेरी से हटाकर हिमाचल प्रदेश का कार्यभार सौंपा गया है.इमरान मसूद और बृजलाल खबरी यूपी से हैं. दीपिका पांडे सिंह झारखंड से.

कांग्रेस कुछ और नए पदाधिकारियों की नियुक्ति पर विचार कर रही है. इसके लिए नामों का चयन किया जा रहा है. परिवर्तन आसन्न हैं क्योंकि हाल के चुनावों में पार्टी की हार को देख रहे कांग्रेस पैनल की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है.

पांच राज्यों में हाल ही में संपन्न चुनावों में हार का विश्लेषण करने के लिए गठित कांग्रेस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सोनिया गांधी को सौंप दी है.